भाजपा नेता नायब सिंह सैनी ने मनोहर लाल खट्टर के बाद हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके बाद उन्होंने पूर्व सीएम खट्टर के पैर भी छुए। इससे पहले मंगलवार दिन में खट्टर और हरियाणा प्रभारी बिप्लब देव की मौजूदगी में नायब सिंह सैनी को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था। सैनी कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद हैं और ओबीसी का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। सैनी पूर्व में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
बीजेपी की तरफ से यह घोषणा मनोहर लाल खट्टर और उनके पूरे मंत्रिमंडल द्वारा राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंपने के ठीक बाद आई। इससे पहले हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) गठबंधन के भीतर विशेष रूप से आगामी लोकसभा चुनावों से पहले सीट-बंटवारे की व्यवस्था के संबंध में दरार के बारे में बड़े पैमाने पर अटकलों का दौर जारी रहा। निवर्तमान मंत्रिमंडल में खट्टर सहित 14 मंत्री और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के तीन सदस्य शामिल थे। इन सभी ने एक साथ अपना इस्तीफा दे दिया।
इन लोगों ने ली मंत्री पद की शपथ:
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा नेता कंवर पाल गुज्जर, मूलचंद शर्मा, जय प्रकाश दलाल, बनवारी लाल और निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह ने हरियाणा कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
-विधायक कंवरपाल सिंह हरियाणा के यमुनानगर जिले के रहने वाले है। वह इससे पहले भी शिक्षा मंत्री, वन मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वह हरियाणा विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं।
-बल्लभगढ़ से बीजेपी विधायक मूलचंद शर्मा खट्टर सरकार में परिवहन और खनन मंत्री रहे हैं। उन्होंने फिर से मंत्री पद की शपथ ली है। वह लगातार अपनी सीट से दूसरी बार विधायक बने थे।
-रणजीत सिंह हरियाणा सरकार में पहले भी मंत्री रहे हैं। वह खट्टर सरकार में ऊर्जा और बिजली मंत्री रहे हैं। रनिया सीट से वह निर्दलीय विधायक हैं। 2019 में उन्होंने अपने पोते दुष्यंत चौटाला के साथ खट्टर सरकार में शामिल हुए थे। रणजीत सिंह पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पुत्र और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के भाई हैं।
-जय प्रकाश दलाल लोहारू सीट से विधायक हैं। 2014 में बीजेपी में शामिल होने वाले दलाल पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष, बीजेपी किसान सेल के प्रभारी, जींद जिला प्रभारी जैसे कई पदों पर रह चुके हैं। वह हरियाणा सरकार में कृषि और किसान कल्याण, पशुपालन और डेयरी मत्स्य पालन, कानून और विधायी कैबिनेट मंत्री रहे हैं।
-डॉ. बनवारी लाल हरियाणा के बावल से विधायक है. सहकारिता एवं जन स्वास्थ्य मंत्री डॉ बनवारी लाल जोकि हरियाणा सरकार मे अनुसूचित वर्ग के मुख्य चेहरा है.
नायब सिंह सैनी ओबीसी समुदाय के बड़े नेताओं के तौर पर जाने जाते हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस बदलाव के कई मायने बताये जाते है। बीजेपी हरियाणा मे नॉन जाट की राजनीति करती है। करीब 9 साल पहले बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौका दिया था। अब लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा मे बीजेपी ने फिर बदलाव किया है और इस बार बीजेपी ने एक ओबीसी नेता को मुख्यमंत्री बनाया है।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आने वाले 53 साल के सैनी, मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। उनकी नियुक्ति को हरियाणा की जाति-केंद्रित राजनीति में गैर-जाट मतदाताओं विशेष रूप से पिछड़े समुदायों को एकजुट करने की बीजेपी की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है।
हरियाणा का ओबीसी समुदाय पिछले कुछ समय से लगातार सत्ताधारी दलों पर समुदाय के लोगों की अनदेखी के आरोप लगा रहा है। पिछले दिनों रोहतक मे एक ओबीसी समाज ने एक बड़ी रैली की थी। और उसमे कहा गया कि सरकार में ओबीसी समाज अब तक अपने हक और अधिकारियों से मरहूम है और उनको सही हक नहीं मिला तो सत्ताधारी दलों को समुदाय के लोग वोट नहीं करेंगे। इसी कड़ी में 18 फरवरी को करनाल में कश्यप बिरादरी ने भी अपने समाज की अनदेखी का आरोप लगाया था।
पिछले कुछ समय से ओबीसी समाज के संगठनों के पदाधिकारियों की मांग है कि समुदाय के लोगों को हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कम से कम 25 मिलें। रोहतक रैली में भी कहा गया कि हरियाणा में ओबीसी समुदाय के काफी वोट बैंक होने के बावजूद समाज के लोगों को उस लिहाज से टिकट नहीं दी जाती और अबकी बार लोकसभा की 10 में से 3 और विधानसभा की 90 में से कम से कम 25 सीट ओबीसी समुदाय के लोगों को दी जाए, ताकि उनको उनका हक मिल सके। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता तब तक यह लड़ाई जारी रखेंगे।
हालांकि हरियाणा में जातिगत जनगणना तो नहीं हुई, लेकिन पिछले साल सरकार ने पीपीपी आधार पर वर्ग विशेष को लेकर 72 लाख परिवारों में से 68 लाख के आंकड़े जारी किए थे। पिछले साल परिवार पहचान पत्र स्कीम के तहत सामान्य, एससी, बीसी और बैकवर्ड क्लास के परिवारों के आंकड़े जरूर सामने आए हैं। हरियाणा में एससी व बीसी वर्ग की बात करें तो कुल जनसंख्या का ये करीब 51 फीसदी हैं। पीपीपी के आधार पर प्रदेश की कुल संख्या 2 करोड़ 83 लाख है। बीसी ए वर्ग के लोगों की संख्या 4793312 है जो कुल जनसंख्या का 16.93 फीसदी हैं। इनके अलावा बीसी बी कैटेगरी की संख्या 3797306 है।
ये जनसंख्या का 13.41 फीसदी है। इनके अलावा हरियाणा में एससी वर्ग के लोगों की संख्या 5861131 है और कुल का 20.71 प्रतिशत है। ऐसे में प्रदेश की कुल जनसंख्या का पांचवा हिस्सा एससी वर्ग का है। आने वाले चुनावों में एससी व बीसी वर्ग आंकड़ा देखते हुए साफ है कि ये दोनों ही साइडिंग फैक्टर साबित होने वाले हैं। ये भी बता दें कि ये भी बता दें कि प्रदेश में 72 लाख परिवारों ने पीपीपी बनवाने के लिए आवेदन किया। इनमें से 68 लाख परिवारों का डाटा उस समय वेरीफाई हो चुका था। लगभग 2.5 लाख परिवार ऐसे हैं, जो किसी अन्य राज्य में रह रहे हैं।
यहाँ ये बताना भी लाजिमी है पिछले कुछ समय से हरियाणा में जातीय जनगणना की मांग उठती रही है। नवंबर 2023 में हरियाणा में ओबीसी समाज के नुमाइंदों ने जातीय जनगणना नहीं करवाने को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा था कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।
कौन हैं नायब सिंह सैनी?
54 वर्षीय नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद हैं और ओबीसी समुदाय के सदस्य हैं। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में भाजपा की हरियाणा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
उन्होंने अपना राजनीतिक करियर 1996 में भाजपा के साथ शुरू किया, हरियाणा भाजपा के संगठनात्मक ढांचे से शुरुआत की और धीरे-धीरे पार्टी में आगे बढ़ते गए। सैनी ने 2002 में अंबाला में भाजपा युवा विंग के जिला महासचिव के रूप में कार्य किया और बाद में 2005 में अंबाला में जिला अध्यक्ष बने।
वह 2014 में नारायणगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए और बाद में 2016 में हरियाणा सरकार में मंत्री के रूप में नियुक्त हुए।
2019 के लोकसभा चुनावों में सैनी कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र से विजयी हुए। उन्होंने कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3.83 लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से हराया।
मनोहर लाल खट्टर के भरोसेमंद सहयोगी के रूप में जाने जाने वाले सैनी 2014 में विधायक बनने के बाद से हरियाणा की राजनीति में लगातार उपस्थिति बनाए हुए हैं। वह अपने युवा दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य भी थे।