लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट के लिए एक नया चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। एनसीपी के शरद पवार के गुट को “एक व्यक्ति को तुरहा बजाते हुए” का चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है। मराठी भाषा में इसे ‘तुतारी’ कहा जाता है। आयोग की ओर से मिले नए सिंबल पर पार्टी की ओर से कहा गया है कि ये हमारे लिए गर्व की बात है।
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पार्टी की ओर से कहा गया है, “महाराष्ट्र के इतिहास में दिल्ली की गद्दी के कान खड़े करने वाले छत्रपति शिव राय का शौर्य आज ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – शरद चंद्र पवार’ के लिए गौरव का विषय है। महाराष्ट्र के आदर्श, फुले, शाहू, अम्बेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रगतिशील विचारों के साथ, यह ‘तुतारी’ शरद पवार के साथ दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए एक बार फिर से बिगुल बजाने के लिए तैयार है।”
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चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा, “प्राप्त अनुरोध के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य के सभी संसदीय क्षेत्रों में समूह/पार्टी को “मैन ब्लोइंग तुरहा” आवंटित किया गया है।”
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इससे पहले शरद गुट को चुनाव चिह्न के रूप में ‘वटवृक्ष’ मिला था, जिसको लेकर विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताई थी। वीएचपी का कहना था कि वटवृक्ष उनके संगठन का रजिस्टर्ड सिंबल है।
चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को एनसीपी के संस्थापक शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए पार्टी के अजीत पवार गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न ‘दीवार घड़ी’ आवंटित कर दिया था। आयोग ने 147 पेजों का आदेश दिया था। आयोग ने सभी दस्तावेजी सबूतों का विश्लेषण कर कहा कि इससे स्पष्ट है कि अजित गुट का पार्टी और पार्टी के अलावा संगठन पर वर्चस्व है। उनके गुट के लोग ज्यादा भी हैं। इस वजह से पार्टी का नाम और निशान दोनों अजित गुट को दिए जाते हैं।
जुलाई 2023 से चाचा और भतीजे के बीच गुटीय विवाद चल रहा है, जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए, जिससे एनसीपी में विभाजन हो गया।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी की अयोग्यता याचिकाओं में उनके हालिया फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर एनसीपी के शरद पवार गुट के विधायकों और महाराष्ट्र अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को नोटिस जारी किया था।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को तय की है।
अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के मुख्य सचेतक अनिल भाईदास पाटिल ने शरद पवार गुट के 10 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की थीं। पाटिल ने अदालत से स्पीकर राहुल नार्वेकर के हालिया आदेश को रद्द करने, इसे कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण घोषित करने और सभी 10 विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है।