सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजों को पलट दिया। कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह की ओर से खराब बताए गए 8 मतपत्रों को वैलिड करार देते हुए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ मेयर पद का विजेता घोषित किया। बेंच ने कहा कि मतगणना के दौरान पीठासीन अधिकारी ने नियम विरुद्ध काम किया। पीठासीन अधिकारी को निष्पक्ष होना चाहिए, लेकिन उन्होंने जान-बूझकर मतपत्र खराब किए। उन्होंने कोर्ट में भी गलतबयानी की। उनका आचरण दो वजहों से गलत है। पहला कि उन्होंने चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित किया और दूसरा कि कोर्ट में झूठ बोला।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह द्वारा अमान्य किए गए आठ मतपत्र वैध थे और वे आप के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में डाले गए थे। पीठ ने कहा कि अनिल मसीह ने याचिकाकर्ता के पक्ष में डाले गए आठ मतपत्रों को विकृत करने का जानबूझकर प्रयास किया।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और गुरमिंदर सिंह की ओर से आग्रह की गई याचिकाकर्ता की शिकायत यह है कि वीडियो फुटेज में कोई संदेह नहीं है कि पीठासीन अधिकारी ने मतपत्र पर हस्ताक्षर करते समय स्याही का निशान लगाने का आरोप लगाया था। मतपत्र के निचले आधे भाग पर और यह 8 मतपत्रों के मामले में हुआ जो याचिकाकर्ता के पक्ष में डाले गए थे। नतीजतन, यह प्रस्तुत किया गया कि पीठासीन अधिकारी की ओर से याचिकाकर्ता के पक्ष में डाले गए 8 वोटों को अवैध मानने का जानबूझकर प्रयास किया गया, ताकि 8वें प्रतिवादी को इस आधार पर निर्वाचित उम्मीदवार घोषित किया जा सके कि उसने 16 वोट हासिल किए हैं।
पीठ ने आगे कहा कि लोकतांत्रिक सिद्धांतों को संरक्षित करना अदालत का कर्तव्य है। रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया गया।
पीठ ने कहा कि पीठासीन अधिकारी (अनिल मसीह) को कोर्ट में झूठ बोलने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है। वह 3 हफ्ते में जवाब दें। सारे रिकॉर्ड को वापस हाई कोर्ट रजिस्ट्रार के पास भेजा जा रहा है। उसे सुरक्षित रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को घोषित चंडीगढ़ मेयर चुनाव परिणाम को निरस्त किया।
आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सत्यमेव जयते।
वहीं आप नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी गई। बड़ी जीत हुई है। खुशी के साथ चिंता भी है कि देश के हालात आज क्या हो गए। भारत आज़ाद हो गया इसका क्या मतलब था। सड़कें, ट्रेन और बंदरगाह जैसी चीजें तो अंग्रेज भी बना रहे थे, लेकिन देश आज़ाद इसलिए कराया ताकि लोग अपनी सरकार चुन सकें और चुनी हुई सरकार लोगों के लिये काम करें। आज चिंता इस बात की है कि देश की केंद्र सरकार और दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कहलाने वाली बीजेपी चंडीगढ़ के एक छोटे से चुनाव में झूठ, फ़रेब धोखाधड़ी कैमरे के ऊपर करती नज़र आई तो समझिये जहां कैमरा नहीं होगा वहां ये लोग क्या करते होंगे।
कांग्रेस के आधिकारिक पोस्ट से कहा गया, “चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट ने INDIA गठबंधन के उम्मीदवार को विजय घोषित किया। यह देश में लोकतंत्र की जीत है, तानाशाही ताकतों को मुंहतोड़ जवाब है। इस ऐतिहासिक फैसले से लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का बहुत-बहुत आभार।हम सभी देशवासियों को साथ मिलकर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करनी है। यह हम सभी का कर्तव्य है, देश के प्रति हमारी साझी जिम्मेदारी है। लोकतंत्र जिंदाबाद।”
राहुल गांधी ने कहा, “लोकतंत्र की हत्या की भाजपाई साजिश में मसीह सिर्फ ‘मोहरा’ है, पीछे मोदी का ‘चेहरा’ है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र को निरंकुश बीजेपी के जबड़ों से बचाया है, जो गंदे चुनावी हेरफेर का सहारा लेती थी। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में संस्थागत तोड़फोड़ मोदी-शाह की लोकतंत्र को कुचलने की कुटिल साजिश का एक छोटा सा हिस्सा मात्र है। सभी भारतीयों को हमारे संविधान पर इस हमले का सामूहिक रूप से मुकाबला करना चाहिए। कभी न भूलें, 2024 के लोकसभा चुनाव में हमारा लोकतंत्र चौराहे पर होगा।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर के हास्यास्पद चुनाव पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भारतीय लोकतंत्र को बचाने में बहुत मददगार साबित होगा। पूरी चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से एक दिखावा थी, जो इस ऐतिहासिक फैसले से विधिवत उजागर हो गई है। हम 4 महीने से लगातार वीवीपैट की पूरी गिनती के मुद्दे पर चर्चा के लिए चुनाव आयोग से समय मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक हमें समय नहीं मिला है। हमें उम्मीद है कि ईसीआई तेजी से कदम उठाएगा और ऐसे कदम उठाएगा जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों का विश्वास बढ़ेगा, न कि उसे ठेस पहुंचेगी।
इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मतपत्र और वोटों की गिनती का वीडियो पेश करने का आदेश दिया था।
भाजपा ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत हासिल की, तीनों पद बरकरार रखे और कांग्रेस-आप गठबंधन को हरा दिया। इसके बाद AAP ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर चुनाव प्रक्रिया में “धोखाधड़ी और जालसाजी” का आरोप लगाते हुए दोबारा चुनाव कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें अनिल मसीह सीसीटीवी पर नजर डालते हुए मतपत्रों पर टिक लगाते दिख रहे हैं, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर चिंता बढ़ गई।
सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव में “खरीद-फरोख्त का कारोबार” बताया और कहा कि अगर मसीह को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का दोषी पाया जाता है तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
मालूम हो कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव मेंबीजेपी के पक्ष में 16 वोट पड़े थे, जबकि कांग्रेस और AAP गठबंधन के पक्ष में 20 वोट पड़े थे, लेकिन प्रिजाइडिंग ऑफिसर ने कथित रूप से उनके 8 वोट रद्द कर दिए और 16 पार्षदों के समर्थन वाले बीजेपी के जीत का ऐलान कर दिया था। इसके बाद AAP और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। मेयर चुनाव के प्रिजाइडिंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखे थे। इसी वीडियो को AAP और कांग्रेस ने सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था।