किसानों का विरोध प्रदर्शन बुधवार को दूसरे दिन में प्रवेश कर गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है।
उन्होंने किसानों से चर्चा के लिए उपयुक्त माहौल बनाए रखने की भी अपील की। पत्रकारों से बात करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा, “हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हमें सभी पक्षों को ध्यान में रखकर बातचीत करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, ”मैं किसान संघ से अनुरोध करता हूं कि वे चर्चा का माहौल बनाए रखें।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”मैंने पहले ही कहा था कि किसान संघ के साथ सकारात्मक चर्चा करने के हमारे प्रयास जारी रहेंगे।”
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मुंडा ने कहा कि किसान संगठनों को यह बात समझना जरूरी है कि जिस कानून की बात की जा रही है इस तरीके से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है। जिससे बाद के दिनों में सबके लिए बगैर सोची समझी स्थिति के बारे में लोग आलोचना करें। किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा आम जनजीवन को बाधित न किया जाए।’ मैं किसान संगठनों को यही कहूंगा किसी राजनीति से प्रेरित होकर के काम ना करें।
उन्होनें कहा, “जिस तरह से (किसान) संगठनों द्वारा बातें कही जा रही हैं और जिस तरह से वे समस्याओं को हल करने के बजाय उन समस्याओं को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, वह लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। मैं सभी किसान संगठनों से अनुरोध करूंगा कि वे पहल करें। समस्या के समाधान का रास्ता मजबूत कर सकते हैं और बातचीत के जरिए समाधान निकाल सकते हैं। सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।”
कृषि मंत्री ने आगे कहा, “मैं विभिन्न किसान संगठनों के सभी नेताओं से आग्रह करना चाहूंगा कि वे सहयोग करें और संवाद करें ताकि आम लोगों को परेशानी न हो। सरकार इस संबंध में दृढ़ संकल्पित है। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि प्रशासनिक प्रकृति के सभी कार्य होंगे। तेजी से काम किया जा रहा है। लेकिन नए कानूनों के निर्माण में बहुत सी बातों पर विचार करना होगा। आने वाले दिनों में हम किसान संगठनों के साथ चर्चा करना चाहते हैं और किसी भी संभावित समाधान की तलाश करना चाहते हैं।”
बुधवार को दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ क्योंकि पुलिस ने किसानों के प्रस्तावित दिल्ली मार्च के मद्देनजर सिंघू और टिकरी सीमाओं पर कई परतों की बैरिकेडिंग लगा दी और वाहनों की आवाजाही रोक दी।
जबकि हरियाणा के साथ सिंघू और टिकरी सीमाएँ यातायात के लिए पूरी तरह से बंद थीं, फिर भी गाज़ीपुर सीमा पर विनियमित तरीके से वाहनों की आवाजाही की अनुमति थी।
किसानों के दिल्ली मार्च को रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर के पास एक गांव में सड़क का एक हिस्सा खोद दिया गया।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून की मांग कर रहे किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कहा कि किसान अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली जाएंगे।