उत्तराखंड के हलद्वानी में बनभूलपुरा में एक अवैध रूप से निर्मित मदरसे और उससे सटी मस्जिद को ढहाए जाने को लेकर भड़की हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 25 और लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे मामले में कुल गिरफ्तारियों की संख्या 30 हो गई है। पांच लोगों को पुलिस पहले ही पकड़ चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि इस बीच उत्तराखंड सरकार ने हलद्वानी में तैनाती के लिए और केंद्रीय बलों की मांग की है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की चार कंपनियों – जिनमें से प्रत्येक में लगभग 100 कर्मी हैं – को बनभूलपुरा में तैनात करने की मांग की गई है।
शीर्ष घटनाक्रम ये हैं:
एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीना ने कहा कि पूरे मामले पर 3 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 25 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, “इन 25 लोगों के पास से हमने 7 देशी पिस्तौल और 54 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। जब उन्होंने बनभूलपुरा पुलिस स्टेशन पर हमला किया, तो उन्होंने विभिन्न कैलिबर के सरकारी गोला-बारूद भी लूट लिए, जिनमें से 99 बरामद कर लिए गए हैं।”
उन्होनें कहा, “इन गिरफ्तारियों के साथ हलद्वानी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया है।” वरिष्ठ पुलिसकर्मी ने यह भी कहा कि वे मुख्य अपराधी की तलाश कर रहे हैं और उस क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल की जा रही है जहां हिंसा भड़की थी।
उत्तराखंड सरकार ने हलद्वानी में तैनाती के लिए और केंद्रीय बलों की मांग की है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गृह मंत्रालय को एक अनुरोध भेजा है जिसमें बनभूलपुरा में तैनाती के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की चार कंपनियों – जिनमें प्रत्येक में लगभग 100 कर्मी हों – की मांग की गई है। शहर में लगभग 1,100 सुरक्षाकर्मी पहले से ही तैनात हैं। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार की हिंसा में छह दंगाई मारे गए जबकि 60 लोग घायल हो गए थे।
सोमवार से बनभूलपुरा थाना क्षेत्र को छोड़कर बाकी सभी जगह से कर्फ्यू हटा लिया गया है। शेष सभी क्षेत्रों में स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र सोमवार से खुल गए हैं। रविवार को बनभूलपुरा में दुकानें बंद रहीं और सड़कें सुनसान रहीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अफवाह फैलाने वालों को रोकने के लिए क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित हैं।
गुरुवार को हुई हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं और इसे एक पखवाड़े के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत करेंगे, जो 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि उपद्रवियों की गिरफ्तारी और हिंसा में शामिल उपद्रवी तत्वों पर नियंत्रण के लिए कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पूरे राज्य में अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई करती रहेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता यशपाल आर्य के नेतृत्व में उत्तराखंड कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार से दंगा प्रभावित क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।
धामी ने कांग्रेस नेताओं से कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश, प्रीतम सिंह, भुवन चंद्र कापड़ी, फुरकान अहमद, आदेश चौहान और ममता राकेश सहित कई कांग्रेस विधायक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।