झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन की सरकार फ्लोर टेस्ट जीतने में कामयाब हो गई है। चंपई सरकार के समर्थन में कुल 47 वोट पड़े हैं, जबकि विपक्ष को कुल 29 वोट मिले। हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे बन्ना गुप्ता ने कहा कि आज ये साबित हो गया है कि हमारे पास पूरा बहुमत था। हमारे साथ कोई खेला नहीं कर सकता है। बहुमत की सरकार थी, है और रहेगी। उन्होंने दावा किया है कि राष्ट्रपति शासन लगाने की सुनियोजित साजिश थी।
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चंपई सोरेन की जीत की घोषणा झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने की। झारखंड विधानसभा में इसका जोरदार स्वागत किया गया। सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया है और मंगलवार को फिर से शुरू होगा।
इससे पहले झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई। कोरोना के दौरान लॉकडाउन में हम देशभर में रहने वाले झारखंड के मजदूरों को हवाई जहाज से लेकर आए। उन्होंने कहा कि अगर हेमंत है तो हिम्मत है।
सीएम चंपई सोरेन ने कहा, “हेमंत सोरेन पर झूठे आरोप लगाए गए। हेमंत ने राज्य को कुशल नेतृत्व दिया। जहां खाता न वही, वहां हेमंत का नाम रखा गया है। बहुमत की सरकारें गिराई जा रही हैं।”
वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं इस सदन में चंपई सोरेन जी के विश्वास मत के समर्थन में खड़ा हुआ हूं। हमारी पूरी पार्टी और पूरा गठबंधन दल चंपई सोरेन को समर्थन करता है। मैं कहना चाहूंगा 31 जनवरी की जो काली रात, काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है। 31 की रात को देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री का गिरफ्तारी हुई हो, मेरी संज्ञान में नहीं है। ये मुझे लगता है कि ये पहली घटना है। मुझे लगता है कि इस घटना को अंजाम देने में कहीं न कहीं राजभवन भी शामिल है।
सोरेन ने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी की पटकथा पहले ही लिखी जा रही थी। उन्होंने कहा कि मेरी गिरफ्तारी सुनियोजित तरीके से हुई है। इन्हें लगता है कि मुझे जेल भेजकर इनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे। ये झारखंड है, यहां के आदिवासी और दलित भाइयों ने अपनी कुर्बानी देकर राज्य को बचाया है।
सोरेन ने कहा कि मैं आंसू नहीं बहाऊंगा क्योंकि दलित और आदिवासियों के आंसुओं का कोई मोल नहीं है। इनको 2000 से घोटाले नजर नहीं आ रहे हैं। सिर्फ 2019 से घोटाले ही दिखाई दे रहे हैं। मुझे पता था कि ये मेरे 5 साल के कार्यकाल को पूरा करने में रोड़े अटकाएंगे। उन्होंने कहा, आज मुझे किसलिए गिरफ्तार किया गया है? 8.5 एकड़ घोटाले में। अगर हिम्मत है तो सदन में कागज पटककर दिखाएं कि हेमंत के नाम कौन सी जमीन है। अगर यह साबित हो गया तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
पूर्व मुख्यमंत्री नेकहा – कानून के अंदर रहकर गैरकानूनी काम करना कोई इनसे सीखे। मैं तो कहता हूं कि आप लोग दस्तावेज लाइए सदन में। एक भी दस्तावेज आप लाकर दिखा दें तो मैं उसी दिन राजनीति से संन्यास क्या झारखंड छोड़कर चला जाऊंगा। जब इनको कुछ नहीं मिला तो हमारे बीबी-बच्चों और परिवार के खाते बही खंगाले जा रहे हैं।
उन्होनें कहा, “मुझे कोर्ट का आदेश है, मुझे मीडिया से बात नहीं करनी है। उन्होंने कहा कि मैं सदन में भी बात नहीं कर सकता हूँ। अब मुझे इंतजार है कि अब विधानसभा से लोग कब अरेस्ट होंगे? लोकसभा और राज्यसभा से कब गिरफ्तार होंगे? इस समय देश की बड़ी विचित्र स्थिति है।”
मालूम हो कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद चंपई सोरेन को JMM के विधायक दल का नेता चुना गया था। चंपई सोरेन ने बीते शुक्रवार को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। जेएमएम और गठबंधन के विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए हैदराबाद भेजा गया था, जहां से वो रविवार शाम को ही रांची लौटे थे, जिसके बाद उन्हें रांची के सर्किट हाउस में रोका गया था। इसके अलावा PMLA कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव में शामिल होने की इजाजत दे दी थी।