जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) (एमएलजेके-एमए) को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया है। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, मसर्रत आलम भट की अध्यक्षता वाली एमएलजेके-एमए, “अपने भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जानी जाती है।”
इसमें यह भी कहा गया कि गुट का उद्देश्य “भारत से जम्मू-कश्मीर की आजादी हासिल करना” और “पाकिस्तान के साथ इसके विलय को साकार करना और जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक राज्य की स्थापना करना” था।
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अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि गुट के सदस्य “जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”’मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)’/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य देश विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। ये जम्मू-कश्मीर आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन कर रहा है और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसा रहा है।”
शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश स्पष्ट और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।”
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दरअसल मुस्लिम लीग मसरत आलम ग्रुप की अध्यक्षता मसरत आलम भट करता है। यह संगठन अपने राष्ट्रविरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जाना जाता है। यह संगठन जम्मू और कश्मीर को भारत से स्वतंत्र करना चाहता है ताकि जम्मू और कश्मीर का पाकिस्तान में विलय हो सके और जम्मू कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित हो सके। इस संगठन के सदस्य जम्मू और कश्मीर में अलगाववाद संबंधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इसके नेता और सदस्य आतंकवादी का समर्थन करने जम्मू और कश्मीर में सुरक्षाबलों पर लगातार पथराव सहित अन्य गतिविधियों में शामिल रहे हैं। ये संगठन पाकिस्तान और उसके प्रोक्सी संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों से धन जुटाता है। साथ ही अपनी गतिविधियों से देश की संवैधानिक सत्ता और संवैधानिक व्यवस्था का अनादर करता है।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को सैनिकों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सेना जम्मू-कश्मीर की धरती से आतंकवाद का सफाया कर देगी।
सिंह ने सीमावर्ती जिले राजौरी में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे आपकी वीरता और दृढ़ता पर विश्वास है। जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद खत्म होना चाहिए और आपको इसी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ना है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप जीत हासिल करेंगे।” रक्षा मंत्री हाल ही में हुए सीमावर्ती जिले पुंछ में आतंकवादी हमले में चार सैनिकों की मौत के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक दिवसीय दौरे पर जम्मू पहुंचे थे।