कांग्रेस पार्टी आज अपना 139वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर पार्टी ने नागपुर में एक बड़ा आयोजन किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गढ़ में ‘हैं तैयार हम’ नाम की महारैली के साथ कांग्रेस पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए चुनावी बिगुल फूंक दिया है। यह महारैली इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नागपुर में की गई है, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुख्यालय और ऐतिहासिक ‘दीक्षाभूमि’ स्थित हैं। दीक्षाभूमि में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने बौद्ध धर्म को अपनाया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने बार-बार भाजपा और आरएसएस के खिलाफ अपनी लड़ाई को उजागर किया है।
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कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने रैली को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि अंबेडकर जी की कर्मभूमी में आकर आज मुझे बहुत खुशी हो रही है। आज कांग्रेस का स्थापना दिवस है और आज हम नागपुर में आपसे बात करने आए हैं। देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। लोगों को लगता है कि राजनीतिक लडाई है, सत्ता की लड़ाई है, वो है। मगर इस लड़ाई की नींव जो है, वो विचारधारा की है।
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उन्होंने कहा कि लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच में है। कुछ दिन पहले एक बीजेपी का सांसद मुझे लोकसभा में मिला, बहुत सारे बीजेपी के एमपी हुआ करते थे, ये छुपकर मिला मुझे। कहा राहुल गांधी जी आपसे बात करनी है। मैंने कहा कि भाई क्या बात करनी है, तुम तो बीजेपी में हो। फिर उसके चेहर पर टेंशन दिखाई दी। मैंने पूछा सबकुछ ठीक है? तो कहता है कि नहीं। राहुल जी, बीजेपी में रहकर सहा नहीं जाता। मैं हुं बीजेपी में मगर दिल मेरा कांग्रेस में है।
उन्होंने आगे कहा कि मन क्यू नहीं बनता आपका वहां। वह कहता है कि राहुल जी, बीजेपी में गुलामी चलती है। जो ऊपर कहा जाता है वो बिना सोचे समझे करना पड़ता है। हमारी कोई सुनता नहीं। ऊपर से ऑडर आता है। वो मानना पड़ता है।
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गांधी ने कहा कि बीजेपी में राजाओं की विचारधारा है। यहां ऊपर से आए आदेश का पालन होता है। लेकिन कांग्रेस में सभी को बोलने की आजादी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा कहती है कि देश की लगाम हिंदुस्तान की जनता के हाथ में होनी चाहिए। हम जनशक्ति की बात करते हैं। आप हमारे सभी कानून देखिए, आजादी की लड़ाई देश की जनता ने लड़ी थी। राजा-महाराजाओं ने नहीं लड़ी थी। उनकी तो पार्टनरशिप थी। लेकिन इस बारे में भूल जाते हैं। लोगों को लगता है कि आजादी की लड़ाई अंग्रेजों और राजा-महाराजाओं के खिलाफ थी। कांग्रेस ने गरीब जनता के लिए लड़ाई लड़ी।
गांधी ने कहा, “आज़ादी से पहले हिंदुस्तान की जनता, महिलाओं के कोई अधिकार नहीं थे। दलितों को छुआ नही जाता था, यह RSS कि विचारधारा है। यह हमने बदला है और वे फिर इसे वापस लाना चाहते हैं, हिंदुस्तान आज़ादी से पहले जहां था वे वहां उसे लौटाना चाह रहे हैं।”
उन्होनें कहा, “आज सारी संस्थाओं पर बीजेपी का कब्जा है। आज सभी वाइस चांसलर एक ही संगठन के हैं। उन्हें कुछ आता-जाता नहीं है। आज हिंदुस्तान के वाइस चांसलर मेरिट के आधार पर नहीं बनते हैं।”
राहुल ने मीडिया पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम देश की जनता को देश की शक्ति देना चाहते हैं। लोग कहते हैं कि कांग्रेस ने श्वेत क्रांति की। श्वेत क्रांति हिंदुस्तान की नारी शक्ति ने की। हरित क्रांति देश के किसानों ने की। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्रांति युवाओं ने की। कांग्रेस ने विजन दिया। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि पिछले 10 साल में मोदी सरकार में कितने लोगों को नौकरी मिली है। पिछले 40 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है। हिंदुस्तान के करोड़ों युवाओं की शक्ति बेकार हो रही है। आज देश का युवा नौकरी नहीं करता, बल्कि 7-8 घंटे मोबाइल पर इंस्टाग्राम और फेसबुक चला रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि देश का पूरा धन दो-तीन लोगों के हाथ में जाता है। उन्होंने कहा कि मैंने लोकसभा में पूछा था कि देश को 90 लोग चलाते हैं। IAS ऑफिसर हैं जो पूरा बजट बांटते हैं। मैंने जब पूछा कि इसमें ओबीसी या आदिवासी कितने हैं, तो बीजेपी के लोग चुप हो गए। ओबीसी की 50 फीसदी आबादी है। दलितों की 15 फीसदी आबादी है। आदिवासियों की करीब 12 फीसदी आबादी है। लेकिन 90 अफसरों में सिर्फ 3 ओबीसी हैं। ये हाल हर फील्ड में है।
गांधी ने कहा, “एक तरफ युवाओं पर आक्रमण किया जा रहा है और दूसरी तरफ हिंदुस्तान के 2-3 अरबपतियों को देश का पूरा धन दिया जा रहा है।
1,50,000 युवाओं को हिंदुस्तान की सेना और वायु सेना के लिए चुन लिया गया था। मोदी सरकार ने अग्निवीर योजना लागू की और इन युवाओं को आर्मी और वायु सेना में नहीं आने दिया गया।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “जैसे ही हमारी सरकार दिल्ली में आएगी, हम जाति जनगणना करवाएंगे। उन्होंने कहा कि ये विचारधारा की लड़़ाई है। करोड़ों लोगों को बीजेपी की सरकार ने फिर से गरीबी में धकेल दिया है। हमने जो काम मनरेगा की मदद से किया, वो बीजेपी ने सब खत्म कर दिया। हमें दो भारत नहीं चाहिए। देश के युवाओं को रोजगार की जरूरत है ये काम मोदी सरकार नहीं कर सकती। ये काम इंडिया गठबंधन कर सकता है।”
वहीं खड़गे ने कहा, ‘स्थापना दिवस पर हम सब मिलकर देश को एक संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी अपने विचारधारा से कभी भी नहीं झुकने वाली है और अपने विचारधारा से आगे बढ़ेगी और यही संदेश हम नागपुर से देना चाहते हैं।’
नागपुर में कांग्रेस के अभियान ‘Donate for Desh’ के लिए राशि देने वाले तीन दानकर्ताओं को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने सर्टिफिकेट भी भेंट किया।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के 139वें स्थापना दिवस समारोह पर दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में पार्टी का झंडा फहराया।
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खड़गे ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का उद्देश्य जन-कल्याण और भारत के लोगों की उन्नति है। हम संसदीय लोकतंत्र पर आधारित ऐसे भारत में विश्वास रखते हैं जिसमें समानता हो, बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए अवसर हो और संविधान में रचे-बसे राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकारों का पालन हो। हमें गर्व है कि पिछले 138 वर्षों से हम पूरी ईमानदारी के साथ ऐसे भारत के निर्माण में संघर्षरत हैं। कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर मेरी ओर से हर एक भारतीय को हार्दिक शुभकामनाएँ।”
इस मौके पर राहुल गांधी ने पोस्ट कर कहा, “सत्य और अहिंसा जिसकी बुनियाद है, मोहब्बत, भाईचारा, सम्मान और समानता जिसके स्तंभ हैं और देशप्रेम जिसकी छत है, मुझे फक्र है कि मैं ऐसे संगठन का हिस्सा हूं, गर्व है कि मैं कांग्रेस का एक भाग हूं। कांग्रेस स्थापना दिवस की सभी नेता गणों, पदाधिकारियों, समर्थकों और मेरे प्यारे बब्बर शेर और शेरनी कार्यकर्ताओं को हार्दिक शुभकामनाएं।”
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मालूम हो कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को बॉम्बे (अब मुंबई) में दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में 72 प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ की गई थी। इसके संस्थापक महासचिव ए.ओ. ह्यूम थे और व्योमेश चंद्र बनर्जी पैहले अध्यक्ष बने थे। कांग्रेस पार्टी ने 1885 से अब तक 64 ऐसे मौके देखे, जब कांग्रेस छोड़ने के बाद नेताओं ने अपनी नई पार्टी बना ली। 1969 में तो कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने इंदिरा गांधी को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। तब इंदिरा ने अलग कांग्रेस बना ली थी।