नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान बातचीत के जरिए विवादों को खत्म नहीं करते हैं, तो कश्मीर का भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा। अब्दुल्ला पिछले हफ्ते पुंछ में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र कर रहे थे जिसमें भारतीय सेना के चार जवान मारे गए और अन्य घायल हो गए और उसके बाद तीन नागरिकों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा, “अगर हम बातचीत के जरिए समाधान नहीं ढूंढते हैं तो हमारा भी वही हाल होगा जो गाजा और फिलिस्तीन पर हो रहा है, जिन पर इजराइल बमबारी कर रहा है।”
अब्दुल्ला ने बताया, ‘पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम अपने दोस्त तो बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। यदि हम अपने पड़ोसियों के साथ मित्रवत रहेंगे तो दोनों प्रगति करेंगे। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है और मामलों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।
उन्होंने पूछा, “बातचीत कहां है? नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और वे कह रहे हैं कि वे भारत के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। भारत के बातचीत के लिए तैयार नहीं होने के पीछे क्या कारण है?”
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इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राजौरी-पुंछ सेक्टर का दौरा किया और अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की।
इससे पहले सेना प्रमुख मनोज पांडे ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों का दौरा किया था और स्थानीय सैनिकों से उन गुफाओं को नष्ट करने को कहा, जिनका इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा छिपने के ठिकानों के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की भी समीक्षा की।
इस बीच, राजौरी-पुंछ में, विशेष रूप से डेरा की गली और बफलियाज़ के वन क्षेत्र में हवाई निगरानी और तलाशी अभियान बुधवार को आठवें दिन में प्रवेश कर गया। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं लगातार पांचवे दिन बंद रहीं।
सूत्रों ने कहा कि चीन पाकिस्तानी सेना को ड्रोन, हैंड ग्रेनेड और अन्य हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी समूहों ने हाल के हमलों में किया है और इसके सबूत सुरक्षा बलों को मिले हैं। इस साल हुए तीन बड़े आतंकी हमलों से सांठगांठ का खुलासा हुआ है। पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादी भारतीय सैनिकों के खिलाफ चीनी तकनीक से बनी स्नाइपर गन का इस्तेमाल करते पाए गए हैं।
ऐसा ही एक हमला नवंबर में किया गया था जहां जम्मू सीमा पर एक भारतीय सैनिक के खिलाफ स्नाइपर बंदूक का इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों ने दावा किया कि इस साल तीन बड़े आतंकी हमलों के बाद आतंकवादी संगठन द्वारा जारी की गई तस्वीरें चीनी निर्मित बॉडी कैमरों से ली गई थीं और उन्हें संपादित और रूपांतरित भी किया गया था।
खुफिया एजेंसियों ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा संचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग उपकरण भी चीनी हैं।