3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद से बीजेपी में अटकलों का बाजार गर्म था। मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर केंद्रीय नेतृत्व और पार्लियामेंट्री बोर्ड की समस्या योग्य व्यक्ति के चयन के साथ आने वाले लोकसभा चुनाव को भी साधने की थी। इसी को ध्यान में रखते हुये एक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री के फार्मूले पर मुहर लगाते हुये आज मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया गया है। लेकिन मध्यप्रदेश और राजस्थान में अभी भी तनातनी की स्थिति बरकरार है।
छत्तीसगढ़ के नये मुख्यमंत्री के तौर पर विजय शर्मा और उप मुख्यमंत्री के तौर पर अरुण साय, और विजय शर्मा को चुना गया ही इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए है।
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री बने विष्णुदेव साय-
विष्णुदेव राय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा से आते हैं। राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी सबसे अधिक है और राय इसी समुदाय से हैं। अजित जोगी के बाद छत्तीसगढ़ में कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं बना था जो आदिवासी समुदाय से निकला हो। बीजेपी इस बार आदिवासी समुदाय से आने वाले साय के ज़रिये पूरे देश के आदिवासियों को साधने की जुगत में है। विष्णुदेव साय 2020 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
बीजेपी ने सीएम पद के लिए जहां आदिवासी नेता का चुनाव किया है तो वहीं दो डिप्टी सीएम के चुनाव के वक्त ओबीसी वोट बैंक को भी ध्यान में रखा गया है। अरुण साव ओबीसी समाज से आते हैं। विजय शर्मा कबीरधाम जिले के कर्वधा से बीजेपी विधायक हैं। उन्होंने 39, 592 वोटों के अंतर से मंत्री मोहम्मद अकबर को हराया है। विजय शर्मा छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश महासचिव हैं, बीजेपी युवा मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। 50 वर्षीय विजय शर्मा पहली बार विधायक बने हैं।
रमन सिंह पूर्व में तीन बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहे है। इस बार भी मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा में रमन सिंह का नाम बना हुआ था लेकिन आलाकमान ने रमन सिंह को विधानसभा का अध्यक्ष बना कर सदन को संभालने की जिम्मेदारी दी है।
भाजपा की इस जीत के पीछे कभी कांग्रेस के सहयोगी रहे अजित जोगी के बेटे का हाथ बताया जा रहा है। जोड़ तोड़ की राजनीति में माहिर जोगी परिवार ने भाजपा के साथ अंदरखाने हाथ मिलाकर जीत की बाजी को पलट दिया है।