भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 5 दिसंबर तक पांच राज्यों में अपनी प्रस्तावित “विकसित भारत संकल्प यात्रा” न निकालें। आयोग ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को संबोधित एक पत्र में केंद्र से आगामी चुनावी राज्यों तथा उपचुनाव वाले नगालैंड के तापी निर्वाचन क्षेत्र में ‘जिला रथ प्रभारियों’ की नियुक्ति भी नहीं करने को कहा है। ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ सरकार के योजनाओं और पहलों पर एक मेगा आउटरीच कार्यक्रम है।
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आयोग ने कहा, “यह आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि मंत्रालयों को एक पत्र भेजकर उनसे 20 नवंबर 2023 से प्रस्तावित विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को विशेष अधिकारी के तौर पर ‘जिला रथ प्रभारी नामित करने के लिए मंत्रालयों को एक पत्र प्रसारित किया गया है।”
इसमें कहा गया है, “आयोग ने निर्देश दिया है कि उपरोक्त गतिविधियां उन निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं की जानी चाहिए जहां 5 दिसंबर, 2023 तक आदर्श आचार संहिता लागू है।”
चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी। इस बीच पहले ही दिन में केंद्र ने स्पष्ट कर दिया कि वह चुनावी राज्यों में यात्रा को छोड़ देगा।
इस बीच सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए खुलासा किया कि 2.55 लाख ग्राम पंचायतों और लगभग 18,000 शहरी स्थानों में सरकारी पहल को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों के संदर्भ में ‘रथ’ शब्द को खत्म करने का विकल्प चुना गया है। उन्होंने कहा, “चुनाव वाले राज्यों में जहां आदर्श आचार संहिता लागू है, वहां ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ शुरू करने की कोई योजना नहीं है। चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता हटने पर यात्रा शुरू होगी।”
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा जयंती-जन जाति गौरव दिवस के अवसर पर सूचना, शिक्षा और संचार वैन को हरी झंडी दिखाकर यात्रा का शुभारंभ करेंगे। इससे पहले यह यात्रा झारखंड के खूंटी जिले से आदिवासी जिलों के लिए शुरू होने वाली थी और देश भर के शेष जिलों को 22 नवंबर से 25 जनवरी 2024 के बीच कवर करने की योजना थी।