वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि मैं मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है, और शायद भविष्य में भी नहीं छोड़ेगा। कांग्रेस के दिग्गज नेता की यह टिप्पणी राज्य में विधानसभा चुनाव होने से कुछ सप्ताह पहले आई है।
गहलोत ने दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में कहा, “एक बार एक महिला ने मुझसे कहा था कि, भगवान ने चाहा तो आपको चौथी बार सीएम बनना चाहिए। इसलिए, मैंने उनसे कहा कि मैं मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है, और शायद भविष्य में भी नहीं छोड़ेगा।”
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कांग्रेस पार्टी की राजस्थान इकाई के भीतर कड़वी गुटबाजी की पृष्ठभूमि में गहलोत की टिप्पणी महत्व रखती है। दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट को आमंत्रित नहीं किए जाने के बाद एक बार फिर सत्ता संघर्ष की अटकलें तेज हो गई हैं। टिकट बंटवारे को लेकर भी असंतोष की सुगबुगाहट है।
कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक राजस्थान के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। राज्य में 25 नवंबर को चुनाव होना है। सीएम चेहरे के नाम में देरी के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, गहलोत ने सचिन पायलट के साथ नए सिरे से टकराव की अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने इसके लिए भाजपा की कलह पैदा करने की साजिश को जिम्मेदार ठहराया।
राजस्थान के सीएम ने कहा, “चयन प्रक्रिया को लेकर विपक्ष का यही दर्द है कि कांग्रेस पार्टी में कोई मतभेद क्यों नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि आप सचिन पायलट के बारे में बात कर रहे हैं। सभी निर्णय सभी की राय से हो रहे हैं। मैं सचिन पायलट के समर्थकों के निर्णयों में, उनके पक्ष में भाग ले रहा हूं। केवल भाजपा को सुचारू निर्णय लेने की चिंता है।”
सचिन पायलट के साथ सत्ता संघर्ष पर राजस्थान के सीएम ने कहा, ” हम सब एकजुट हैं। मैंने किसी भी एक उम्मीदवार (पायलट पक्ष के) का विरोध नहीं किया है।”
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राज्य चुनावों के लिए टिकट देने पर पायलट के साथ मतभेद की बात को खारिज करते हुए, गहलोत ने कहा, “हम सभी एकजुट हैं। मैंने [पायलट पक्ष के] किसी भी एक उम्मीदवार का विरोध नहीं किया है।”
उन्होंने कहा, सचिन पायलट और मुझमें कितनी एकजुटता और प्यार मोहब्बत है इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा लीजिए कि उनके साथ जाने वाले एक भी विधायक के नाम पर मैंने ऑब्जेक्शन नहीं किया है इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा।
वहीं भाजपा में वसुंधरा राजे की अनदेखी के सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- मेरे कारण उनको सज़ा नहीं मिलनी चाहिए, ये अन्याय हो जाएगा।
गहलोत ने कहा, ”देश में क्या हो रहा है?…किसी भी पार्टी की सरकार हो, जिस तरह से न्यायपालिका पर दबाव बनाया जा रहा है, ED, इनकम टैक्स और CBI का दुरुपयोग किया जा रहा है, लोकतंत्र में यह तरीका उचित नहीं कहा जा सकता। आचार संहिता घोषित होने के बाद भी आप विपक्षी दलों पर छापेमारी करवा रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरे देश को इन एजेंसियों पर गर्व है, लेकिन आज जो हो रहा है इससे इनकी क्रेडिबिल्टी कम हो रही है। मैं इन तीनों एजेंसियों से मिलना चाहता हूं। मैं इन्हें बताना चाहता हूं कि इनकी क्रेडिबिल्टी नीचे जा रही है, जोकि नहीं होना चाहिए।”
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उन्होंने कहा, “ED, CBI और IT एजेंसियों के अधिकारी देश के लिए शपथ लेते हैं, इसलिए उनका काम देश के प्रति और निष्पक्ष होना चाहिए। मणिपुर कई महीनों से जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री जी को वहां जाने की फुर्सत नहीं है। प्रधानमंत्री जी छापे डलवाने में व्यस्त हैं।”
गहलोत ने आगे कहा, “मोदी जी ‘क्लासिक एग्जांपल’ हैं। अजित पवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और फिर उन्हें सरकार में शामिल कराकर वित्त विभाग दे दिया। ये पहले आरोप लगाते हैं और फिर BJP जॉइन कराकर अपनी वॉशिंग मशीन में सब धुल देते हैं। ”
मालूम हो कि राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।