कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत प्रयासों की समीक्षा की। एयरपोर्ट से मंडी जाते समय प्रियंका स्थानीय लोगों से मिलने के लिए रुकीं। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से बातचीत भी की। भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने 14 और 15 जुलाई को कुल्लू और मंडी जिलों में कहर बरपाया था।
प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ मंडी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और देवरी गांव में राहत, पुनर्वास और बहाली प्रयासों की समीक्षा की।
https://x.com/INCIndia/status/1701496153530081456?s=20
प्रियंका ने कहा, “हिमाचल में जब ये आपदा आई तब हिमाचल के हर वासी के दिल में एक भावना जगी की हम इस आपदा का सामना एक साथ करेंगे…हमारी सरकार दिन रात काम रही है। जितना नुकसान आपका हुआ है आपको उसकी पूरी मदद मिलेगी। जिनके घरों का नुकसान हुआ है उसके लिए भी सरकार मुआवजा देगी। ये पूरा देश आपके साथ खड़ा है। मैं भाजपा के मंत्रियों से कहना चाहती हूं कि इस आपदा पर राजनीति ना करें। अगर केंद्र सरकार इसे एक राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दे तो उससे बहुत राहत मिल सकती है।”
https://x.com/ANI/status/1701519996785218000?s=20
उन्होंने आगे कहा, “यहां बहुत दर्दनाक स्थिति है और बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है…हम बार-बार केंद्र सरकार से कह रहे हैं कि इसे एक राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दे तो इससे बहुत सुविधा हो जाएगी। प्रदेश सरकार की तरफ से जो-जो हो सकता है वे किया जा रहा है। मुख्यमंत्री खुद आपदा के समय से मदद करने में जुटे हैं। कुछ चीजें सिर्फ केंद्र सरकार ही कर सकती है और मुझे उम्मीद है कि वे करेंगे। मुझे नहीं लगता कोई इस प्रकार की आपदा का राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहता है। जब इतना बड़ा संकट आया है तो पूरे देश को एकजुट होकर मदद करनी चाहिए।”
अमेरिका से आयातित सेब पर 20% सीमा शुल्क में छूट के केंद्र सरकार के फैसले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “इससे (अमेरिकी सेब का) आयात आसान हो जाएगा और वे आसानी से बेचे जाएंगे। खरीद की कीमतें शिमला में सेब का उत्पादन बड़े उद्योगपतियों द्वारा कम कर दिया गया है। जब सेब उत्पादक यहां पीड़ित हैं, तो किसकी मदद की जानी चाहिए? उनकी, या अमेरिका के किसानों की?”
https://x.com/INCIndia/status/1701503445562257914?s=20
मालूम हो कि इस मानसून में भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश को बहुत नुकसान हुआ है। अब तक का नुकसान ₹8,600 करोड़ आंका गया है, जिसके बारे में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह आंकड़ा ₹12,000 करोड़ तक जा सकता है। हाल ही में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 426 लोगों की जान चली गई है, जबकि 39 अभी भी लापता हैं। 2,575 से अधिक घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 11,000 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।