ISRO एक बार फिर इतिहास रचने की दहलीज पर है। अब देश के साथ-साथ विश्व देश की निगाहें ISRO के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं। श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग सेंटर से ISRO के सूर्य मिशन आदित्य-L1 मिशन को आज 11.50 बजे लॉन्च कर दिया गया। आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी और सूर्य के बीच की एक फीसदी दूरी तय करके L-1 पॉइंट पर पहुंचा देगा। लॉन्चिंग के चार महीने दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा।
𝗡𝗼𝘄 𝐖𝐞 𝐑𝐢𝐬𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐒𝐮𝐧 🌞#PSLVC57 lifts off with #AdityaL1 spacecraft from Sriharikota, Andhra Pradesh,
🌞#Aditya L1 is the first space based Indian mission to study the Sun.
☀️#AdityaL1 spacecraft shall be placed in a halo orbit around the Lagrange point 1… pic.twitter.com/h2qDr0UCNG
— All India Radio News (@airnewsalerts) September 2, 2023
इसरो ने पोस्ट किया, “पीएसएलवी-सी57 द्वारा आदित्य-एल1 का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। वाहन ने उपग्रह को उसकी इच्छित कक्षा में सटीक रूप से स्थापित कर दिया है। भारत की पहली सौर वेधशाला ने सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के गंतव्य तक अपनी यात्रा शुरू कर दी है।”
PSLV-C57/Aditya-L1 Mission:
The launch of Aditya-L1 by PSLV-C57 is accomplished successfully.
The vehicle has placed the satellite precisely into its intended orbit.
India’s first solar observatory has begun its journey to the destination of Sun-Earth L1 point.
— ISRO (@isro) September 2, 2023
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने आदित्य-एल1 मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद एक संबोधन में कहा, “मैं पीएसएलवी को आदित्य-एल1 मिशन को करने के लिए इतने अलग मिशन दृष्टिकोण के लिए बधाई देता हूं। अब से, मिशन L1 बिंदु से अपनी यात्रा शुरू करेगा। यह लगभग 125 दिनों की बहुत लंबी यात्रा है। आइए हम आदित्य अंतरिक्ष यान को शुभकामनाएं दें।”
VIDEO | "I congratulate PSLV for such a very different mission approach to do the Aditya-L1 Mission. From now, the Mission will start its journey from the L1 point. It's a very long journey of almost 125 days. Let us wish all the best to Aditya spacecraft," says ISRO chairman S… pic.twitter.com/scFLcChVuK
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बधाई दी और कहा, “चंद्रयान -3 की सफलता के बाद, भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल 1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो में हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करना जारी रहेगा।”
After the success of Chandrayaan-3, India continues its space journey.
Congratulations to our scientists and engineers at @isro for the successful launch of India’s first Solar Mission, Aditya -L1.
Our tireless scientific efforts will continue in order to develop better…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2023
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “बधाई हो, इसरो। जबकि पूरी दुनिया ने इसे सांस रोककर देखा, यह वास्तव में भारत के लिए एक शानदार क्षण है।”
VIDEO | "Congratulations, ISRO. While the whole world watched this with bated breath, it is indeed a sunshine moment for India," says Union minister Jitendra Singh on the launch of Aditya-L1 Mission.#AdityaL1Launch #AdityaL1Mission pic.twitter.com/2hgKu0J5Yl
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2023
आदित्य-L1 का वजन 1480.7 किलोग्राम है। लॉन्च के करीब 63 मिनट बाद रॉकेट से आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट अलग हो जाएगा। रॉकेट वैसे तो आदित्य को 25 मिनट में ही तय कक्षा में पहुंचा देगा। यह इस रॉकेट की सबसे लंबी उड़ानों में से एक है।
आदित्य-L1 के साथ सूरज की स्टडी करने के लिए सात पेलोड्स भी शामिल हैं। इसमें PAPA पैलोड की काफी चर्चा है। ये अपने खास नामकरण की वजह से भी लोगों की उत्सुकता का केंद्र है।
– PAPA यानी प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य. यह सूरज की गर्म हवाओं में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स और भारी आयन की दिशाओं की स्टडी करेगा। कितनी गर्मी है इन हवाओं में इसका पता करेगा। इसके साथ ही चार्ज्ड कणों यानी आयंस के वजन का भी पता करेगा।
– सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT): सूरज के फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर इमेजिंग करेगा. यानी नैरो और ब्रॉडबैंड इमेजिंग होगी।
– सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS): सूरज को बतौर तारा मानकर वहां से निकलने वाली सॉफ्ट एक्स-रे किरणों की स्टडी करेगा।
– हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL1OS): यह एक हार्ड एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर है। यह हार्ड एक्स-रे किरणों की स्टडी करेगा।
– आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX): यह सूरज की हवाओं, प्रोटोन्स और भारी आयन के दिशाओं और उनकी स्टडी करेगा।
– प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA): यह सूरज की हवाओं में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स और भारी आयन की दिशाओं और उनकी स्टडी करेगा।
– एडवांस्ड ट्राई-एक्सियल हाई रेजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर्स: यह सूरज के चारों तरफ मैग्नेटिक फील्ड की स्टडी करेगा।
16 दिनों तक आदित्य-L1 धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा. इस दौरान पांच ऑर्बिट मैन्यूवर होंगे, ताकि सही गति मिल सके। इसके बाद आदित्य-L1 का ट्रांस-लैरेंजियन 1 इंसर्शन होगा। फिर यहां से उसकी 109 दिन की यात्रा शुरू होगी। जैसे ही आदित्य-L1 पर पहुंचेगा, वह वहां पर एक ऑर्बिट मैन्यूवर करेगा। ताकि L1 प्वाइंट के चारों तरफ चक्कर लगा सके।
बता दें कि लॉन्चिंग के बाद आदित्य-एल1 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करेगा. यह चांद की दूरी से करीब चार गुना ज्यादा है। लॉन्चिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है PSLV-XL रॉकेट, जिसका नंबर है PSLV-C57। आदित्य अपनी यात्रा की शुरुआत लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) से करेगा। उसके बाद यह धरती की गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्र यानी स्फेयर ऑफ इंफ्लूएंस (SOI) से बाहर जाएगा। यह थोड़ी लंबी चलेगी। इसके बाद इसे हैलो ऑर्बिट (Halo Orbit) में डाला जाएगा। जहां पर L1 प्वाइंट होता है। यह प्वाइंट सूरज और धरती के बीच में स्थित होता है। लेकिन सूरज से धरती की दूरी की तुलना में मात्र 1 फीसदी है। इस यात्रा में इसे 109 दिन लगने वाले हैं।