संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (ओसीसीआरपी) द्वारा किए गए दावों का दृढ़ता से जवाब देते हुए अदानी समूह ने अपने सार्वजनिक रूप से कारोबार वाले शेयरों के व्यापार के लिए अपारदर्शी मॉरीशस फंड का उपयोग करने के आरोपों को खारिज कर दिया है। समूह ने इन नए आरोपों को पुनर्नवीनीकरण के रूप में लेबल किया और कहा कि पत्रकारों द्वारा जांच की गई मॉरीशस फंड का नाम पहले ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सामने आ चुका है। ये आरोप न केवल निराधार और निराधार हैं, बल्कि हिंडनबर्ग के आरोपों से दोहराए गए हैं। OCCRP की ये रिपोर्ट हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के करीब आठ महीने के बाद आई है।
समूह ने इन दावों के समय को संदिग्ध माना गया है और कहा कि यह विदेशी मीडिया के साथ मिलकर सोरोस-फंडेड गुटों की शेयर में गिरावट लाकर मुनाफा कमाने और हमें बदनाम करने की नई साजिश है।
On allegations of OCCRP, Adani Group says "We categorically reject these recycled allegations. These news reports appear to be yet another concerted bid by Soros-funded interests supported by a section of the foreign media to revive the meritless Hindenburg report. In fact, this… pic.twitter.com/hOfRU4BUSN
— ANI (@ANI) August 31, 2023
अदानी समूह ने कहा, “हम इन पुनर्चक्रित आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं। ये समाचार रिपोर्टें योग्यताहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित सोरोस-वित्त पोषित हितों द्वारा एक और ठोस प्रयास प्रतीत होती हैं।” समूह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उसने इस तरह की कार्रवाइयों का पूर्वाभास किया था और पिछले सप्ताह इस प्रत्याशा की सूचना दी थी।
OCCRP ने कहा है कि ‘अपारदर्शी’ मॉरीशस फंड के जरिए समूह के कुछ पब्लिक कारोबार वाले शेयरों में लाखों डॉलर का निवेश किया गया था। रॉयटर्स की की रिपोर्ट के अनुसार, नॉन प्रॉफिट मीडिया संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि निवेश के तरीके ने अडानी परिवार के कथित व्यापारिक साझेदारों की भागीदारी को ‘अस्पष्ट’ कर दिया है। OCCRP ने कई टैक्स हेवन जोन और आंतरिक कंपनी ईमेल से फाइलों की समीक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इसकी जांच के दौरान उन्हें कम से कम दो मामले मिले, जहां निवेशकों ने ऐसी ऑफशोर स्ट्रक्चर के जरिए अडानी समूह की कंपनियों के स्टॉक को खरीदा और बेचा।
Read our investigation to find out more about their offshore money trail, why it matters — and who else invested in Adani stock through Mauritius. https://t.co/dzz1ZNC4Hv
— Organized Crime and Corruption Reporting Project (@OCCRP) August 30, 2023
अदानी समूह ने दृढ़ता से इन दावों का खंडन किया और कहा, यह दर्शाता है कि आरोप एक दशक पहले के मामलों पर आधारित थे जिनकी राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा गहन जांच की गई थी।
अदानी ग्रुप ने कहा, ‘हम इन रीसाइकल्ड आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं। ये न्यूज रिपोर्ट तर्कहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट को फिर से जिंदा करने की एक कोशिश मालूम होती है।’
अदानी ग्रुप ने कहा कि OCCRP ने जो आरोप लगाए हैं, वह एक दशक (10 साल) पहले बंद हो चुके मामलों पर बेस्ड है। जब राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने ओवर इनवॉयसिंग, विदेश में फंड ट्रांसफर, रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन और FPI के जरिए निवेश के आरोपों की जांच की थी। मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया था और मामले को बंद कर दिया था। ग्रुप ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन पब्लिकेशंश ने, जिन्होंने हमें प्रश्न भेजे थे। हामारी प्रतिक्रिया को पूरी तरह से पब्लिस नहीं करने का फैसला लिया। इन कोशिशों का मकसद अन्य बातों के साथ-साथ हमारी कंपनियों के शेयरों को गिराकर मुनाफा कमाना है। कई अथॉरिटीज इन शॉर्ट सेलर्स की जांच कर रही हैं।
OCCRP का ‘अपारदर्शी’ शेयर ट्रेडिंग दावा-
ओसीसीआरपी ने अपने जांच निष्कर्षों को द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स सहित अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों के साथ साझा किया, जिससे कई टैक्स हेवन्स, बैंक रिकॉर्ड और आंतरिक अदानी समूह के ईमेल के दस्तावेजों पर आधारित रिपोर्टें सामने आईं। ओसीसीआरपी ने दो निवेशकों, नासिर अली शाबान अहली और चांग चुंग-लिंग को नामित किया, जिन्होंने अदानी परिवार के साथ उनके समन्वय का आरोप लगाया। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि क्या उनके कार्यों से अंदरूनी स्वामित्व नियमों का उल्लंघन हो सकता है।
अडानी समूह ने कहा, “चूंकि माननीय सुप्रीम कोर्ट और सेबी इन मामलों की निगरानी कर रहे हैं, इसलिए चल रही नियामक प्रक्रिया का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।”
OCCRP खुद को भ्रष्टाचार को उजागर करने पर केंद्रित खोजी पत्रकारों का एक वैश्विक नेटवर्क बताता है। इसे सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (ओएसएफ) और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड सहित संगठनों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। जॉर्ज सोरोस ने पहले हिंडनबर्ग रिपोर्ट के साथ गठबंधन किया था, जिसमें गौतम अडानी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के संबंधों पर सवाल उठाए गए थे।