केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जम्मू-कश्मीर में चुनावी लोकतंत्र की बहाली और पूर्ण राज्य का दर्जा देने का रोडमैप देते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह केंद्र शासित प्रदेश में किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अभी तीन चुनाव होने हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर निर्णय भारत के चुनाव आयोग और राज्य चुनाव पैनल द्वारा लिया जाना है।
Petitions challenging the abrogation of Article 370 in SC | Solicitor General Tushar Mehta, appearing for Centre, tells Supreme Court that it is ready for elections in Jammu and Kashmir at any time now. pic.twitter.com/mhiqqWPBbf
— ANI (@ANI) August 31, 2023
मेहता ने पीठ को बताया कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे – पहले पंचायत चुनाव, दूसरे नगर निगम चुनाव और फिर विधान सभा चुनाव होंगे।
इसके अलावा, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा देने में असमर्थ है। हालांकि, स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।
केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि इसे पूर्ण राज्य बनाने के लिए विकास कार्य हो रहे हैं।
मेहता ने क्षेत्र को स्थिर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का भी हवाला दिया और 2019 से पहले की स्थिति बताई।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2018 से 2023 की तुलना में आतंकवादी घटनाओं में 45.2% की कमी आई है और घुसपैठ में 90% की कमी आई है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि पथराव आदि जैसे कानून और व्यवस्था के मुद्दों में 97% की कमी आई है। सुरक्षाकर्मियों की हताहती में 65% की कमी आई है। 2018 में पथराव की घटनाएं 1,767 थीं, जो अब शून्य हैं। 2018 में संगठित बंद 52 थे और अब शून्य हैं।
Centre tells Supreme Court that terrorist instances have reduced by 45.2% compared from 2018 to 2023 and infiltration reduced by 90%. Law and order issues like stone pelting etc. reduced by 97%, Solicitor General Tushar Mehta says. Security personnel casualty is reduced by 65%.…
— ANI (@ANI) August 31, 2023
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि सरकार ने क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं और कई परियोजनाएं सामने आई हैं, जिसके परिणामस्वरूप युवा, जो अलगाववादी ताकतों से गुमराह हो जाते थे, लाभकारी रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
मेहता ने कहा, 2023 में अब तक 1 करोड़ पर्यटक घाटी का दौरा कर चुके हैं।
वहीं अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, “सरकार ने 5,000 लोगों को घर में नजरबंद कर दिया है, धारा 144 लगा दी गई है, इंटरनेट बंद कर दिया गया है और लोग अस्पतालों में भी नहीं जा सकते हैं… आइए लोकतंत्र का मज़ाक न उड़ाएं और बंद के बारे में बात न करें।”
Senior advocate Kapil Sibal, appearing for one of the petitioners against abrogation of Article 370, tells SC "Govt has put 5,000 people in house arrest, section 144 was imposed, the internet was shut, and people could not go to hospitals even… let us not make a mockery of…
— ANI (@ANI) August 31, 2023
इससे पहले 29 अगस्त को केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया था कि जम्मू और कश्मीर की केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति एक “स्थायी चीज़” नहीं है और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगी। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र से पूर्ववर्ती राज्य में चुनावी लोकतंत्र की बहाली के लिए एक विशिष्ट समय सीमा निर्धारित करने को कहा था।