महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच एनसीपी के वजूद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बुधवार को मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की दो बड़ी बैठकें हुईं, जहां शरद पवार और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट यह साबित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे कि उनके पास 53 विधायकों के बहुमत का समर्थन है।
5 जुलाई को चुनाव आयोग के समक्ष दायर एक याचिका में अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट ने दावा किया कि 30 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें शरद पवार को एनसीपी अध्यक्ष के रूप में हटा दिया गया और अजीत पवार को शीर्ष पद के लिए चुना गया।
हालांकि, शरद पवार ने 30 जून को कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने के अजित के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि बैठक में कार्यसमिति के सदस्य नहीं थे। उन्होंने कहा कि पीसी चाको, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल और फौजिया खान जैसे नेताओं को बैठक के बारे में जानकारी नहीं थी।
चुनाव आयोग को 3 जुलाई को जयंत पाटिल से एक ई-मेल मिला। उन्होंने आयोग को महाराष्ट्र विधानसभा के 9 सदस्यों को अयोग्य ठहराने की कार्यवाही के बारे में बताया।
अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग के सामने शरद पवार की जगह अजित पवार को NCP का अध्यक्ष बनाने का दावा किया है। बताया गया है कि कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने 30 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। इसमें प्रस्ताव पास किया गया है कि पार्टी लोगों के कल्याण के उद्देश्य से दूर जा रही है, ऐसे में शरद पवार की जगह अजित पवार को अध्यक्ष चुना जाता है।
इससे पहले शरद पवार गुट ने अर्जी लगाई थी। इसमें कहा गया कि कोई भी एनसीपी पर अपने आधिपत्य का दावा आयोग के सामने करे तो आयोग शरद पवार पक्ष को भी जरूर सुने। पवार गुट ने पार्टी में बगावत कर दल बदल करने वाले अपने विधायकों की जानकारी भी आयोग को दी। आयोग को ये भी बताया गया है कि सत्ताधारी गठबंधन में मंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले बागी विधायकों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके कुछ घंटों बाद अजित पवार गुट ने चालीस से अधिक विधायकों के शपथ पत्र के साथ पार्टी पर दावा ठोका। अजित पवार गुट ने चालीस से ज्यादा विधायकों/सांसदों और MLC के हलफनामे के साथ पार्टी पर अपना दावा किया है। हालांकि, बुधवार की मीटिंग में 31 विधायक ही पहुंचे थे।
एनसीपी में चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच अजित पवार का समर्थन करने वाले विधायकों को मुंबई के एक होटल में ले जाया गया है। हालाँकि, संख्या के हिसाब से देखें तो दलबदल विरोधी कानून को मात देने के लिए अजित पवार के पास अभी भी विधायकों की कमी है। सभा को संबोधित करते हुए अजित पवार ने दावा किया कि शरद पवार खेमे के कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं।
वहीं वाई.बी. चव्हाण सेंटर में हुई शरद पवार गुट की मीटिंग में 13 विधायक और चार सांसद पहुंचे थे। एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं। ऐसे में 9 विधायक अब तक किसी गुट में शामिल नहीं हुए हैं।