राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के यह कहने के एक दिन बाद कि उनकी तस्वीर का इस्तेमाल केवल उनकी अनुमति से और समान विचारधारा वाले लोगों द्वारा किया जाना चाहिए, उनकी तस्वीर बुधवार को उस मंच पर लगा हुआ दिखाई दिया, जहां आज अजीत पवार गुट ने बैठक की और शक्ति प्रर्शन किया।
अजित पवार गुट सुबह 11 बजे उपनगरीय बांद्रा में मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट (एमईटी) परिसर में इकट्ठा हुआ। अजित पवार के नेतृत्व में हुए विद्रोह ने महाराष्ट्र में असली एनसीपी की बहस छेड़ दी है।
शरद पवार ने मंगलवार को अपने भतीजे और बागी एनसीपी नेता अजीत पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उनकी तस्वीर का इस्तेमाल केवल उनकी अनुमति से ही किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था।
शरद पवार की यह टिप्पणी मंगलवार को अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के नए कार्यालय में उनकी एक तस्वीर देखे जाने के बाद आई थी।
अजित पवार द्वारा शिवसेना-भाजपा कैबिनेट में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ दिनों बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के समर्थन वाले पोस्टर मुंबई में उनके आवास सिल्वर ओक के बाहर लगाए गए। पोस्टरों पर लिखा था, “83 वर्षीय योद्धा अकेले लड़ रहा है।”
सिल्वर ओक से थोड़ी दूर अजित पवार और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के भी कुछ पोस्टर लगाए गए थे।
अजित पवार ने तीन साल और 7 महीने में अपने चाचा और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से दूसरी बार बगावत की है। अजित पवार ने 23 नवंबर 2019 की तरह ही 2 जुलाई 2023 को राजभवन पहुंच अचानक डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली थी। पिछली बार शरद पवार ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया था और भतीजे अजित की बगावत को 48 घंटे के भीतर विफल कर दिया था। इसके बाद अजित पवार को डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था और वे चाचा के खेमे में वापस लौट गए थे।
लेकिन इस बार बगावत अपने अगले दौर में पहुंच गया है। अजित पवार ने 2 जुलाई को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। उनके साथ एनसीपी के 8 विधायकों ने भी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद शरद पवार एक्शन में आ गए। उन्होंने अजित के साथ बगावत करने वाले तमाम नेताओं को एनसीपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने स्पीकर से अजित पवार और 8 मंत्रियों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है।