राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हुर्रियत टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपी जहूर अहमद शाह वटाली की 17 संपत्तियों को कुर्क किया है। इस मामले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का कमांडर यासीन मलिक उम्रकैद की सजा काट रहा है। मलिक के अलावा, जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर सैयद सलाहुद्दीन सहित 17 अन्य लोगों के खिलाफ 30 मई 2017 को एजेंसी द्वारा दर्ज मामले में चार्जशीट दायर किया गया था। पिछले साल मई में मलिक को उसके खिलाफ सभी आरोपों में दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
17 PROPERTIES OF TERRORIST FINANCIER ZAHOOR WATALI ATTACHED IN HURRIYAT TERROR FUNDING CASE LINKED TO JAILED JKLF LEADER YASIN MALIK pic.twitter.com/TAUMwhZcCM
— NIA India (@NIA_India) June 12, 2023
NIA के अनुसार, यह मामला पाकिस्तान के ISI समर्थित संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) आदि द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों से संबंधित है। ये संगठन नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमलों को बढ़ावा देकर और उन्हें अंजाम देकर घाटी में आतंक फैला रहे थे और हिंसा कर रहे थे।
एनआईए के अनुसार, कश्मीर में कुपवाड़ा के हंदवाड़ा क्षेत्र में वटाली से संबंधित 17 संपत्तियों को एजेंसी ने यूए (पी) अधिनियम की धारा 33 (1) के तहत विशेष एनआईए कोर्ट, पटियाला हाउस के आदेश पर कुर्क किया है।
#UPDATE | J&K: Three immovable properties at Village Baghatpora, Handwara, District Kupwara, in the name of accused Zahoor Ahmad Shah Watali was attached by NIA in connection with the terror funding case. pic.twitter.com/ucl5Wh8jaE
— ANI (@ANI) June 12, 2023
एजेंसी ने कहा कि ये प्रतिबंधित आतंकवादी समूह कश्मीर घाटी में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने और समर्थन देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) का इस्तेमाल एक मोर्चे के रूप में कर रहे थे। जांच से पता चला कि मामले में अभियुक्त के रूप में पेश किए गए अलगाववादियों ने एक आपराधिक साजिश के तहत कश्मीर घाटी में तनाव का माहौल बनाने के लिए आम जनता को भड़काने और हिंसा का सहारा लेने की रणनीति अपनाई थी।
जांच एजेंसी के बयान में कहा गया है कि वटाली भारत के संघ से जम्मू और कश्मीर के अलगाव को बढ़ावा देने के लिए हुर्रियत नेताओं को विभिन्न स्रोतों से जुटाए गए धन को भेजता था। एनआईए के अनुसार, वटाली हवाला का सौदागर था और अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी सईद से धन प्राप्त कर रहा था। JuD चीफ 2001 के संसद हमलों और मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड है।
वटाली ने 2011 और 2013 के बीच विभिन्न स्रोतों से अपने बैंक खातों में करोड़ों रुपये प्राप्त किए थे। इसके अलावा, वटाली ने मेसर्स ‘ट्रिसन इंटरनेशनल’, श्रीनगर नाम की अपनी प्रोप्राइटरशिप फर्म में भी विदेशी फंडिंग प्राप्त की थी और उसके एनआरई बैंक खातों में भी फंडिंग के सबूत मिले थे।
एनआईए ने कहा कि जहूर वटाली ने कथित तौर पर वटाली की कंपनी मैसर्स ट्राइसन फार्म्स एंड कंस्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाली 20 कनाल भूमि के एक भूखंड की बिक्री दिखाई थी। हालांकि, एनआईए की जांच में पाया गया कि न तो वटाली और न ही उनकी उपर्युक्त कंपनी राजस्व रिकॉर्ड में इस भूखंड की मालिक थी।