भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ तटों के लिए एक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मुंबई और ठाणे के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 15 जून तक साइक्लोन बिपरजॉयगुजरात के कच्छ जिले और पाकिस्तान के कराची के बीच कहीं तट से टकरा सकता है। इस दौरान 150 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलेंगी। समुद्र तटों पर दो से तीन मीटर ऊंची लहरें भी उठने के आसार हैं। कच्छ के तटीय इलाकों में धारा 144 (चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक) लगाई गई है। सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है। धारा 144, 16 जून तक लागू रहेगी।
Cyclone Alert for Saurashtra & Kutch Coast: Orange Message. ESCS BIPARJPY at 0530IST of today over eastcentral & adjoining NE Arabian Sea near lat 19.2N & long 67.7E, about 380km SSW of Devbhumi Dwarka. To cross near Jakhau Port,Gujarat by noon of 15June. https://t.co/KLRdEFGKQj pic.twitter.com/bxn44UUVhD
— India Meteorological Department (@Indiametdept) June 12, 2023
#WATCH | Valsad, Gujarat: Strong winds & high tide hits Gujarat coast as cyclone Biporjoy intensifies. Visuals from Tithal Beach. pic.twitter.com/w3xIofUDmA
— ANI (@ANI) June 12, 2023
मौसम विभाग के मुताबिक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ फिलहाल पोरबंदर से करीब 340 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में मौजूद है। इस चक्रवात के गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के साथ लगे पाकिस्तानी तट को मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच पार करने की बहुत ज्यादा संभावना है। गुरुवार दोपहर तक साइक्लोन बिपरजॉय जखाऊ पोर्ट (गुजरात) के करीब 125-135 किमी. प्रति घंटे से 150 किमी प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार के साथ तट को पार कर सकता है।
बिपरजॉय का प्रभाव स्पष्ट है क्योंकि गुजरात तट और मुंबई में तेज हवाएं और उच्च ज्वार की लहरें देखी गईं है। सौराष्ट्र और कच्छ में राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) की सात टीमों को तैनात किया गया है। एक राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम भी स्टैंडबाय पर है। पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, कच्छ और मोरबी जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों को निकाला जा रहा है। पूरे तटीय क्षेत्र से 10,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया जा रहा है।
#WATCH | Maharashtra: High tidal waves witnessed at Marine Drive as cyclone #Biparjoy intensifies. pic.twitter.com/7E6K2sGJVb
— ANI (@ANI) June 12, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साइक्लोन बिपरजॉय को लेकर सोमवार को समीक्षा बैठक की और तैयारियों का जायजा लिया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, पृथ्वी विज्ञान सचिव एम रविचंद्रन, कमल किशोर, सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, और मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने हिस्सा लिया। बैठक के दौरान दी गई एक प्रस्तुति के अनुसार, कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में 15 जून की सुबह से शाम तक 125-135 किमी प्रति घंटे से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के साथ तूफानी मौसम का अनुभव हो सकता है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi holds a meeting to review the situation related to Cyclone Biparjoy. pic.twitter.com/bYVZh9XWwd
— ANI (@ANI) June 12, 2023
वैज्ञानिक और आईएमडी, मुंबई और क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (पश्चिमी भारत) के प्रमुख सुनील कांबले ने कहा कि चक्रवात बिपारजॉय वर्तमान में मुंबई से लगभग 500-600 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा, “चक्रवात के कारण मुंबई पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ा है। मानसून पूर्व की बारिश और हवा की गति में वृद्धि चक्रवात के प्रभाव का परिणाम है।”
एनडीआरएफ बयान में कहा है कि, ‘हमने एहतियात के तौर पर मुंबई में पहले से उपलब्ध तीन टीमों के अलावा दो टीमों को तैनात किया है। इसके अलावा, हमने 4 अन्य टीमों को गुजरात भेजा है। पुणे में भी हमारी टीमें तैयार हैं।‘
15 जून को गुजरात में जखाऊ बंदरगाह के पास चक्रवात बिपरजॉय के टकराने की संभावना के साथ, कई राज्य मंत्रियों को विभिन्न जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्री ऋषिकेश पटेल और प्रफुल्ल पंसुरिया जहां कच्छ क्षेत्र संभालेंगे, हर्ष सांघवी देवभूमि द्वारका में होंगे और मुलु बेरा को जामनगर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चक्रवात बिपरजॉय इस साल अरब सागर में आने वाला पहला तूफान है।
मौसम विभाग के अनुसार, 15 जून तक सौराष्ट्र और कच्छ के तटों के साथ-साथ समुद्र की स्थिति “खराब से बहुत खराब” रहने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि मछुआरों को 12-15 जून के दौरान मध्य अरब सागर, उत्तरी अरब सागर में और 15 जून तक सौराष्ट्र-कच्छ तटों के साथ-साथ नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। 15 जून तक क्षेत्र में मछली पकड़ने के कार्यों को पूरी तरह से स्थगित करने की भी सलाह दी गई है।