उत्तर प्रदेश में ट्रिपल इंजन का नारा देकर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी ने 17 नगर निगम के मेयर पदों पर भगवा लहराया है। इन नगर निगमों के पार्षद पदों पर भी भाजपा ने भारी जीत हासिल करते हुए नगर निगम सदनों में पूर्ण बहुमत हासिल किया है। हालांकि नगर पालिका और पंचायत में समाजवादी पार्टी को बसपा-कांग्रेस से ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं, लेकिन निर्दलीय को पीछे नहीं छोड़ पाई है।
शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा की शानदार जीत के बाद भाजपा नेताओं ने पार्टी ऑफिस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिनंदन किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, “2017 में बीजेपी ने 60 सीटें जीतीं, लेकिन इस साल हमने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में दोगुनी से अधिक सीटें जीती हैं।”
#WATCH | BJP leaders felicitate CM Yogi Adityanath as BJP sweeps urban local body polls in Uttar Pradesh pic.twitter.com/vRhpNEcdZg
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 13, 2023
यूपी में नगर निकाय की कुल 760 सीटों पर चुनाव हुए थे जिनमें 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायत की सीटें हैं। पहले फेज में 9 मंडलों के 37 जिलों में 10 नगर निगम, 820 पार्षद, 103 नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, 2740 नगर पालिका परिषद सदस्य, 275 नगर पंचायत अध्यक्ष और 3745 नगर पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव हुए तो वहीं, दूसरे चरण में 9 मंडल के 38 जिलों की 7 नगर निगम, 95 नगर पालिका, 267 नगर पंचायत पद और पार्षद सीटों पर चुनाव हुए थे। नगर निकाय चुनाव के पहले चरण के दौरान 37 जिलों में 52 फीसदी तो दूसरे चरण के दौरान 38 जिलों में 53 फीसदी वोटिंग हुई थी।
यूपी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के वार्ड मोहत्सिमगंज में बीजेपी की शर्मनाक हार हुई। प्रयागराज नगर निगम के मोहत्सिमगंज वार्ड नंबर 80 में बीजेपी प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा। बीजेपी पार्षद प्रत्याशी विजय वैश्य की करारी हार हुई है।
निकाय चुनाव में सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा बीजेपी की दांव पर लगी थी, क्योंकि शहरी इलाके हमेशा से बीजेपी के गढ़ रहे हैं। पिछली बार बीजेपी मेयर चुनाव में बेहतर प्रदर्शन था, लेकिन नगर पालिका और नगर पंचायत में पिछड़ गई थी। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने मेयर से लेकर नगर पालिका और पंचायत अध्यक्ष सीटों पर भी जीत का परचम फहराया है।
बीजेपी ने नगर निकाय चुनाव में पहली बार 350 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे और उसमें 90 फीसदी पसमांदा मुस्लिम थे। नगर निगम में पार्षद उम्मीदवार, नगर पालिका की छह अध्यक्ष और सभासद सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट दिए थे। इसी तरह नगर पंचायत में अध्यक्ष पद की 38 सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे।
साल 2017 में 16 नगर सीटों पर चुनाव हुए थे लेकिन इस बार 17 नगर निगम सीटों पर चुनाव हुए। 2017 के नगर निकाय चुनाव के आंकड़े देखें तो बीजेपी का पलड़ा भारी रहा। बीजेपी तब कुल 16 नगर निगम में से 14 में अपने मेयर बनाने में सफल रही थी और दो मेयर बसपा के बने थे। नगर पालिका अध्यक्ष के नतीजे देखें तो 198 शहरों में से बीजेपी 67, सपा 45, बसपा 28 और निर्दलीय 58 जगह जीते थे। ऐसे ही नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 538 कस्बों में से बीजेपी 100, सपा 83, बसपा 74 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 181 जगह जीत दर्ज की थी।
बीजेपी ने पिछली बार नगर निगम के मेयर चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन नगर पालिका और नगर पंचायत में पिछड़ गई थी। बीजेपी को तब सपा और निर्दल उम्मीदवारों ने कड़ी टक्कर दी थी। नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी की तुलना में दोगुना अधिक निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते थे। इस बार सपा और बसपा ने पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा है जिसके चलते बीजेपी की चुनौती बढ़ गई है।