विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एससीओ की विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतंकवाद पर पाकिस्तान के दोहरे मानकों को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पर निशाना साधा। जयशंकर ने कहा कि एससीओ सदस्य देश के विदेश मंत्री के रूप में भुट्टो जरदारी के साथ उसी के अनुसार व्यवहार किया गया। वह आतंकी इंडस्ट्री के प्रवक्ता हैं। पाकिस्तान की किसी भी बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर कहा कि, पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेजी से घट रही है।
#WATCH | "As a Foreign Minister of an SCO member state, Mr Bhutto Zardari was treated accordingly. As a promoter, justifier and spokesperson of a terrorism industry which is the mainstay of Pakistan, his positions were called out and countered including at the SCO meeting… pic.twitter.com/9cLckxLML9
— ANI (@ANI) May 5, 2023
SCO बैठक के बाद विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, इस बैठक ने संगठन के सुधार और आधुनिकीकरण के बारे में बात करने और नए सदस्य राज्यों के रूप में एससीओ में ईरान और बेलारूस को प्रवेश देने की प्रगति का आकलन करने का अवसर दिया। बैठक के दौरान, एससीओ के विदेश मंत्रियों ने उन निर्णयों की स्थिति का आकलन किया जिन्हें जुलाई में आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन में अनुमोदित किया जाएगा। बैठक ने हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने के लिए एससीओ में बहुपक्षीय सहयोग की स्थिति पर विचार करने का अवसर भी दिया।”
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के भारत आगमन पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि, “वह यहां एससीओ सदस्य राज्य के विदेश मंत्री के रूप में आए थे। यह बहुपक्षीय कूटनीति का हिस्सा है। इसे इससे ज्यादा कुछ नहीं देखते हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने जो कहा या जो मैंने सुना, उससे कुछ भी इस लायक नहीं है कि इससे अधिक व्यवहार किया जाए।”
#WATCH | On Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari's arrival in India, EAM Dr S Jaishankar says, "He came here as the Foreign Minister of an SCO Member State. That is part of multilateral diplomacy. Don't see it as anything more than that. I think that nothing from what… pic.twitter.com/9vEIVw3iKS
— ANI (@ANI) May 5, 2023
उन्होंने आगे कहा कि, “SCO सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ बाकी सदस्य देशों के विदेश मंत्री की तरह ही व्यवहार किया गया। लेकिन आतंकवाद के प्रोमोटर, प्रोटेक्टर और आतंकवाद उद्योग के प्रवक्ता के तौर पर उनकी(पाकिस्तान) पोजीशन को काउंटर किया गया।”
पाकिस्तानी पत्रकार के एक प्रश्न सहित भारत-पाकिस्तान संबंधों पर एस जयशंकर ने कहा- ‘आतंकवाद के पीड़ित आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ एक साथ नहीं बैठते हैं। आतंकवाद के पीड़ित अपना बचाव करते हैं, आतंकवाद पर जवाबी कार्रवाई करते हैं, वे इसे कहते हैं, वे इसे वैध करते हैं और वास्तव में यही हो रहा है। यहाँ आकर इन कपटपूर्ण वचनों का प्रचार करना मानो हम एक ही नाव पर सवार हैं।’
विदेश मंत्री कहा कि, ‘वे (पाकिस्तान) आतंकवाद की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। आज जो हुआ उस पर सीधे तौर पर बात नहीं करना चाहता, लेकिन हम सभी समान रूप से नाराज महसूस कर रहे हैं। इस मुद्दे पर, आतंकवाद के मुद्दे पर, मैं कहूंगा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार से भी तेजी से घट रही है।’
जयशंकर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग था, है और रहेगा। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी जी-20 की बैठकें हो रही हैं, इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के एक सवाल पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा, “…उठिये और कॉफी को सूंघिये। 370 इतिहास है। जितनी जल्दी लोग इसे महसूस करें, उतना ही अच्छा है।”
#WATCH | On a question on abrogation of Article 370, EAM Dr S Jaishankar says, "…wake up and smell the coffee. 370 is history. The sooner people realise it, the better it is." pic.twitter.com/Enbv4nu7dt
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विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा- “मैंने कहा कि उनका (पाकिस्तान) G20 से कोई लेना-देना नहीं है। मैं यह भी कहूंगा कि उनका श्रीनगर से कोई लेना-देना नहीं है। कश्मीर पर चर्चा करने के लिए केवल एक ही मुद्दा है, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर अपने अवैध कब्जे को कब खाली करता है?”
चीनी विदेश मंत्री के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “…मुद्दा यह है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में एक असामान्य स्थिति है। हमने इसके बारे में बहुत स्पष्ट चर्चा की…हमें पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है। मैंने सार्वजनिक रूप से भी यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग होने पर सामान्य नहीं हो सकते हैं…”
#WATCH | On his bilateral meeting with Chinese Foreign Minister Qin Gang, EAM Dr S Jaishankar says, "…issue is that there is an abnormal position in the border areas, along the boundary. We had a very frank discussion about it…We have to take the disengagement process… pic.twitter.com/AX5NKvgNOa
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वहीं पाकिस्तान-चीन के बीच विदेश मंत्री ने कहा कि, ‘तथाकथित कॉरिडोर के बारे में SCO की बैठक में एक नहीं दो बार ये स्पष्ट कर दिया गया कि कनेक्टिविटी विकास के लिए जरूरी है लेकिन कनेक्टिविटी किसी की संप्रभुता और क्षेत्रिय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती।’
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “…हमने कई क्षेत्रीय, वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया…”
बता दें कि बिलावल भुट्टो एससीओ काउंसिल ऑफ फॉरेन मिनिस्टर्स की बैठक में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार दोपहर गोवा पहुंचे थे। 2011 में हिना रब्बानी खार के भारत के पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से मुलाकात के बाद से पाकिस्तानी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा थी। खार वर्तमान में पाकिस्तान के विदेश राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। दिसंबर 2016 में पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की भारत यात्रा के बाद यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी।