मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच संघर्ष के बाद मणिपुर के राज्यपाल ने राज्य के गृह विभाग को दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश को मंजूरी दे दी है। राज्य में आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान हिंसा की घटनाओं की सूचना मिलने के बाद मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया।
मणिपुर के राज्यपाल ने सभी जिलाधिकारियों, उप-विभागीय मजिस्ट्रेटों और सभी संबंधित कार्यकारी मजिस्ट्रेटों/विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेटों को गंभीर मामलों में देखते ही गोली मारने के आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया है। इसमें कानून के प्रावधानों के तहत अनुनय, चेतावनी, उचित बल आदि के रूप समाप्त हो गए। सीआरपीसी 1973 के तहत और स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
Governor of Manipur authorises all District Magistrates, Sub-Divisional Magistrates and all Executive Magistrates/Special Executive Magistrates to issue Shoot at sight orders "in extreme cases whereby all forms of persuasion, warning, reasonable force etc has been exhausted." pic.twitter.com/XkDMUbjAR1
— ANI (@ANI) May 4, 2023
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, केंद्रीय गृह सचिव, निदेशक आईबी और राज्य के साथ-साथ केंद्र के संबंधित अधिकारियों के साथ दो वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग बैठकें कीं। उन्होंने मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की। मणिपुर में सुरक्षा बलों की बड़ी तैनाती है। सेना के साथ BSF, CRPF और असम राइफल्स की कई कंपनियों को राज्य में तैनात किया गया है।
मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि प्रदेश में हो रहे हिंसक घटनाओं से मैं काफी दुखी हूं। मैं प्रदेशवासियों से आग्रह करती हूं कि वे शांति और सद्भाव बनाए रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें। वे अपनी समस्या और विचारों को बैठकर उपयुक्त मंच पर रख सकते हैं उसका समाधान शांति से निकाला जा सकता है। इस समय सभी लोग प्रशासन, सुरक्षा बलों के साथ अपना सहयोग प्रदान करें। जिनकी भी जान गई है मेरी उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना है, जो घायल हैं उनके स्वास्थ्य की कामना है।
#WATCH | #ManipurViolence | "I am deeply saddened by the incidents of violence yesterday & today. I urge all the people of Manipur to maintain peace, love & harmony as per their tradition and not participate in any kind of violence or arson. I urge them to not pay heed to… pic.twitter.com/fBrtBbZNO7
— ANI (@ANI) May 4, 2023
वहीं मणिपुर हिंसा पर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि हम सब कोशिश कर रहे हैं मणिपुर में वापस से शांति बहाल हो। आज शाम हमने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की है जिसमें सभी ज़रूरी क़दम उठाए जाने का आदेश दिया गया है। स्थिति की निगरानी रखी जा रही है। काफी की संख्या में मेघालय के छात्र मणिपुर में पढ़ाई कर रहे हैं, हम छात्रों के साथ संपर्क में हैं। छात्रों को जल्द ही सुरक्षित यहां लाया जाएगा। हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
*राज्य पुलिस नियंत्रण कक्ष: 0370 2242511
*फैक्स: 0370 2242512
*व्हाट्सएप: 08794833041
*ईमेल: spcrkohima@gmail.com
*एनएसडीएमए: 0370 2381122/2291123
राज्य के गृह विभाग ने राज्य में हिंसा के कारण फंसे लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए हैं। आदेश में कहा गया है, “राज्य (मणिपुर) में कानून और व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसे लोग, जो अधिकारी हैं, मजदूर हैं या जो फंसे हुए हैं या अपने वर्तमान स्थान पर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं; उनके लिए तत्काल उपाय के रूप में राज्य सरकार ने अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए हैं।”
#WATCH | Vandalism, arson in several districts of #Manipur as tensions grip the northeastern state amid widespread protests against the demand for the inclusion of Meitei/Meetei in the ST category.
Internet and broadband services have been suspended in the state for 5 days… pic.twitter.com/0ipxrGalvC
— ANI (@ANI) May 4, 2023
आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हुए व्यापक दंगे को रोकने के लिए सेना और असम राइफल्स की 55 टुकड़ियों को तैनात कर दिया गया है। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि स्थिति को देखने हुए सेना के 14 बटालियन को स्टैंडबाय पर रखा गया है। केंद्र, जो मणिपुर में स्थिति की निगरानी कर रहा है, ने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए दंगों को संभालने के लिए एक विशेष बल रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की टीमों को भी भेजा है।
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से अब तक 9,000 लोगों को बचाया है और आश्रय दिया है। उन्होंने कहा कि और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
भारतीय सेना ने कहा है कि, “मणिपुर में सुरक्षा स्थिति पर फेक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है। इस संबंध में भारतीय सेना ने लोगों से अनुरोध किया है कि लोग केवल आधिकारिक और सत्यापित स्रोतों पर ही भरोसा करें”।
मालूम हो कि ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) द्वारा आहूत ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में बुधवार को मणिपुर के कई जिलों में हिंसा भड़क गई थी। रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़पें हुईं। हिंसा के बाद मणिपुर के आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया और अगले पांच दिनों के लिए पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।