गाजीपुर की एक अदालत ने शनिवार को गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी को अपहरण और हत्या के मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई। गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपित मुख्तार अंसारी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पांच लाख रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया है।
मुख्तार अंसारी और उनके बड़े भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार दिया गया है। वर्ष 2007 के इस मामले में बीते एक अप्रैल को बहस और सुनवाई पूरी कर ली गयी थी और 15 अप्रैल को फैसला होना था। मुख्तार अंसारी के खिलाफ भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या के मामले में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज है। दोनों भाईयों के खिलाफ मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में क्राइम नंबर 1051 और 1052 दर्ज हुआ था।
पांच बार के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर 1996 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेता नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण मामले और 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल होने का मामला दर्ज किया गया था।
मुख्तार अंसारी के खिलाफ इस साल जनवरी में 2001 की उसरी चट्टी गैंगवार की घटना के सिलसिले में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 147, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पिछले साल दिसंबर में, माफिया डॉन और उसके सहयोगी भीम सिंह को हत्या और हत्या के प्रयास से संबंधित पांच मामलों में गाजीपुर की एक अदालत ने 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। इन मामलों में कांस्टेबल रघुवंश सिंह की हत्या और गाजीपुर के एडिशनल एसपी पर हमला शामिल है।
लखनऊ जिला जेलर एसके अवस्थी को 2003 में पिस्तौल दिखाकर धमकाने के आरोप में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया और सजा सुनाई थी।