केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। ये पूछताछ उनके इस दावे से जुड़ा है कि उन्हें 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को निपटाने के लिए रिश्वत के रूप में 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। एजेंसी अपने सवालों के जवाबों का मूल्यांकन करेगी और आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेगी।
इससे पहले मलिक ने कहा था, ‘सीबीआई ने मुझे उनके सामने पेश होने के लिए कहा है क्योंकि वे मामले के बारे में कुछ चीजें स्पष्ट करना चाहते हैं। उन्होंने मौखिक रूप से मुझे 27 अप्रैल या 28 अप्रैल को मेरी सुविधा के अनुसार आने के लिए कहा है।”
मालूम हो कि सत्यपाल मलिक ने 2018 में राज्यपाल रहने के दौरान उद्योगपति अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंश्योरेंस का एक कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया था। सीबीआई इस मामले में 6 राज्यों में पहले ही छापेमारी कर चुकी है। रिलायंस जनरल इंश्योरेंस घोटाला मामले में सत्यपाल मलिक से सीबीआई की ये दूसरी पूछताछ है। पूछताछ करने के लिए बीते शुक्रवार को केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक सप्ताह पहले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को नोटिस जारी कर कुछ सवालों के जवाब मांगे थे।
हाल ही में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें एक योजना पारित करने के लिए आरएसएस और भाजपा नेता राम माधव द्वारा पैसे की पेशकश की गई थी। राम माधव ने आरोपों को निराधार बताया और मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया।
पिछले साल अप्रैल में सीबीआई ने मलिक द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए एक समूह चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने और तत्कालीन राज्य में किरू पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के नागरिक कार्य में भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की थी।