राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में रामनवमी के जुलूस पर उपद्रवियों द्वारा हमला करने की शिकायत का संज्ञान लिया है। आयोग ने बंगाल के पुलिस महानिदेशक और हावड़ा के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर मामले की जांच करने और दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
आयोग ने कहा है कि रिपोर्ट में दर्ज एफआईआर, जांच की स्थिति और मामले में गिरफ्तारी (यदि कोई हो) का विवरण होना चाहिए। इसमें घायल लोगों की संख्या, उन्हें दिया गया उपचार और संपत्ति के नुकसान का विवरण (यदि कोई हो) भी शामिल होना चाहिए। साथ ही रिपोर्ट में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए किए गए सुरक्षा उपायों का भी उल्लेख होना चाहिए।
आयोग ने कहा कि यह देखा गया है कि आरोप यदि सही हैं, तो अधिकारियों द्वारा घटना को टालने के लिए उचित परिश्रम करने में विफलता के बराबर है।
एनएचआरसी ने बयान में कहा कि, “भारत का संविधान सभी व्यक्तियों को अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने का अधिकार देता है। अगर इन अधिकारों को बिना किसी ठोस कारण के निरस्त किया जाता है तो राज्य जवाबदेह है।”
बयां में आगे कहा गया है कि, कथित तौर पर सशस्त्र हमला, शांतिपूर्ण यात्रा को खराब करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया था और भविष्य में इस तरह के आयोजन से उन्हें डराने के लिए और प्रतिभागियों को गंभीर चोटें पहुँचाने के लिए किया गया था। आरोप है कि पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ मामले में कार्रवाई की लिखित शिकायत लेने से इनकार कर दिया।”
मालूम हो कि बीते 30 मार्च को रामनवमी के अवसर पर जुलूस के दौरान पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे और जमकर पत्थरबाजी और आगजनी हुई थी। इसके एक दिन बाद हावड़ा में भी हिंसा की खबर सामने आई थी।