कांग्रेस ने खराब वीवीपीएटी की मरम्मती पर सवाल खड़ा किया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग के एक खत के आधार पर 6.5 लाख खराब वीवीपीएटी का मसला खड़ा किया है और चुनाव आयोग से 8 सवाल पूछे है।
कांग्रेस ने कहा है कि, 6.5 लाख VVPAT मशीनों को ख़राब पाया गया है और उन्हें मरम्मत के लिए निर्माताओं के पास भेजा गया है।कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि VVPAT मशीनें नवीनतम “M3” प्रकार की हैं जिन्हें पहली बार 2018 में चुनाव आयोग द्वारा लाया गया था और उसके बाद के चुनावो में मशीन का इस्तेमाल किया। मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस ने कहा है कि जिन मशीनों में खराबी पाई गई है, उनकी संख्या 2019 के लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई मशीनों का एक तिहाई (37%) से अधिक है। इससे 2019 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए विधानसभा चुनावों में मतदाताओं के वोट प्रभावित होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार 37% VVPAT मशीनें खराब पाई गई हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से लेकर आगे के तमाम चुनावों में इन्हीं का इस्तेमाल किया गया है।
एक ही सीरीज के सीरियल नंबर वाली हजारों मशीनों के खराब होने पर भी SOP फॉलो नहीं किया गया।
आखिर सरकार क्या छुपा रही है?
: @Pawankhera जी pic.twitter.com/9TiuEqeQsN
— Congress (@INCIndia) April 21, 2023
कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग ने VVPAT मशीनों की मरम्मती में SOP का पालन नहीं किया। पार्टी का कहना है कि 2018 में ये मशीन खरीदी गई थी और बाद के चुनाव में इस्तेमाल हुआ। 2021 में चुनाव आयोग ने माना की कुछ मशीन खराब हुई है। पार्टी ने पूछा है कि क्या इनका इस्तेमाल बाद के चुनावों में हुआ? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जनहित में चुनाव आयोग से 8 महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे हैं।
कांग्रेस पार्टी द्वारा पूछे गए सवाल ये हैं-
1. क्या चुनाव आयोग VVPAT मशीनों में आ रही खराबियों की पहचान करने में सक्षम रहा है?
2. यदि हाँ, तो क्या चुनाव आयोग ने उन सभी खराबियों को ठीक कर दिया है जिनकी पहचान हुई थी?
3. जब संग्रह का आदेश 2021 में ही जारी हो चुका था तब VVPAT मशीनों की खराबी में सुधार और पहचान में देरी क्यों हुई?
4. क्या चुनाव आयोग उन सभी मशीनों की पहचान करने में सक्षम रहा है जिनमें खराबी की सूचना दी गई है, यानी क्या सभी VVPAT मशीनों में खराबी की जांच की गई है?
5. VVPAT मशीनों के लिए होने वाली प्रथम स्तर की जाँच में खराबी का पता क्यों नहीं चल पाया?
6. क्या आयोग ने DEO और CEO से कोई रिपोर्ट मांगी है जो इन विशेष मशीनों के प्रभारी थे जिन्हें ख़राब घोषित किया गया है?
7. चुनाव आयोग भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कौन से अतिरिक्त सुरक्षा उपायों को लागू करने की योजना बना रहा है, जिनके चुनाव पर दूरगामी प्रभाव होते हैं?
8. VVPAT मशीनों की कार्यप्रणाली के संबंध में उठाए गए मौजूदा मुद्दों को देखते हुए, क्या चुनाव आयोग आगामी चुनावों में इन मशीनों का उपयोग करना जारी रखेगा?
कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने उनपर मतदाताओं को भ्रमित करने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस चुनावो में हार के डर से अब ईवीएम का मसला खड़ा कर रही है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में महज साल भर का वक्त बाकी है और कर्नाटक विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले VVPAT में खामियों का मसला बड़े पैमाने पर उठाकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग के सामने कई बड़े प्रश्न खड़े कर दिए हैं।