शिवसेना (यूबीटी) के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि अडानी मुद्दे पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के बयान का महाराष्ट्र में विपक्ष की एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा और समान विचारधारा वाले दल भाजपा के खिलाफ एकजुट रहेंगे।
राउत ने कहा- “हम शरद पवार को लंबे समय से जानते हैं और गौतम अडानी पर उनका रुख हमने शुरू से देखा है। इसका मतलब यह नहीं है कि विपक्षी एकता में कोई मतभेद है। इस मुद्दे पर कि जेपीसी जांच होनी चाहिए या नहीं, उनका एक दृष्टिकोण है। उनकी अलग राय हो सकती है, लेकिन लेकिन शिवसेना वहीं खड़ी होगी जहां पूरा विपक्ष खड़ा है।
#WATCH | Sharad Pawar said that the opposition is demanding JPC but nothing will come out of it as the chairman of JPC will be from BJP… TMC, NCP have their own opinion about Adani but it will not affect opposition unity: Sanjay Raut, Uddhav Thackeray faction pic.twitter.com/zvRo9xFgvD
— ANI (@ANI) April 8, 2023
उद्धव की तरफ से ये बयान, एनसीपी सुप्रीमो द्वारा एक साक्षात्कार के दौरान अडानी समूह की संसदीय जांच के लिए विपक्ष के अभियान को खारिज करने के बाद आया है। संजय राउत ने कहा कि एनसीपी प्रमुख विपक्ष के सबसे बड़े नेताओं में से एक बने रहेंगे और उन्हें लोकतंत्र में मुद्दों पर अपनी राय रखने का अधिकार है।
इससे पहले पवार ने कहा था कि अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति की जांच की ‘कोई आवश्यकता नहीं है’ क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति अपने मामलों में अधिक विश्वसनीय और निष्पक्ष होगी। उन्होंने कहा था, ‘जेपीसी के लिए एक निश्चित संरचना है। अगर एक जेपीसी में 21 सदस्य शामिल हैं, तो उनमें से 15 सरकार की ओर से होंगे, क्योंकि अन्य दलों में अधिकतम 6 सदस्य ही हो सकते हैं। इसलिए, सभी संभावना में, जेपीसी रिपोर्ट केवल मामले में सरकार की स्थिति की पुष्टि करें। इसलिए, मुझे लगता है कि जेपीसी के बजाय, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति अधिक विश्वसनीय और निष्पक्ष होगी।’
यह पूछे जाने पर कि क्या उनका बयान ऐसे समय में विपक्षी एकता को नुकसान पहुंचाएगा उन्होंने कहा, ‘जहां तक विपक्षी एकता का सवाल है, मुझे नहीं लगता कि जेपीसी की मांग में कुछ है। मेरी पार्टी ने जेपीसी की मांग का समर्थन किया है लेकिन मुझे लगता है कि पैनल में सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों का वर्चस्व होगा। इसलिए मैं कह रहा हूं कि जेपीसी जांच की मांग को विपक्षी एकता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’
पवार के बयान पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, एनसीपी के अपने विचार हो सकते हैं लेकिन 19 समान विचारधारा वाले विपक्षी दल इस बात को मानते हैं कि प्रधानमंत्री से जुड़ा अडानी ग्रुप का मुद्दा वास्तविक और बहुत गंभीर है। लेकिन एनसीपी सहित समान विचारधारा वाले सभी 20 विपक्षी दल एकजुट हैं और संविधान एवं हमारे लोकतंत्र को भाजपा के हमलों से बचाने के लिए संगठित हैं। ये सभी भाजपा के विभाजनकारी और विनाशकारी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे को हराने में एक साथ होंगे।
वहीं इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस और उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष किया और कहा कि विपक्ष को पवार की बातों पर ध्यान देना चाहिए।
शिंदे गुट ने कहा कि शरद पवार के बयान ने यह साबित कर दिया कि हिंडनबर्ग द्वारा अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की राहुल गांधी की मांग उचित नहीं थी। शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा, “हम शुरू से ही यह कहते रहे हैं कि विपक्ष में कोई एकता नहीं है और अब शरद पवार के बयान ने स्पष्ट रूप से स्थापित कर दिया है कि वह JPC मांग का समर्थन नहीं करते हैं।”