कांग्रेस नेतृत्व ने शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव नहीं कराने का फैसला किया है । यह निर्णय पार्टी की संचालन समिति की बैठक में लिया गया जिसमें गांधी परिवार के सदस्यों ने भाग नहीं लिया।
संचालन समिति की तीन घंटे की बैठक के बाद, कांग्रेस संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से सीडब्ल्यूसी सदस्यों को नामित करने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अधिकृत करने का फैसला किया।
पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बैठक में न जाने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया। हालांकि, ये तीनों लोग शनिवार और रविवार को एआईसीसी पूर्ण सत्र में भाग लेंगे।
सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार की बैठक में सीडब्ल्यूसी चुनाव कराने के संबंध में बैठक में आर्गुमेंट और काउंटर आर्गुमेंट देखा गया। जयराम रमेश ने कहा कि “संचालन समिति ने कांग्रेस अध्यक्ष को सीडब्ल्यूसी में सदस्यों को नामित करने का अधिकार देने का निर्णय लिया। इस मुद्दे पर हमारी ढाई घंटे तक चर्चा हुई।’
जयराम रमेश ने कहा है कि आज स्टीयरिंग कमेटी की बैठक हुई है। सभी सदस्यों ने अपनी राय रखी। सर्व सम्मति से ये फैसला लिया गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को ये अधिकार दिया जाए कि वो कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों को मनोनीत करें। उन्होंने कहा- ‘एक तो जो राजनीति हालात देश में हैं। उसकी एक मिसाल कल देखने को मिली है। राजनीतिक चुनौतियां हैं, देश के सामने और विपक्ष की पार्टी होने के नाते, देश की स्थिति के कारण ये फैसला लिया गया है। ये फैसला सर्व सम्मति से लिया गया है। उन्होंने कहा कि आम सहमति से नहीं। सर्व सम्मति से ये फैसला लिया गया है’।
उन्होंने कहा कि संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और युवाओं के लिए सीडब्ल्यूसी में 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करना था। रमेश ने कहा कि संचालन समिति के लगभग 45 सदस्य बैठक में मौजूद थे।
गांधी परिवार के लोगों के बैठक में ना शामिल होने पर पूछे एक सवाल के जवाब में जयराम रमेश ने कहा- “कोई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं थी। जूम पर कोई नहीं था। उपस्थित सदस्यों ने अपने विचार रखे। वर्तमान राजनीतिक स्थिति और कांग्रेस की भूमिका और हम जो संशोधन लाने जा रहे हैं, उन पर चर्चा हुई”।
उन्होंने गांधी परिवार की गैरमौजूदगी के सवाल को यह कहते हुए टाल दिया कि जो जो उपस्थित थे उन्होंने बात की और निर्णय सर्वसम्मत था।