बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर आप आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं और उनकी थोड़ी देखभाल करते हैं तो वे आक्रामक नहीं होंगे और इंसानों पर हमला नहीं करेंगे। बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के डॉइरान ये कहा। दरअसल हाई कोर्ट नवी मुंबई के सीवुड्स एस्टेट लिमिटेड (एसईएल) के प्रबंधन और आवारा कुत्तों को खिलाने वाले निवासियों के बीच विवाद की सुनवाई के दौरान एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश कर रहा था। हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत ने भी हाई कोर्ट परिसर में आवारा कुत्तों को खाना खिलाकर उनकी समस्या का समाधान किया है।
जस्टिस गौतम पटेल ने कहा, “कोई भी कुत्ते या बाघ को यह नहीं बता सकता है कि उनकी क्षेत्रीय सीमाएं क्या हैं। वे (कुत्ते) आपके सीवुड्स एस्टेट की सीमाओं को नहीं जानते हैं। हमें बॉम्बे हाईकोर्ट में यह समस्या हुई थी। हमने उन्हें खिलाकर इसका हल किया। अब वे बस सोते हैं।”
हालांकि अदालत ने कहा कि कुत्तों को खाना खिलाने के लिए समर्पित फीडिंग स्पॉट ढूंढना समय की जरूरत है। एक बार जगह की पहचान हो जाने के बाद उनके फीडिंग, स्टर्लाइज और टीकाकरण का काम किया जा सकता है।
जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ ने सीवुड्स एस्टेट लिमिटेड (एसईएल) के स्वयंसेवकों की एक सूची मांगी है, जो परिसर के अंदर आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं, और उनकी देखभाल करने और सभी लागतों को वहन करने के लिए तैयार हैं। इसी के साथ हाई कोर्ट ने मामले को 20 मार्च, 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया है।
मालूम हो कि नवी मुंबई के सीवुड स्थित एक आवासीय परिसर के छह निवासियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें नवी मुंबई नगर निगम (NMMC) को सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों के लिए भोजन क्षेत्र की पहचान करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों ने आवारा पशुओं को खिलाने के लिए उनके सोसाइटी द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने को भी चुनौती दी है। याचिकाकर्ता और SEL प्रबंधन के बीच लंबे वक़्त से इस मुद्दे को लेकर खींचतान चल रही थी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एक एनजीओ ‘द वेलफेयर ऑफ स्ट्रे डॉग्स’ (डब्ल्यूएसडी) से मदद मांगी थी। SEL प्रबंधन द्वारा कुत्तों को खाना खिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन की जमीन पर तीन फीडिंग स्पॉट चिन्हित की गई थी। कोर्ट ने इन तीन जगहों में से एक को अप्रूव किया और बाकी दो जगहों को रिजेक्ट कर दिया। इन दो जगहों को रिजेक्ट करने के पीछे की वजह ये थी कि इसमें से एक जगह सर्विस रोड के पास था तो दूसरी जगह एक स्कूल के पास. इसी वजह से हाई कोर्ट ने इन दोनों जगहों को नामंजूर कर दिया। बॉम्बे हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा है कि कुत्तों को खाना खिलाने के लिए अलग जगहों की तलाश करें।