दिल्ली के अलग अलग इलाकों में गुरुवार को दीवारों पर ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ और ‘रेफरेंडम 2020’ के नारे लिखे जाने का मामला सामने आया है। राजधानी के पश्चिम विहार, विकासपुरी, जनकपुरी, पीरागढ़ी समेत कई अन्य इलाकों की की दीवारों पर ये नारे लिखे मिले। हालांकि बाद में पुलिस ने इन नारों को हटवा दिया।
'Khalistan Zindabad', and 'Referendum 2020' slogans were seen painted on a wall in the Paschim Vihar area of Delhi today. Later, the police got the graffiti removed. pic.twitter.com/acTfywVcRh
— ANI (@ANI) January 19, 2023
दिल्ली पुलिस ने कहा कि “खालिस्तान जिंदाबाद” और अन्य देश विरोधी नारे जो राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम 10 स्थानों पर लिखे गए थे, उन्हें हटा दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस की PRO सुमन नलवा ने बताया कि कुछ लोगों ने दिल्ली के कुछ इलाकों में देश विरोधी नारे लिखे थे। मामले में जांच की जा रही है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यह मामला सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित नहीं है।
Some people had painted anti-national, Khalistan-related graffiti at some locations in Delhi. This is not a security-related issue. Legal action will be taken in this matter: Suman Nalwa, PRO, Delhi Police pic.twitter.com/diGNpcma1S
— ANI (@ANI) January 19, 2023
दिल्ली पुलिस के पीआरओ ने आगे बताया कि, ‘पुलिस ने आईपीसी की धाराओ में मुकदमा दर्ज कर अज्ञात लोगों की तलाश शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि गणतंत्र दिवस से पहले कोई गलत गतिविधि न हो। यह हमारी सुरक्षा को प्रभावित नहीं करता है। चूंकि एसएफजे एक प्रतिबंधित संगठन है, इसलिए यह खुद को उजागर करने की कोशिश कर रहा है और खबरों में रहना चाहता है’।
#UPDATE | A case under sections 153-B & 120-B IPC is being registered by the Special Cell, Delhi Police in connection with pro-Khalistani slogans painted – now removed – on a wall in Paschim Vihar area of Delhi today. https://t.co/xORJRculqm
— ANI (@ANI) January 19, 2023
इससे पहले पिछले साल करनाल पुलिस ने दो शैक्षणिक संस्थानों की दीवारों पर “खालिस्तान समर्थक नारे” लिखने के आरोप में पटियाला के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिसकी पहचान मंजीत के रूप में हुई थी और कहा था कि आरोपी को 1,000 अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया गया था। हिमाचल प्रदेश में पिछले साल मई में पंजाब के रहने वाले एक व्यक्ति को विधानसभा के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि खालिस्तान की मांग को लेकर कई सारे संगठन बने हैं। इन्हीं में एक सिख फॉर जस्टिस भी है। इस संगठन की शुरुआत 2007 में अमेरिका से हुई थी। इसका मकसद पंजाब को देश से अलग कर खालिस्तान बनाने का है। जुलाई 2019 में केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था। जुलाई 2019 तक NIA, पंजाब पुलिस और उत्तराखंड पुलिस के सामने 12 क्रिमिनल केस दर्ज थे। इन मामलों में 39 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के समय भी सिख फॉर जस्टिस का नाम सामने आया था।