सुप्रीम कोर्ट ने छपरा जहरीली शराब मामले की स्वतंत्र और एसआईटी जांच की मांग वाली याचिका पर विचार करने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है। CJI जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप इस मामले को लेकर हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? इस मामले में आर्यावर्त महासभा फाउंडेशन की ओर से कहा गया था कि यह इकलौता बिहार का मामला नहीं है। उत्तराखंड और अन्य राज्यों में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।
BREAKING: Supreme Court refuses to hear a petition seeking an SIT investigation into the Bihar Hooch Tragedy.
CJI: Why are you coming here? All your reliefs can be granted by the High Court. Let HC decide. They have even wider powers. SIT, compensation – everything HC can see.
— Law Today (@LawTodayLive) January 9, 2023
CJI ने सुनवाई के दौरान कहा कि आपने अपनी याचिका में जो भी तीन मांगें की है, उन सभी मांगों पर हाईकोर्ट के पास समुचित अधिकार है। हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर सकता है। सुनवाई के दौरान जस्टिस पीएस नरसिम्हन ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या उनका केस विशेष रूप से बिहार से ही जुड़ा है? इस पर याचिकाकर्ता की ओर से जवाब दिया गया कि यह सिर्फ बिहार का मामला नहीं है। देश के अन्य राज्यों में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।
मालूम हो कि आर्यवर्त महासभा फ़ाउंडेशन ने छपरा ज़हरीली शराब मामले में एक एसआईटी जांच और मरने वालों के परिवार को मुआवज़ा देने की मांग की थी। याचिका में कोर्ट से निवेदन किया गया था, “इस मामले में राज्य सरकार को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाने के लिए दिशा निर्देश दिए जाएं और परिवार को मुआवज़ा दिया जाए क्योंकि लोगों के अधिकारों का हनन हुआ है।” इसके अलावा याचिका में देशभर में अवैध शराब के निमाण, व्यापार और बिक्री को काबू करने को लेकर नेशनल एक्शन प्लान बनाने की भी मांग की गई थी।
बता दें कि दिसंबर 2022 में बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थीं। इसके बाद बिहार की राजनीति गरमा गई थी। बीजेपी इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार से पीड़ित परिवार वालों के लिए मुआवजे की मांग कर रही थी। इस मांग को लेकर सरकार और बीजेपी आमने-सामने थी। वहीं, मुआवजे के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना था कि प्रदेश में शराबबंदी है, ऐसे में इस प्रदेश में शराब का सेवन करना गैर कानूनी है। सीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि, किसी को भी मुआवजा नहीं मिलेगा।
पुलिस ने अब तक शराब कांड के मास्टरमाइंड समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के मुताबिक पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष दल का गठन किया था। इस टीम ने ही इन लोगों को गिरफ्तार किया है।