स्मार्ट शहर वाराणसी में 750 से अधिक स्थानों पर 2300 एडवांस सर्विलांस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एडवांस सर्विलांस सीसीटीवी कैमरे में फेसियल रिकवर करने की क्षमता है। दिन हो या रात, उसकी जद में आने के बाद कोई बच के नहीं निकल सकेगा। खासकर अपराधियों को घटना को अंजाम देकर भागना आसान नहीं होगा। वहीं, वाहनों पर तीन लोग बैठकर बिना हेलमेट भी नहीं चल सकेंगे। साथ ही नंबर प्लेट को भी आसानी से कैच कर सकेगा। शहर में कहीं जाम की स्थिति है तो तत्काल वहां पुलिस पहुंचेगी और इससे निजात दिलाएगी। लेकिन ये कैमरे सिर्फ चालान काटने और खोये हुए बैग वापस करने में न्यून भूमिका अदा कर रहे हैं। हत्या, लूट और नशीले पदार्थों की स्मलिंग के मामले को बेनकाब करने में सीसीटीवी कैमरे की योजना फिसड्ड़ी साबित हो रही है।
शहर में यातायात व्यवस्था ध्वस्त है, और यातायात विभाग के दावों की पोल आए दिन बेनकाब हो रही है। शहर के अधिकतर इलाकों में ट्रैफिक जाम की परेशानी नासूर बनी हुई है। वहीं, पब्लिक के साथ यातायात विभाग जमकर कार्रवाई भी कर रहा है, लेकिन व्यवस्था को स्थाई रूप से सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं शहर के दर्जनों चौराहे पर पैदल राहगीरों, स्कूली बच्चों और स्थानीय लोगों को सड़क पार करने के लिए बनाए गए जेब्रा कॉसिंग की हालत बदहाल है। शहर में यातायात व्यवस्था के बेपटरी होने व अवैध वाहन स्टैंडों से रोजाना शासन को लाखों के राजस्व का चूना लग रहा है।
सीएम योगी के आदेश को ठेंगा !
प्रदेश के शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को शहरों से अवैध बस अड्डों, ऑटो स्टैंड और ई रिक्शा स्टैंड के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। इसके लिए उन्होंने अफसरों को 48 घंटे का समय दिया था। इसके बाद बनारस में नगर निगम, ट्रैफिक और एआरटीओ की टीमों ने कार्रवाई शुरू की। वाहनों को सीज करने के साथ चालान काटा गया, लेकिन इसके बाद भी वाहन स्टैंड बंद नहीं हुए। अब भी शहर में धड़ल्ले से वाहन स्टैंड संचालित किए जा रहे हैं। शहर के लंका, इंग्लिशिया लाइन चौराहा, गिरजाघर, चौकाघाट समेत कई इलाकों में अवैध स्टैैंड संचालित हो रहे हैैं। शहर के फेमस घाट अस्सी पर मुख्य सड़क से अस्सी घाट की ओर जाने वाले मार्ग पर दोपहिया वाहनों की पार्किंग कराकर वसूली की जा रही है। अस्सी से नगवा मार्ग पर प्राइवेट पार्किंग बनाकर मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। वसूली का विरोध करने पर पार्किंगकर्मी वाहन चालकों से गाली-गलौज करने के साथ मारपीट भी करते हैं।
क्राइम फुटेज देने में हो जाते हैं खराब-
बीएचयू के एक चर्चित मामले के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने “तक्षक पोस्ट” को बताया कि “देखा गया है कि कई आपराधिक घटनाओं के सुबूत के तौर पर आसपास के इलाके के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मंगाई जाती है तो सीसीटीवी कैमरा खराब। कैमरा व सीसीटीवी फुटेज डायरेक्ट एविडेंस होता है। “बीएचयू के छात्र शिवम त्रिवेदी के मौत के मामले में पुलिस की लीपापोती और साक्ष्य मिटाने जैसे हरकतों का पता सीबीसीआईडी की जांच में सामने आया तो वाराणसी पुलिस की जमकर किरकिरी हुई। लंका पुलिस ने पीड़ित पिता को बताया कि सीसीटीवी ख़राब है, जबकि बाद में आरटीआई से पता चला कि सीसीटीवी चालू था। सीबीसीआईडी की जांच में यह सामने आया कि जांच में पुलिस ने सहयोग नहीं किया था। इस मामले में आठ पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं।”
बोधिसत्त्वा फाउंडेशन के अध्यक्ष कीर्ति भूषण सिंह कहते हैं कि “10 फरवरी को पुलिस लाइन चौराहे पर चौबेपुर क्षेत्र के डॉ शशिकांत सिंह महाविद्यालय के प्रबंधक विभूति भूषण सिंह (42) कबीरचौरा स्थित अपने आवास से अपनी कार से कालेज रहे थे, तभी रास्ते में पुलिस लाइन के समीप विपरीत दिशा से आ रही दूसरी कार ने टक्कर मार दी। टक्कर के बाद बिहार नंबर की अर्टिगा पर सवार सभी आरोपी वाहन छोड़कर फरार हो गए थे। कोर्ट में जो रिपोर्ट सबमिट किया गया, उसमें सीसीटीवी फुटेज नहीं लगाई थी। दूसरी बात यह कि घटना 10 फरवरी को होती है, पुलिस ने ताजा रिपोर्ट लगाने के बजाय एक हफ्ते पहले की लोकेशन लगाई, जो 05 फरवरी की है। विभूति भूषण हत्याकांड मामले में शुरुआत में पुलिस की लापरवाही से हमलोगों को बहुत परेशानी हुई। यदि घटना के तुरंत बाद पुलिस ने निष्पक्षता से शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक किया होता तो केस सॉल्व करने में काफी सहूलियत होती।”
पब्लिक को जेब्रा क्रॉसिंग भी नसीब नहीं-
गाटर पुल पर अंधरापुल की तरफ जाने वाले जेब्रा क्रॉसिंग को बुधवार को गाजीपुर के रघुबीर अपनी पत्नी के साथ पार कर रहे थे। अपने जैसे-तैसे वाहनों की भीड़ को चीरकर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन पत्नी घबरा जा रही थी। यह वाकया चौराहे पर तैनात यातायात का गर्ड भी देख रहा था, लेकिन वह चाहकर भी मदद नहीं कर सका। कोमल ने कहा कि ऐसे चौराहों को पार करना किसी आफत से कम नहीं है। वाराणसी के अति व्यस्ततम चौराहे में शुमार चौकाघाट के गाटर पुल चौराहे पर बुधवार को रेड सिगनल होने के बाद भी कदम रखने भर की जगह नहीं रहती है। कुछ वाहन चालक जेब्रा क्रॉसिंग का रंग मिट जाने के कारण चलते ट्रैफिक तक आकर खड़े हो गए थे। चौराहे पर तैनात यातायात विभाग के जवान देखने के बाद भी अपने-अपने कामों में मशगूल रहे।
जुर्माने को ही सुविधा समझा जाए क्या ?
पुलिस लाइन चौराहे से गुजरने पर हुकुलगंज जाने वाली सड़क के किनारे वाहन खड़ा करने पर चौबेपुर निवासी बजरंगी का 500 रुपए का चालान काट दिया गया। जब उन्होंने ने यातायात के जवान से कहां की पास में पार्किंग होता तो वे पार्किंग में गाड़ी पार्क करते, लेकिन कांस्टेबल ने एक नहीं सुनी और चलता बना। बजरंगी कहते हैं कि अनजाने में और बैगर फैसिलिटी मुहैया कराये रूल्स ब्रेक करने वालों के धड़ाधड़ चालान जेनरेट किए जा रहे हैैं। यह एक मनमानी वसूली और नागरिकों के अधिकारों के खिलाफ है। यातायात विभाग नियम तोड़ने के नाम पर सिर्फ जुर्माना वसूलकर अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकती। शहर के आधे से अधिक चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग सड़कों के रंग में मिल गए है। इन्हें कब दुरुस्त किया जाएगा। वाराणसी यातायात पुलिस ने नवंबर में तकरीबन तीन हजार वाहनों के चालान काटे हैैं।
अवैध स्टैंड भी बड़ी परेशानी-
शहर में इनदिनों अवैध स्टैैंडों की बाढ़ आई हुई है, जिसपर किसी जिम्मेदार अधिकरी का ध्यान नहीं जा रहा। प्रशासनिक दस्तों द्वारा इन स्टैैंडों को देखते हुए भी नजरअंदाज किया जा रहा है। आलम यह है कि 15 किलोमीटर रेडियस वाले बनारस शहर में पांच दर्जन अवैध स्टैैंड संचालित हो रहे हैं. इनमें कुछ ऐसे स्टैैंड हैं, जो शहर के प्रमुख चौराहों पर ही वसूली में जुटे हैं. विदित हो कि नगर निगम प्रशासन द्वारा शहर के अंदर टू व्हीलर, थ्री व्हीलर और फोर व्हीलर के साथ ही बड़ी गाडिय़ों को मिलाकर शहर के अंदर 39 पार्किंगों को ही लाइसेंस दिया गया है। इन पार्किंग में एक साथ 45 सौ वाहनों को रखने की क्षमता है। वहीं, शहर में रोजाना तीन लाख से अधिक वाहन आते हैं। जिनसे अवैध स्टैंड वालों की दुकान चलती है।
दशकों पुराना राग-
ट्रैफिक विभाग के आंकड़े के अनुसार शहर के अंदर रोजाना 2.25 से लेकर 2.75 लाख तक गाडिय़ों का आवागमन होता है। इनमें से 50 प्रतिशत गाडिय़ां बनारस के पड़ोसी जिलों की होती हैं। इसके बाद बिहार और एमपी के साथ झारखंड की आती हैं। इन गाडिय़ों का सबसे ज्यादा मूवमेंट बीएचयू, दशाश्वमेध और सारनाथ में होता है। इन गाडिय़ों को शहर के अंदर प्रापर पार्किंग नहीं मिलने के कारण रोड पर ही पार्किंग करके अपने काम को चलाया जाता है। यातायात विभाग, पुलिस, नगर निगम आदि की लापरवाही का खामियाजा आम पब्लिक को उठानी पड़ती है।
आटो की जारी है मनमानी-
शहर के आटो चालकों की आये दिन मनमानी चल रही है। इन पर प्रशासन द्वारा कोई भी लगाम नहीं लगाई जा रही है। इनके द्वारा आए दिन शहर के किसी भी कोने में 10 से 15 आटो एक साथ खड़ा करके पार्किंग बना ली जा रही है। इस कारनामे के कारण शहर के अंदर रोजाना ट्रैफिक और जाम की समस्या हो रही है। इतना ही नहीं इन आटो स्टैैंड की मनमानी के कारण आम राहगीरों को परेशानी के साथ ही दुर्घटना का भी शिकार होना पड़ रहा है।
शहर में वैध पार्किंग-
शहर में लाइसेंसधारी पार्किंग में चौकाघाट लकड़ी मंडी बस स्टैैंड, कचहरी जालान शोरूम, हेरिटेज हास्पिटल-लंका, भोजूबीर डिठोरी महाल स्टैैंड, जतनवर दोपहिया स्टैैंड, पांडेयपुर चौराहा स्टैैंड, काली महाल दोपहिया वाहन स्टैैंड, कबीरा काम्पलेक्स स्टैैंड, सारनाथ दोपहिया व चारपहिया स्टैैंड, असि घाट स्टैैंड, संकटमोचन पार्किंग स्टैैंड, भैैंसासुर राजघाट चारपहिया स्टैैंड, बेनियाबाग मल्टीप्लेक्स पार्किंग और सामनेघाट पार्किंग शामिल है।
अवैध रूप से चल रहे वाहन स्टैैंड-
शहर में इनदिनों अवैध पार्किंग संचालकों के हौसले बुलंद है। सीएम योगी के निर्देश के बाद भी वाराणसी का प्रशासन शहर को अवैध पार्किंग से मुक्त नहीं करा पाया है। लिहाजा, संविवि के पास पार्किंग, तेलियाबाग, कैंट, हुकुलगंज पार्किंग, मैदागिन पार्किंग, दालमंडी, लहरतारा पार्किंग, कचहरी, रथयात्रा पार्किंग, नगर निगम रोड, नदेसर, सारनाथ, लंका, मंडुआडीह और सिगरा समेत कई स्थानों पर अवैध पार्किंग आबाद है।
सारनाथ और पांडेयपुर में परेशानी-
सारनाथ में रोज आसपास के जनपदों से हजारों लोग आते हैैं। इनके वाहनों को अवैध रूस से संचालित पार्किंग में खड़ा कराया जाता है। आशापुर चौराहा पर पंचक्रोशी जाने वाले मार्ग के दोनों तरफ अवैध ऑटो स्टैंड का संचालन हो रहा है। अवैध ऑटो स्टैंड आशापुर चौकी से चंद कदम की दूरी पर है। पंचक्रोशी चौराहे से पांडेयपुर जाने वाले मार्ग पर स्थित पुलिस बूथ के पास अवैध ऑटो स्टैंड का संचालन हो रहा है। शहर के अतिव्यस्त प्लेस में शुमार लंका, कैंट रोडवेज, रेलवे स्टेशन, लहरताता, मंडुआडीह समेत कई स्थानों पर अवैध तरीके से वाहन स्टैैंड का संचालन किया जा रहा है। रोडवेज और आसपास के नागरिकों की शिकायत के बाद भी हालात जस के तस हैैं। मंडुवाडीह के ककरमत्ता, भिखारीपुर में सड़क पर ही कई साल से अवैध ऑटो स्टैंड संचालित हो रहे हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार-
ट्रैफिक पुलिस के एडीसीपी डीके पूरी ने कहा कि “व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए और पब्लिक यातायात नियमों को गंभीरता से पालन करे, इसके लिए चालान की कार्रवाई की जाती है। अवैध स्टैंड पर हाल ही में जमकर अभियान चलाया गया था। इनका सर्वे कर जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी की है। इनके कैमरों की मदद से हम ट्रैफिक कंट्रोल करते हैं। हर चौराहे पर कैमरे दुरुस्त है।कभी एकाध स्थानों पर किसी कारणवश कोई खराबी रही होगी, लेकिन सभी एक्टिव हैं।” नगर निगम के प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल राघवेन्द्र मौर्य ने बताया कि “शहर में आए दिन बनने वाले अवैध रूप के स्टैैंडों पर हमारी टीम द्वारा हमेशा एक्शन लिया जा रहा है। इनकी वजह से जो ट्रैफिक की समस्या बनती है, जानकारी होने पर कार्रवाई के साथ चालान भी किया जाता है।” पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन केके सिंह ने “तक्षक पोस्ट” को बताया कि जेब्रा क्रॉसिंग की बदहाली का मामला संज्ञान में है। बारिश के बाद से कई चौराहों की जेब्रा क्रॉसिंग का रंग धुल गया है। दोबारा से जेब्रा क्रॉसिंग के रंग-रोगन काम शुरू कर दिया गया है. एक टीम बनाकर जेब्रा क्रॉसिंग के रंग-रोगन के लिए लगा दिया गया है। आगामी कुछ दिनों में जेब्रा क्रासिंग को आकर्षक स्वरूप में ला दिया जाएगा।”
यातायात विभाग जाम के स्थाई निदान में विफल-
एक्टिविस्ट वैभव कुमार त्रिपाठी कि “स्मार्ट शहर का दावा खोखला और जमीनी हकीकत से कोसो दूर है। आप बनारस के दर्जन भर इलाकों में चले जाइये सीवर, टूटी गलियां और अव्यवस्था हावी है व पब्लिक रोजाना परेशान हो रही है। इसकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। स्थाई रूप से बनारस में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए यातायात विभाग के पास ब्लू प्रिंट नहीं है। सिर्फ चालान काटकर और कागजों में जाम से मुक्ति की योजनाएं बनाई जा रही है। सीसीटीवी कैमरों का काम बड़े अपराधों और तस्करी को उजागर करने में उतनी उपयोगिता साबित नहीं हो पा रही है, जितने दावे सरकार और प्रशासन कर रहा है। शहर में अवैध वाहन स्टैंड की बाढ़ सी आई हुई है, इनकी मनमानी लूट से राजस्व को नुकसान पहुंच रहा है। बहरहाल, गंभीरता से योजना बनाकर और ईमानदारी से लागू करने पर ही शहर को जाम से मुक्ति दिलाई जा सकती है।”