महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध से लड़ने के लिए निर्भया फंड के तहत इसी साल मुंबई पुलिस द्वारा खरीदे गए कुछ गाड़ियों का उपयोग वर्तमान में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के विधायकों और सांसदों को Y+ सुरक्षा देने में किया जा रहा है। इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने कहा कि, ‘ऐसे लोगों को इस्तीफा देना चाहिए, जिन्होंने इस प्रकार से दुरुपयोग किया है. उनको सारी महिलाओं माफी मांगनी चाहिए. मैं क्या शब्द इस्तेमाल करूं इनके लिए? ये बहुत शर्म की बात है।’
#WATCH ऐसे लोगों को इस्तीफा देना चाहिए। जिन्होंने इस प्रकार से दुरुपयोग किया है। उनको सारी महिलाओं माफी मांगनी चाहिए। मैं क्या शब्द इस्तेमाल करूं इनके लिए? ये बहुत शर्म की बात है: शिंदे विधायकों को y+ सुरक्षा प्रदान करने के लिए निर्भया फंड से गाड़ियां खरीदने पर SP सांसद जया बच्चन pic.twitter.com/4UYWbFgA1t
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 12, 2022
शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने भी महाराष्ट्र के डीजीपी को पत्र लिखकर निर्भया फंड से खरीदे गए इन वाहनों को वापस लेने की मांग की है। एनसीपी ने पत्र में कहा है कि यह व्यापक रूप से बताया गया है कि, ‘महाराष्ट्र के गृह विभाग ने निर्भया फंड के तहत खरीदे गए लगभग 40 वाहनों को शिंदे गुट के विधायकों की सुरक्षा के लिए लगा दिया। सरकार के इस फैसले की राज्य के नागरिकों द्वारा आलोचना की जा रही है और यह बेहद निंदनीय है क्योंकि पूरी निर्भया योजना का मूल आधार ही विफल हो गया है’।
NCP has written to Maharashtra DGP and demanded "Immediate withdrawal of vehicles procured under Nirbhaya fund". pic.twitter.com/92ZL6NScvs
— ANI (@ANI) December 12, 2022
इस पत्र में आगे लिखा गया है कि, ‘राज्य में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पुलिस तंत्र को सक्षम बनाने के लिए निर्भया फंड बनाया गया था। महिला सुरक्षा के लिए बने वाहनों को डायवर्ट करना और उन्हें सरकार के समर्थन वाले विधायकों की सुरक्षा के लिए सेवा में देना स्पष्ट रूप से निर्भया योजना का उल्लंघन है और सरकार उस गलती को सुधारने के लिए बाध्य है जो विशुद्ध रूप से राजनीतिक दबाव में की गई है। राकांपा विधायकों की सुरक्षा में तैनात उक्त वाहनों को तत्काल वापस लेकर निर्भया दस्ते को वापस भेजने की मांग करती है’।
मालूम हो कि हाल ही में एक पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में ये दावा किया था कि, ‘जुलाई में सभी 97 पुलिस थानों, साइबर, यातायात और तटीय पुलिस इकाइयों को वाहन दिया गया था। इन वाहनों में से 47 बोलेरो, मुंबई पुलिस के परिवहन विभाग द्वारा राज्य पुलिस के वीआईपी सुरक्षा अनुभाग के एक आदेश के बाद कई पुलिस थानों से मांगे गए थे, जिसमें कहा गया था कि शिंदे गुट के सांसदों और विधायकों को Y+ सुरक्षा मुहैया कराने के लिए इन वाहनों की आवश्यकता है। हालांकि, बाद में 17 वाहनों को आवश्यकता पूरी होने के बाद पुलिस थानों में वापस कर दिया गया लेकिन 30 बोलेरो अभी तक वापस नहीं आई हैं’।
इस मामले के खुलासे के बाद विपक्षी दल कांग्रेस और एनसीपी ने शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार से सवाल किया कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है? कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने पूछा कि, ‘क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं को दुर्व्यवहार से बचाने से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है?