रिश्ते बड़े अनमोल होते है दुनिया जहान की खुशियां कभी मिलती है, पैरों को आसमान और कंधे पर पंख जिसे आप कभी भी फैलाकर उड़ सकते है अपने सपनों के देश में। लेकिन क्या आप जानते है कुछ प्यार और रिश्ते “TOXIC” भी होते है…
यह एक आम बात है की रिश्ते कड़ी मेहनत से बनते है। कई बार होने वाले झगड़े तीखी नोकझोंक आपके प्यार को बढ़ाते है लेकिन कई बार इतना अवसाद दे देते है कि घुटन सी महसूस होने लगती है। आज इसी टॉपिक पर बात करने की जरूरत है।
यह सच है कि ये परेशानी किसी के सामाजिक और रोमांटिक जीवन में चिंता के बड़े कारण बन जाते है – जिसमें ये समझने की जरूरत है कब लोगों को बताने की जरूरत है और कब इससे बाहर आने की कोशिश करनी चाहिए। जहरीले रिश्ते कभी आपके मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते।
यहां आपको जहरीले (Toxic) रिश्तों के बारे में जानने की जरूरत है, और यह परिवार को कैसे बताना है कि आप एक घुटन वाले माहौल में हैं।
Toxic Relationship क्या है?
कैलिफ़ोर्निया के संचार और मनोविज्ञान विशेषज्ञ डॉ लिलियन ग्लास, की रिसर्च में पहली बार 1995 में “टॉक्सिक पीपल” शब्द उभर कर सामने आया। मनोवैज्ञानिक संसार में इसे ऐसे समझने की जरूरत है- “किसी भी रिश्ते में (उन लोगों के बीच) जो एक दूसरे का समर्थन नहीं करते हैं, जहां संघर्ष होता है और एक दूसरे को कमजोर करने की कोशिश होती है, जहां प्रतिस्पर्धा है, जहां अनादर है और एकजुटता की कमी है।” इसे टॉक्सिक कहा गया। अपने साथी को अकेला छोड़ना और भवानात्मक रूप से सहयोग ना करना भी इसी नजरिये से देखा जाता है।
हर रिश्ता उतार-चढ़ाव से गुजरता है, एक जहरीला रिश्ता लगातार जहरीला होता जाता है और इसमें लोगों के लिए भवानात्मक रूप से कोई चाह नहीं होती, इस हद तक नकारात्मक स्थिति होती है जहाँ एक पार्टनर सिर्फ अपने खुशी के बारे में सोचता और समझता है, कई बार परिस्थिति ऐसी होती है जहाँ नकारात्मक पल सकारात्मक पलों को भी पीछे छोड़ जाते है।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते है टॉक्सिक संबंध मानसिक, भावनात्मक और संभवतः शारीरिक रूप से भी एक या दोनों पार्टनर के लिए हानिकारक हैं। वहीं एक्सपर्ट कहते है जरूरी नहीं कि ये रिश्तों का रोमांटिक हो बल्कि कई बार दोस्ताना, पारिवारिक और पेशेवर रिश्ते सभी जहरीले भी हो सकते हैं।
Toxic Relationship क्यों होता है?
जो लोग अपने साथी को भवानात्मक रूप से हमेशा तोड़ते है उन्हें कमजोर करते है या नुकसान पहुंचाते हैं – चाहे जानबूझकर या अनजाने में- अक्सर उनके इस व्यवहार का एक कारण होता है। भले ही वह अवचेतन हो। “हो सकता है कि वे एक टॉक्सिक रिश्ते में थे, या तो रोमांटिक रूप से या अपने बचपन में, हो सकता है कि उनके पास सबसे उस वक्त उन्हें समझने वाला कोई ना हो या उन्हें वो प्यार नहीं मिला जिसके वो हकदार थे। “उन्हें स्कूल में होने के दौरान अवहेलना झेलनी पड़ी हो या दूसरों के साथ तुलना?
वो मानसिक असंतुलन के साथ किसी स्वास्थ्य समस्याओं से भी पीड़ित हो सकते हैं, जैसे कि अवसाद या चिंता या किसी प्रकार का मानसिक आघात।
बेंगलुरू में रहने वाली अदिति जिनकी उम्र 57 वर्ष है कहती है, कि वह अपनी मां को नशीली दवाओं की आदी होने अधिक मात्रा में इसको लेने और उसके हाथों शारीरिक शोषण का शिकार होने के कारण बचपन से ही टॉक्सिक संबंधों को जी रही है। फिर बड़े होने पर अपने पति के साथ ऐसे असहज पलों को महसूस किया जो भवानात्मक रूप से अपमानजनक साबित हुआ। आगे अदिति कहती है “मुझे इस जीवन में एहसास हुआ कि हमारे द्वारा किये वादों को किसी ऐसे समय तोड़ना जरूरी होता है जिसे हम नहीं तोड़ना चाहते लेकिन पकड़ कर रखने से कई बार जीने से ज्यादा मरने की नौबत आ जाती है।
टॉक्सिक रिश्ते मिसमैच जोड़ी का एक परिणाम होते हैं – जैसे दो ऐसे लोग जिनकी पसंद और सोचने का तरीका अलग है। अकसर कहते है प्यार अंधा होता है लेकिन ये कभी-कभी टॉक्सिक भी होता है।