भोपाल: देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत की ससुराल मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के सोहागपुर इलाके में है।देश इस दर्दनाक हादसे से शोकाकुल तो है ही, लेकिन मध्य प्रदेश के साथ समूचा विंध्य क्षेत्र अपनी बेटी और दामाद की सामायिक मौत पर आंसू बहा है। यही नहीं शहीद सीडीएस जनरल विपिन रावत के हेलीकॉप्टर के पायलट ग्रुप कैप्टन स्व.पीएस चौहान थे।वही हेलीकॉप्टर (चोपर ) उड़ा रहे थे। उनका भी विंध्य प्रदेश से नाता था। वह रीवा सैनिक स्कूल से 1998 मे पास आऊट है।शहीद सीडीएस की पत्नी मधुलिका स्व. कुंवर मृगेन्द्र सिंह की पुत्री हैं। स्वर्गीय कुंवर मृगेंद्र सिंह के दो पुत्र हर्षवर्धन सिंह और यशवर्धन सिंह है। मधुलिका की माँ ज्योतिप्रभा सिंह वर्तमान में शहडोल में रह रही है। बताया जाता है कि वह देर रात जबलपुर के लिए रवाना होंगी। जहां से वह विमान से दिल्ली जाएंगी।जबकि उनके बेटे यशवर्धन सिंह उनके साथ रहते है। बताया जाता है कि वह भोपाल से दिल्ली रवाना हो चुके है।
मधुलिका की प्राइमरी शिक्षा शहडोल में हुई। लेकिन इसके बाद की पढ़ाई सिंधिया स्कूल में हुई। सन 1985 में मधुलिका का विवाह कैप्टन विपिन रावत से हुआ था। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक मधुलिका अपने पिता के घर शहडोल (सोहागपुर) 2012 में एक शादी समारोह में आई थी। मधुलिका के पिता स्वर्गीय मृगेंद्र सिंह सोहागपुर के इलाकेदार स्वर्गीय लालजी साहेब के बड़े सुपुत्र है। स्वर्गीय मृगेंद्र सिंह 1977 तक मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के कोतमा विधान सभा से विधायक रहे। गौरतलब है कि सोहागपुर इलाका कभी रीवा रियासत का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा हैं।
जनरल विपिन रावत का आज एक दुर्घटना में असामयिक दुखद निधन हो गया। उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी उनके साथ थी। पति के साथ उनका भी स्वर्गवास हो गया। विपिन रावत मध्यप्रदेश के दामाद थे। जनरल रावत के साथ उनके विवाह की रस्म दिल्ली में निभाई गई थी। जनरल रावत- मधुलिका की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी कृतिका जिसकी शादी हो चुकी है। जबकि छोटी बेटी तनु जो हादसे के वक़्त घर पर अकेली थी। हादसे की खबर मिलते ही शहडोल जिले में भी शोक की लहर दौड़ गयी।
मधुलिका रावत आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं, और शहीदों के आश्रितों की भलाई के अभियान में सक्रिय रहती थीं। आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन भारत के सबसे बड़े स्वैच्छिक संगठनों में से एक है। मधुलिका को सिलाई, बुनाई का काफी शौक था। इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति अवार्ड भी मिल चुका है। यही नहीं भूटान में उनके नाम का डाक टिकट भी जारी किया जा चुका है।