कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी के नेतृत्व में गुरुवार दिनांक को केंद्रीय पुस्तकालय के सभागार में कार्य परिषद में कुछ निर्णय लिये गये हैं। अब स्नातक परीक्षा में सर्वोच्च अंक लाने वालें छात्रों को स्वर्ण पदक अब श्री हर प्रसाद गुप्त के नाम पर दिया जाएगा साथ ही एमएफए पाठ्यक्रम में सर्वोच्च अंक लाने वालों को गोल्ड मेडल स्वर्गीय डॉक्टर शरद बंसल के नाम दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये-
जानकारी के अनुसार पिछले दो कार्य परिषद तथा विद्या परिषद तथा के वित्त समिति में लिए गए निर्णय की कार्यवृत्त को अनुमोदित कर दिया गया। बैठक में भगवानदास केंद्रीय पुस्तकालय के सामने पार्क में भारत रत्न डॉक्टर भगवान दास की प्रतिमा पुनः स्थापित करने की अनुमति प्रदान की गई।बैठक में दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त छात्र-छात्राओं को दिए जाने वाले स्वर्ण पदक का नाम भी तय किया गया हैं।
बैठक में कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए संबद्ध महाविद्यालयों की संबद्धता विस्तार करण में विलंब के कारण लगने वाले अर्थदंड से मुक्त कर दिया गया है। आगामी वर्ष में 50000 प्रति संकाय अर्थदंड लागू रहेगा। बैठक में कुल 15 अध्यापकों के स्थायीकरण की अनुमति प्रदान की गई। लगभग एक दर्जन महाविद्यालयों की संबद्धता नियमानुसार पूरा कर लेने के उपरांत अनुमोदन प्रदान की गई। बैठक में प्रोफेसर प्रेम नारायण सिंह,प्रो, प्रभात कुमार दीक्षित,प्रोफेसर रंजन कुमार, प्रोफेसर अशोक कुमार मिश्र, प्रोफेसर शशि देवी सिंह,प्रोफेसर अजीत कुमार शुक्ला, डॉक्टर पारसनाथ मौर्य,डॉ,सुरेंद्र राम,,प्रोफेसर संजय,डॉ, राजीव राजीव कुमार,के साथ ही वित्त अधिकारी एवं रजिस्टर डॉ, सुनीता पांडेय उपस्थित रही।