महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी के लचर व्यवस्था के कारण छात्र नेताओं का धरना प्रदर्शन आए दिन आम बात हो गई है। अब तो लचर व्यवस्था के कारण शिक्षको में भी गुस्सा हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी के करीबी माने जाने वाले सलाहकार ऐसे -ऐसे हैं जिन पर आए दिन किसी न किसी करतूत के दाग लगे मिलते हैं, या मक्खन लगाने में महारत हासिल है। एक वरिष्ठ शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुलपति अच्छी सोच रखने वाले है। लेकिन उनके करीबी लोग खुद दागी है, उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं का समस्या को सुलझाने में चीफ-प्रॉक्टर की भूमिका अहम होती है। लेकिन देखा गया है कि चीफ प्रॉक्टर को छात्र नेता कुछ समझते नहीं।
चीफ-प्रॉक्टर हर समस्या को सुलझाने के लिए अधिकारियों से वार्ता कराने के अलावा कुछ नहीं करते। प्रश्न उठता है कि ऐसे प्राक्टर की आवश्यकता क्या है? विश्वविद्यालय है तो छात्र समस्याओं की समस्या रहेगी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के चीफ-प्रॉक्टर को खुद को इस्तीफा दे देना चाहिए था। वर्तमान
चीफ-प्रॉक्टर साहब को मक्खन लगाने में महारत हासिल है। पिछले कुलपति के निवास पर जाकर प्रतिदिन मक्खन लगाने का भी कार्य करते थे। जैसे ही नए कुलपति आए उन्हें भी मक्खन लगाने लगे और विश्वविद्यालय के चीफ-प्रॉक्टर बन गये।
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यह तो बात रही विश्वविद्यालय की लचर व्यवस्था की, इन दिनों छात्र नेताओं और शिक्षक के आमने- सामने आ जाने से पठन-पाठन की व्यवस्था भी छिन्न-भिन्न हो गई है। शिक्षक अपने मर्यादित मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपनी बात कहने के लिए सत्याग्रह स्थल पर गए थे, लेकिन छात्र नेता वहां पर पहुंचकर प्रदर्शन और हंगामा करने लगे इससे हालात खराब हो गया।
शिक्षक छात्र कल्याण संकाय के सामने दरी बिछाकर प्रदर्शन पर बैठ गए बाद में छात्र नेताओं का इस जगह पहुंच कर हंगामा और प्रदर्शन शुरू हो गया। आरोप प्रत्यारोप का दौर दिनभर चला।
कुछ छात्र नेताओं ने शिक्षकों के ऊपर घोटाले का भी आरोप लगाया है। यह कहां तक सच है यह कहना मुश्किल हैं, इसपर जांच होने पर ही यह तय हो पाएगा कि कौन दोषी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय में लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।अगर नहीं उठाया गया तो ऐसे ही वर्तमान कुलपति का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। ये छात्र नेता बढ़ चढ़कर ऐसे ही दवाव बनाते रहेंगे जरूरत है व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए व्यवस्थित लोगो की जिनमें कार्य करने की क्षमता हो। ऐसे लोगों को सम्मानित पदों पर जिम्मेदारी देने के साथ निक्कमे और चापलूसी करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।