इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ भवन पर छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर चल रहे संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्त्व में छात्र नेता अजय यादव सम्राट के अगुवाई में छात्रसंघ बहाली के आंदोलन का 486वां दिन भी जारी रहा।
आज अनशन स्थल पर भारत सरकार द्वारा तीन काले कृषि कानून वापस लेने पर अनशनकारियों ने छल दिवस मनाया।
अनशनकारियों ने कहा कि यह बिल नहीं यह बीजेपी का Will है। यह उसकी इक्क्षा है और पार्टी का एजेंडा है। एक न एक दिन इसे लागू जरूर करेगी। सावधान हो जाइए यह चुनावी हथकंडा और छल है। जैसे ही चुनाव खत्म होंगे बीजेपी इसे पुनः लागू कर देगी। काला कानून भले वापस हो अभी कहा है। जो दोहरा चरित्र है, दोहरी चाल है, दोहरा चेहरा है, जब हजारों किसानों की हत्या हो गई, हजारों किसानों ने आत्मदाह कर लिया, हजारों किसान भूखे रह गए, देश का इतना बड़ा नुकसान हो गया। अगर बिल गलत था तो मरे हुए किसानों को इसका मुआवजा दो, जितना उनका नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करो। क्योंकि यह तुम्हारी गलती है अगर बिल वापस लेने योग्य था तो लाए ही क्यों, सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया वहां भी सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय को भी गुमराह किया की बिल एकदम सही है माननीय उच्चतम न्यायालय की भी अवहेलना कर रहे हो।
सरकार उच्चतम न्यायालय में माफी मांगे। जनता को इतना पीड़ा क्यों दिया और यह बिल फिर से नहीं लाओगे, इसका क्या प्रमाण है। क्योंकि यह तुम्हारा राज्यों में चुनावी हथकंडा है लेकिन तुम मौका पाते ही इसको लाओगे। यह तुम्हारा टेक्निक है। तुम किसान विरोधी हो, सरकार किसान विरोधी है। यह चुनाव जीतने के लिए छल कर रही है। यह इस सरकार का एजेंडा है। हम सभी किसानों से अनुरोध करते हैं कि इस सरकार से सावधान हो जाइए। क्योंकि बबूल के पेड़ से कांटे निकलते हैं आम नहीं, यह चरित्र है बीजेपी का क्योंकि बबूल के पेड़ से फिर कांटा निकलेगा यह चुनाव के लिए बबूल से कांटा छिलवा लिये है।
इस सरकार से किसानों के लिए चार मांगे हैं।
1. उच्चतम न्यायालय से माफी मांगो।
2.किसानों को मुआवजा दो।
3.किसानों से माफी मांगो।
4.जो देश का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करो।
इस मौके पर छात्र नेता नवनीत यादव, शिव शंकर सरोज, आकाश यादव, राहुल पटेल, अमित कुमार यादव, मसूद अंसारी, सुधीर यादव, मोहम्मद सलमान, अभिषेक सिंह, मोहम्मद अरफात, गोलू पासवान, सिद्धार्थ गोलू, आदित्य यादव, आदि लोग उपस्थित रहे