अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र की कामना और मन्नतों के लिए करवाचौथ का व्रत रखने वाले लोगों के बीच ऐसा भी एक कोना है जो अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र की कामना करते है, पर समाज की हिकारत और उन्हें ना समझ पाने का मलाल उन्हें मुख्यधारा में आने से रोकता है। अब जबकि भारत के कानून में भी ऐसे जोड़ों को कानूनी तौर पर साथ रहने में गलत नहीं माना जाता लेकिन लोगों की सोच और जानकारी के अभाव में दिक्कतें बनी रहती हैं।
इसी कड़ी में रविवार को करवा चौथ (Karwa Chauth) मनाने को लेकर महिलायें बड़ी उत्सुकता से खुद को सजाने और सवारने के उपायों से दो चार हो रही है। लेकिन कुछ जोड़ें ऐसे भी है जो दुनिया की नजरों में आये बिना अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए खरीदारी और पूजा के बंदोबस्त में व्यस्त है। समाज की एक।जिम्मेदारी है और उसी को देखते हुए भले ही विज्ञापन के तौर पर सही पर एक पहल सुखद हुई हैं।
करवा चौथ पर डाबर फेम के एक विज्ञापन (Dabur’s Fem Advertisement) को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर बवाल मचा हुआ है। इस विज्ञापन को लेकर ट्विटर पर जहां कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे है तो वहीं कुछ लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं। जानते हैं कि विज्ञापन में क्या दिखाया गया है।
दरअसल डाबर फेम के विज्ञापन में ‘करवा चौथ’ पर फोकस करते हुए विज्ञापन में दो समलैंगिक (LGBTQ) कपल को दिखाया गया है। फेम के फेस प्रोडक्ट पर बने एड में दो लड़कियां एक-दूसरे के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। एड में दोनों लड़कियों को एक अन्य महिला द्वारा पहनने के लिए साड़ी भी दी जाती है। जिसके बाद दोनों व्रत तोड़ती हैं।
इस विज्ञापन पर कई लोगों ने LGBTQ का समर्थन किया है।वहीं कुछ लोगों ने इसकी आलोचना की है। लेकिन तमाम दावों और बहस के बीच ये सवाल तो है कि आखिर क्यों समाज ऐसे जोड़ों को सम्मान और जगह नहीं दे सकता। ये समझने की जरूरत है की ये बायलॉजिकल और गर्भ धारण के समय की संरचना के कारण होता हैं। और अगर ऐसे जोड़े अपने साथी के साथ अगर जीना चाहते हैं। तो इसमें गलत क्या हैं क्या हमें अपनी सोच बदलने की जरूरत नहीं ?