प्रयागराज: लम्बे समय से चल रही योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा पर एक और विस्तार से विराम लग गया।पहले जून तथा जुलाई में चर्चा ने जोर पकड़ा तो अगस्त के अंतिम हफ्ते में तो मंत्रियो के नाम के साथ ही शपथ लेने की तारीख भी तय होने लगी थी। मंत्रिमंडल विस्तार में एक ब्राह्मण जितिन प्रसाद के अलावा छह अन्य विधायकों को शपथ दिलाई गई है। इन छह में से एससी-ओबीसी जाति वर्ग से आते हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार हो गया।
उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद का विस्तार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम राजभवन के गांधी सभागार में हुआ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में सात नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में जितिन प्रसाद को शपथ दिलाई।
योगी आदित्यनाथ सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल विस्ता रविवार को हो गया। जितिन प्रसाद (ब्राह्मण) को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वहीं, राज्यमंत्री के रूप में छत्रपाल गंगवार (कुर्मी), पलटूराम (जाटव), संगीता बलवंत बिंद (निषाद), संजीव कुमार गोंड (अनुसूचित जनजाति), दिनेश खटीक (सोनकर), धर्मवीर प्रजापति (प्रजापति समाज), छत्रपाल सिंह गंगवार (कुर्मी) को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
मंत्री मंडल में शामिल किए गए जितिन प्रसाद अभी तक कांग्रेस में थे और कुछ महीनों पहले ही वह भाजपा में शामिल हुते हैं।भाजपा को एक कद्दावर ब्राह्मण नेता की तलाश थी,वह जीतिन प्रसाद के आने से पूरी हो गई। वह राहुल गांधी के नज़दीक भी थे। प्रसाद उत्तर प्रदेश में अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। केन्द्र की मनमोहन सरकार में राज्य मंत्री रहे जितिन प्रसाद का रुहेलखंड में काफी प्रभाव है। वह कांग्रेस में बड़े कद के नेता थे। वह दो बार सांसद रहे। 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने। इसके बाद 2008 में केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री बनाए गए। 2009 में परिसीमन के बाद धौरहरा से लड़े और दूसरी बार सांसद बने।वह सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रहें। प्रसाद 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से चुनाव हारे। इसके साथ 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से चुनाव हारे। इनके पिता जितेन्द्र प्रसाद भी चार बार शाहजहांपुर के सांसद रहे। वह तो राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनितिक सलाहकार रहे हैं।