प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आजकल विदेश वो भी अमेरिका की यात्रा पर हैं। अमेरिका और यूरोप के देश उनके पसंदीदा देश हैं जहां वो जाना पसंद करते हैं। इस बार बहुत लम्बे अरसे के बाद उनका विदेश ख़ास तौर पर अमेरिका जाना हुआ है। प्रधानमंत्री क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री बुधवार 22 सितम्बर 2021की सुबह दिल्ली से आमेरिका की इस यात्रा के लिए निकले थे। उनकी यह यात्रा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक़ पांच दिवसीय यात्रा बताई जा रही थी लेकिन अमेरिका के लिए प्रस्थान करने से कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री को याद आया कि रविवार 26 सितम्बर 2021 को तो उन्हें देशवासियों के साथ मन की बात करनी है इसलिए अंतिम समय में कार्यक्रम में बदलाव किया गया और यह तय किया गया कि प्रधानमंत्री मन की बात से एक दिन पहले यानी 25 सितम्बर की देर शाम या रात तक स्वदेश वापस जरूर लौट आये …..
प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के कार्यक्रम में अंतिम समय में हुए इस बदलाव के चलते ही अब यह यात्रा पांच दिन के स्थान पर तीन दिन ( 22, 23और 24 सितम्बर ) की होकर रह गई है, जबकि पहले के कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री के कारवाँ 26 सितम्बर की शाम तक वापस दिल्ली पहुँचता और यह पांच दिनी यात्रा होती। भारत सरकार के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने विगत मंगलवार 21 सितम्बर को जो जानकारी इस बाबत मीडिया को दी थी उसके मुताबिक़ तो यही तय हुआ था कि बुधवार 22 सितम्बर की सुबह दिल्ली से प्रस्थान कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी टीम 26 सितम्बर को वापस दिल्ली पहुंचेगी। पर मन की बात कार्यक्रम की वजह से यह बदलाव भी जरूरी हो गया था। गौरतलब है कि हर महीने के अंतिम रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ज्वलंत मुद्दों पर देश की जनता के साथ अपने रडियो कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से संवाद करते हैं।
26 मई 2014 को पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने नरेन्द्र मोदी देश के सबसे अधिक बार विदेश यात्रा करने वाले प्रधानमंत्री के रूप में भी स्थापित हो चुके हैं। प्रधानमंत्री बनाने के 6 माह बाद ही उनकी विदेश यात्राओं का सिलसिला शुरू हो चूका था। इस क्रम में कोरोना संकट शुरू होने के करीब 6 महीने पहले नवम्बर 2019 में ब्राजील की यात्रा के साथ ही उनकी विदेश यात्रा में कुछ समय के लिए व्यवधान आया था। उनकी विदेश यात्रा में यह व्यवधान तब तक लगा रहा था जब तक वो बंगाल विधानसभा के चुनाव से कुछ माह पहले पड़ोसी देश बांगला देश की यात्रा पर नहीं गए थे। बांगला देश की यात्रा इसी साल की शुरुआत में हुए थी और इसके बाद उनकी यह पहली अमेरिका यात्रा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी अपने अब तक के करीब सात साल के कार्यकाल में कई बार अमेरिका की यात्रा पर गए हैं। इससे पहले वो सितंबर 2019 में अमेरिका यात्रा पर गए थे। उस दौरान उन्होंने और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ह्यूस्टन में हाउडी-मोदी कार्यक्रम को संबोधित किया था। नरेन्द्र मोदी की उस अमेरिका यात्रा के बाद ही तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फरवरी 2020 में भारत की यात्रा की थी।
डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के बाद ही भारत और अमेरिका समेत पूरी दुनिया में कोरोना का ग्रहण लगने की वजह से किसी का भी कहीं भी आना जाना एकदम बंद हो गया था। इस लिहाज से श्री मोदी की यह अमेरिका यात्रा लगभग छह महीने की अवधि में उनकी पहली और कोविड संकट के आंशिक तौर पर हल होने की हालत में दूसरी विदेश यात्रा है। श्री मोदी इससे पहले मार्च 2021 में बांग्लादेश की यात्रा पर गए थे।
अपनी इस यात्रा पर जाने से कुछ समय पहले ही प्रधान मंत्री ने यह कहा था कि वो संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के आमंत्रण पर 22 से 25 सितंबर 2021 तक अमेरिका की यात्रा करेंगे। इस यात्रा के दौरान मैं राष्ट्रपति बाइडेन के साथ भारत अमेरिकी व्यापक-वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत करने के साथ ही भारतीय मूल की अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ मुलाकात को लेकर भी प्रधानमंत्री ने अपनी उत्सुकता जताई थी और यह उम्मीद भी की थी कि अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर बातचीत की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की मौजूदा यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ ही ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत करने की इच्छा भी व्यक्त की थी।
क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले जापान और ऑस्ट्रेलिया के इन नेताओं के साथ अलग से बात करने की तरफ भी प्रधानमंत्री ने पहले ही इशारा कर दिया था। इन नेताओं के साथ अलग से मुलाक़ात करने का मतलब साफ़ है कि भारत इन देशों के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंध बनाने तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर वैचारिक आदान-प्रदान का हिमायती है। अमेरिका यात्रा पर जाने से पहले प्रधानमन्त्री ने यह खुलासा भी कर दिया था कि उनकी इस यात्रा का समापन संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनके एक संबोधन के साथ होगा , जिसमें वैश्विक चुनौतियां खासकर कोविड-19 महामारी, आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण विषयों को केंद्र में रख कर अपनी बात कही गई है।