प्रयागराज: अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की संदिग्ध हाल में मौत के मामले में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जो घटना के ठीक बाद पुलिस के पहुंचने के दौरान का है। सबसे खास बात यह है कि इसमें फर्श पर महंत का शव पड़ा दिखाई दे रहा है और कमरे का पंखा चल रहा है। वीडियो में एक पुलिस अधिकारी इस बाबत मठ में रहने वाले शिष्यों से पूछताछ करते भी दिख रहे हैं। वह सवाल पूछते हैं कि जब दरवाजा खुला तब पंखा चला रहा था या नहीं । जवाब में वहां मौजूद मंहत के शिष्य कहते हैं कि पंखा बंद था और बाद में चलाया गया।
इस बात भी पुलिस अधिकारी सवाल करते हैं कि ऐसा क्यों किया , पुलिस को बुलाना चाहिए था।तो वह शिष्य जवाब नहीं दे पाया और दूसरी बात करने लगा। सनद रहे कि पुलिस जब पहली सूचना पर बाघंबरी मठ पहुंची थी तो जिस कमरे में मंहत नरेंद्र गिरि का शव था ,वह कमरा खोला जा चुका था और शव को फंदे से उतारा जा चुका था।
वीडियो देखने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि महंत ने जिस रस्सी से फांसी लगाई, उसके तीन हिस्से कैसे हुए। अगर माना जाए कि रस्सी काटकर शव को फंदे से नीचे उतारा गया तो भी यह सवाल अनसुलझा ही रहता है। क्योंकि इसमें भी रस्सी के दो ही भाग होंगे। जबकि कमरे में रस्सी तीन हिस्सों में बंटी मिली।सबसे पहला हिस्सा चुल्ले में फंसा मिला। दूसरा हिस्सा महंत के गले में फंसा था। जबकि रस्सी का तीसरा हिस्सा कमरे में पड़ी शीशे की मेज पर रखा मिला। वैसे प्रदेश सरकार ने इस मामले की पड़ताल के लिए एसाईटी का गठन पहले ही कर दिया था।अब सीबीआई जांच की भी सिफारिश कर दी है। प्रसिद्ध मंहत नरेंद्र गिरि का यूं चला जाना हर किसी को सता रहा है।
राजनीतिक दलों की बात छोड़िए आम जन भी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। यहां तक मंहत की संदिग्ध मौत के आरोप में जेल भेजे गए उनके शिष्य आनंद गिरि भी अपने को निर्दोष बताते हुए मामले की जांच करने की मांग कर रहे हैं। मंहत नरेंद्र गिरि का सनातन धर्म के लिए किये गये योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। राम मंदिर निर्माण और पिछले कुम्भ के शानदार आयोजन में उनके योगदान का जिक्र तो प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बराबर कर रहे हैं। बाघंबरी मठ में उनके शिष्यों के अलावा तमाम अखाड़ों के साधुओं,संतों और पदाधिकारियों में भी शोक के साथ अनुत्तरित सवाल भी हैं।
महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी सुलझाने सीबीआई टीम प्रयागराज पहुंची, एक अन्य आरोपी भी जेल में
महंत नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए प्रदेश सरकार की सिफारिश पर सीबीआई की टीम प्रयागराज पहुंच चुकी है। सीबीआई अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम ने यहां पहुंचते ही इस सिलसिले में सारी जानकारी लेना शुरू कर दी है।माना जा रहा है कि सीबीआई की टीम पहले केस दर्ज करेगी और फिर उसके आधार पर शीघ्र ही अपनी पड़ताल शुरू कर देगी।प्रयागराज पुलिस ने भी अपनी कसरत पूरी कर ली है। प्रयागराज पुलिस लाइन मे गुरुवार को एसआइटी की टीम और अन्य सभी अफसरों के साथ एडीजी प्रेम प्रकाश ने बैठक की। इस बैठक में सभी थाना के प्रभारियों के साथ सीओ तथा एएसपी भी थे। इनका मानना है कि अब जल्द ही सीबीआइ टीम पहुंचकर इस केस को अपने हाथ में लेगी।इस केस को लेने से पहले सीबीआइ की एक टीम प्रयागराज में केस की जानकारी भी ले रही है।
उधर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और संगम बड़े हनुमान मंदिर के महंत स्वर्गीय नरेंद्र गिरी के मामले में वांछित तीसरे अभियुक्त संदीप तिवारी को आज प्रयागराज पुलिस के क्राइम ब्रांच की टीम ने कोर्ट में पेश किया जहां पर उसे 24 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कोर्ट में उसने स्वयं को निर्दोष बताया है। कोर्ट परिसर में पेशी के बाद नैनी जेल ले जाते समय वकीलों के द्वारा छीना झपटी भी की गई।संदीप तिवारी के वकील कहना है की कोर्ट में अभी मामले में संदीप की भूमिका के विषय में जानकारी हासिल करने की कोशिश की है अब अगली तारीख से इस विषय में पूरी जानकारी एवं पुलिस की चार्जशीट के आधार पर न्यायिक कार्रवाई करने की बात कही है।