नई दिल्ली: राहुल गांधी ने कहा आज हिंदुस्तान की जनता और पूरे विपक्ष की एक ही मांग है, हमें सच बताया जाये का पूरा का पूरा अपोजिशन यहां है क्योंकि संसद में सरकार तानाशाह बनी हुई है – क्योंकि जो हमारी आवाज है, उसे पार्लियामेंट हाउस में दबाया जा रहा है। हमारा सिर्फ एक सवाल है – क्या हिंदुस्तान की सरकार ने पेगासस को खरीदा, हाँ या ना? क्या हिंदुस्तान की सरकार ने अपने लोगों पर पेगासस हथियार का इस्तेमाल किया – हाँ या ना? हम सिर्फ ये जानना चाहते हैं।
हमें क्लियरली बताया गया है, सरकार ने बताया है कि हाउस में पेगासस पर कोई भी बातचीत नहीं होगी। मैं हिंदुस्तान के युवाओं से, जनता से पूछना चाहता हूं – आपके फोन के अंदर, नरेन्द्र मोदी जी ने एक हथियार डाला है, मेरे खिलाफ वो हथियार का प्रयोग किया गया। सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ उस हथियार का प्रयोग किया गया, बाकी नेताओं के खिलाफ वो हथियार प्रयोग किया गया, प्रेस के लोगों के खिलाफ ये हथियार का प्रयोग किया गया। एक्टिविस्ट्स के खिलाफ इस हथियार का प्रयोग हुआ, तो सदन में बात क्यों नहीं होनी चाहिए? क्या कारण है कि सदन में बात नहीं हो रही है? ये सवाल है।
हमारे बारे में कहा जाता है कि हम पार्लियामेंट को डिस्टर्ब कर रहे हैं। हम पार्लियामेंट को डिस्टर्ब नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ हमारी जो जिम्मेदारी है, उसे पूरा करना चाहते हैं और मैं सिर्फ एक कांग्रेस पार्टी का नेता नहीं बोल रहा हूं, हर एक पार्टी का नेता आपको ये बताएगा कि हम सिर्फ अपनी जिम्मेदारी पूरा करना चाह रहे हैं। ये जो हथियार है, ये हिंदुस्तान के खिलाफ यूज किया गया है। इस हथियार को आतंकवादियों के खिलाफ प्रयोग करना चाहिए, देशद्रोहियों के खिलाफ प्रयोग करना चाहिए।
हम नरेन्द्र मोदी से, अमित शाह से ये पूछ रहें हैं कि आपने इस हथियार का प्रयोग हिंदुस्तान के लोकतांत्रिक इंस्टीट्यूशन्स के खिलाफ क्यों किया? हिंदुस्तान के लोकतंत्र ने क्या किया है, जो आपने इस हथियार को लोकतंत्र के खिलाफ यूज किया है? ये सवाल है।
एक प्रश्न पर कि आप ये कह रहे हैं कि सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया कि किसी तरह की कोई चर्चा करनी ही नहीं है पेगासस पर, तो सदन चलेगा कैसे?
राहुल गांधी ने कहा कि देखिए, आइडिया क्या है, हमारे सामने क्या प्रॉब्लम है और देश की जनता को ये समझना होगा। अगर हमने अभी कह दिया कि हम पेगासस पर डिस्कशन नहीं करेंगे और हम किसी और चीज पर डिस्कशन करेंगे, तो पेगासस खत्म हो जाएगा। पेगासस का उसके बाद कोई डिस्कशन नहीं हो सकता। मगर जो पेगासस का मामला है, वो हमारे लिए नेशनलिज्म का मामला है, ट्रीजन का मामला है। क्योंकि ये जो हथियार है, ये लोकतंत्र के खिलाफ इस्तेमाल किया गया है, ये प्राइवेसी का मामला नहीं है। मेरे लिए ये प्राइवेसी का मामला नहीं है। मेरे लिए ये एंटी नेशनल काम है। नरेन्द्र मोदी ने और अमित शाह ने हिंदुस्तान के लोकतंत्र की आत्मा पर चोट मारी है। इसलिए हम पेगासस पर डिस्कशन चाहते हैं और इसलिए हम पेगासस पर डिस्कशन होने से पहले कहीं नहीं जाएंगे।
एक अन्य प्रश्न पर कि सरकार के जो मंत्री हैं, जब वो जवाब देते हैं, तो टीएमसी के सांसद उनका पर्चा फाड़ देते हैं, तो फिर उस पर बात कैसे होगी?
राहुल गांधी ने कहा कि आप डिस्ट्रैक्ट मत कीजिए। ठीक है, मैं जानता हूं कि आप किसके लिए काम करते हो। आपको डिस्ट्रैक्ट करने की जरुरत नहीं है। जनता जानती है कि हिंदुस्तान के लोकतंत्र पर आक्रमण हुआ है। दिल में तीर मारा गया है। हम सिर्फ ये बात करना चाहते हैं पार्लियामेंट में, पहला सवाल क्या ये सरकार ने किया, हां या ना? और दूसरा हम डिस्कस करना चाहते हैं ये तीर कहाँ-कहाँ लगा?