पेगासस के खुलासे के बाद से विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा , अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है जो बीजेपी के लिए आने वाले समय में खतरनाक हो सकता हैं। कांग्रेस का आरोप है बीजेपी ने लोकतंत्र का चीरहरण किया है और गलत तरीके से कर्नाटक की सरकार गिराई है। पेगासस जासूसी के साथ ये बेपर्दा हुआ है कि कैसे प्रधानमंत्री और अमित शाह ने चुनी हुई सरकारों को खरीद – फरोख्त के माध्यम से गिराने के षड्यंत्र में पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया, ताकि कांग्रेस की कोलेशन सरकार को कर्नाटक में गिराया जा सके।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा अभी तक ये हिंदुस्तान के आम आदमी के बाथरुम और बेडरूम में झांक कर उसका बेटा, बेटी, पत्नी, मां, बाप क्या देखते हैं, या क्या करते हैं, ये जानने की कोशिश कर रहे थें, संवैधानिक अधिकारों, मौलिक अधिकारों के हनन तक सीमित था। पर अब ये बात उससे भी आगे बढ़ गई है। जब प्रधानमंत्री और मोदी सरकार प्रजातंत्र की हत्या करें। मोदी सरकार ने चुने हुए जनमत की हत्या की है।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। मोदी सरकार ने संविधान को पांव तले रौंदा है। मोदी सरकार ने प्रजातंत्र का चीरहरण किया है और मोदी सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर का दुरुपयोग कर कांग्रेस और जनता दल की सांझी सरकार को कर्नाटक में गिरा कर एक नाजायज भाजपा सरकार का गठन किया है। अब ये सारी परतें खुल गई हैं। और क्या ये कर्नाटक की सरकार गिराने तक सीमित था। शायद अगला सनसनीखेज खुलासा होगा कि इस स्पाइवेयर के माध्यम से मध्य प्रदेश की कांग्रेस की सरकार भी गिराई गई या फिर अरुणाचल की सरकार भी गिराई गई, मणिपुर की सरकार भी गिराई गई, गोवा के जनमत से भी कांग्रेस को वंचित कर दिया, जनमत मिलने के बाद। और ना जाने कहाँ-कहाँ, कौन-कौन सी सरकारें गिराई गई, ये सब अब सामने आ जाएगा।
कर्नाटक की सरकार गिराने के खेल में जासूसी का सहारा ले मोदी – शाह की जोड़ी ने साबित कर दिया है कि उनके लिए केवल और केवल सत्ता की कुर्सी सबकुछ है जिम्मेदारियों की हत्या हो तो हो और लोकतंत्र देश से खत्म हो जाए तो हो, इसलिए ये सवाल अब केवल राहुल गांधी की जासूसी तक या तृणमूल कांग्रेस के साथियों की जासूसी तक अब ये नहीं रहा, तृमणूल कांग्रेस की। अब ये सवाल उससे बड़ा हो गया है।
तृणमूल कांग्रेस या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रश्न नहीं, व्यक्तियों का प्रश्न नहीं, ये तो लोकतंत्र की जासूसी कर लोक जनतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं। और क्या ऐसे गृहमंत्री अमित शाह को एक क्षण के लिए भी अपनी गद्दी पर बने रहने का अधिकार है?
मल्लिकाजुर्न खड़गे ने कहा डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशन को खत्म करने के लिए ये साजिश रची जा रही है और वो एक्सेस भी हो रहे हैं। हमारी कर्नाटक सरकार को गिराने की कोशिश किसने की ये तो उजागर हो गया। पूरे डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशन को और डेमोक्रेसी को खत्म करने के लिए मोदी जी और शाह तैयार हो गए हैं। डेमोक्रेटिक वे से ही उन्होंने सत्ता हासिल की है, लेकिन डेमोक्रेसी को खत्म करके अथॉरिटेटिव, डिक्टेटरशिप चलाने की कोशिश वो कर रहे हैं। जजासूसी का इस्तेमाल करके, मध्यप्रदेश, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल की सरकार बनाई है। महाराष्ट्र में भी हाथ डालने की उनकी कोशिश हो रही है।
हम अब हमारे पास लड़ने के सिवाए और कुछ हथियार नहीं और लोगों के पास जाना पड़ेगा और लोगों को ये बताना पड़ेगा। इन विषयों को हम पार्लियामेंट में उठाएंगे, राज्यसभा में उठाएंगे। राज्यसभा में पहले इसको उठाया था, लेकिन कोविड की वजह से वो वहीं पर रुक गया। हम सभी चाहते हैं कि असलियत बाहर आ जाए और डेमोक्रेसी की हिफाजत के लिए, संविधान की हिफाजत के लिए हमें क्या करना है, वो कदम हम उठाएंगे।
फ्रांस में इसकी जांच हो रही है, जो ये अपने स्नूपिंग किया जा रहा है, जो इजरायल कंपनी से आप खरीद कर जो कर रहे हैं। उसके फ्रेंच गवर्मेंट ने जांच की शुरुआत की है। तो इसलिए हम ये चाहते हैं कि यहाँ पर हम इस प्रश्न को उठाएंगे, लेकिन ऐसी गंदी हरकतें, डर्टी पॉलिटिक्स जो कर रहे हैं, इसका हम खंडन करते हैं और ये जनता भी सहन नहीं करेगी और हम भी सहन नहीं करेंगे।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि देखिए ये जासूसी तंत्र जिस ढंग से एक के बाद एक ये बीजेपी सरकार के नापाक इरादों के बयान देते हैं, इसमें ये साबित होता है कि आज हिंदुस्तान में लोकतंत्र को आज की बीजेपी पार्टी ने एक जासूसी तंत्र में तब्दील कर दिया है। और ये जासूसी तंत्र सारे हिंदुस्तान में मोदी की एक नई कला, मोदी जी और अमित शाह की एक नई चुनावी कला लेकर हमारे सामने हाजिर हुए हैं।
चुनाव में जीतने के बाद मोदी जी तो सर्कल में आए, सत्ता बनाए, लेकिन दूसरी पार्टियां जब चुनाव जीतने के बाद सरकार बनाने की कोशिश करेगी, मोदी – अमित शाह जो दोनों की जोड़ी है, ये दोनों मिलकर उसे गिराने की, सरकार को तोड़-फोड़ करने के लिए ये जासूसी तंत्र को इस घिनौने तरीके से, ये घिनौना कारगुजारी से इस्तेमाल करके एक नई मिसाल सिर्फ देश में नहीं दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं कि ये है मोदी का न्यू इंडिया। जहाँ जासूसी तंत्र का राज है। सरकार बनाते हैं, गिराते हैं, कम से कम ये तो कह दें, ये सरकार ऑफ दी सर्विलेंस, फॉर दी सर्विलेंस, बाय दी सर्विलेंस। ये तो कुछ नहीं है, ये टीप ऑफ दी आईस बर्ग है और कितने-कितने नाम, कितने-कितने घिनौने काम इन्होंने किया है, इसका पता चलना अभी बाकी है। ये तो सिर्फ एक झांकी हैं। जासूसी तंत्र के बहुत सारे घिनौने काम और घिनौनी साजिश देखना अभी बाकी है।
पूर्व सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश थे रंजन गोगोई, जिनको मोदी जी ने बड़ा पुरस्कार से नवाजा है। सुप्रीम कोर्ट की जज मोदी की दया से, दुआ से राज्यसभा के मेंबर भी बन चुके हैं। तुरंत उनकी निवृति के बाद आज उनके थोड़ा आगे के घटनाक्रम को सेवा निवृति से पहले देखना चाहिए, किस ढंग से उन्होंने इस सरकार की मदद की। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं खुद। हम सब जैसे लोग उतना मोबाइल जैसे नहीं हैं और वो जब देखा कि इनके पास नहीं है इनके हाथ में, किनके हाथ में इनका मोबाइल है, उनके ऊपर निगरानी करो, उनके ऊपर जासूसी करो और कुमार स्वामी सरकार को गिराओ। कुमार स्वामी सरकार को गिराने के लिए किस ढंग से उन्होंने इस्तेमाल किया था अपने जासूसी तंत्र का, इसके जीते – जागते सारे उदाहरण हमारे सामने हैं।