गाजियाबाद/भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दिल्ली में किसान संसद के आयोजन से एक दिन पहले मंच से कहा कि सरकार अभी किसानों की सुध लेने को तैयार नहीं है। आठ महीने से पूरे देश का किसान सड़कों पर पड़ा है। देश में बड़ा आंदोलन होगा, किसान क्रांति होगी। यह किसान क्रांति ही तो है कि पूरे देश का किसान सर्दी, गर्मी और अब बरसात में भी सड़कों पर पड़ा है। मौसम की मार, सरकार की मार, पुलिस फोर्स की मार, पानी यहां पर नहीं देते उसकी मार। यह क्रांति ही तो है कि आठ माह से विपरीत परिस्थितियों में भी किसान डटा हुआ है।
टिकैत ने सरकार को चेताते हुए कहा कि यहां पानी की जरूरत है तो बोरिंग करेंगे, ध्यान से सुन ले सरकार। यहां जिन सुविधाओं की जरूरत है तो है। यहां बिजली की कटौति करी तो बगल में बना बिजलीघर नहीं चलेगा। धरना बिजली घर में ही दिया जाएगा। जो रास्ते खाली हैं वो रास्ते इनको खोलने चाहिएं। जनता की परेशानी बढाना गलत है।उनका इशारा गाजीपुर बार्डर से डाबर की ओर जाने वाली सड़क की ओर था। हम पहले भी कह चुके हैं, आज फिर कह रहे हैं, किसान छिपकर दिल्ली में नहीं जाएगा। हम पहले से कहकर जाएंगे। फिलहाल हमारा जंतर मंतर पर किसान संसद का कार्यक्रम है। रोजाना संयुक्त मोर्चा की ओर से दो सौ किसान बस में बैठकर जंतर मंतर जाएंगे।
किसान संसद के आव्हान से एक दिन पहले गाजीपुर बार्डर पर चहल पहल काफी बढी हुई देखी गई। कर्नाटक से किसानों का जत्था चुक्की नंजुदा स्वामी के नेतृत्व में गाजीपुर बार्डर पहुंचा। भाकियू नेता राकेश टिकैत के मुताबिक 21 जुलाई, 1980 को कर्नाटक में हुए एक किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में दो किसान शहीद हो गए थे। बुधवार को गाजीपुर बार्डर के मंच से शहीद हुए किसानों को श्रद्घांजलि दी गई। किसानों ने दो मिनट का मौन रखा। कर्नाटक की किसान नेता चुक्की नंजुदा स्वामी ने भी इस मौके पर किसानों को संबोधित किया। भाकियू मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया बृहस्पतिवार को चौधरी राकेश टिकैत के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल किसान संसद में प्रतिभाग करेगा।
खाद्य श्रंखला को कंट्रोल करने का प्रयास हैं कृषि बिल -चुक्की नंजुदा स्वामी
आज ऐसे कानून लाए जा रहे हैं जिससे हमारी खाद्य श्रंखला को कंट्रोल किया जा सके। यूएन में होने वाले फूड सम्मिट पर भी कारपोरेट के कब्जे का खतरा मंडरा रहा है। पूरी दुनिया अपने-अपने देश में इस खतरे से लड़ रही है, हम ऐसा नहीं होने देंगे। सरकार को यह बिल वापस लेने होंगे। उन्होंने कहा कि विद्युत बिल आने से कर्नाटक के किसानों को मिलने वाली 10 हॉर्सपावर बिजली बंद हो जाएगी। हम ऐसे बिल का विरोध करते हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि 30 जुलाई से गाजीपुर बार्डर पर कर्नाटक के किसानों का जत्था टैंट लगाकर रहेगा। उस जत्थे में हमेशा दो सौ किसान बने रहेंगे। जो किसान पहले आएंगे उनके लौटने से पहले दूसरे किसान यहां पहुंच जाएंगे।