महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ गंगापुर परिसर के 4 संविदा शिक्षकों को बुलाकर सेमेस्टर परीक्षा में ड्यूटी करा कर सादे कागज पर साइन करने को कहा गया तो इन शिक्षकों ने ड्यूटी का बहिष्कार कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मुख्य परिसर एवं गंगापुर परिसर के लगभग 17 संविदा शिक्षकों का 30 जून 2021 को 5 साल का करार खत्म हो गया है जिनका विस्तारीकरण प्रक्रिया चल रही हैं। इसी दौरान सेमेस्टर परीक्षा विश्वविद्यालय में प्रारंभ हो गई।
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के आदेश पर मुख्य परिसर के संविदा शिक्षकों को ड्यूटी चार्ट देकर परीक्षा में सहयोग लिया जा रहा है, लेकिन विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के आदेश को नकारते हुए इतिहास विभागाध्यक्ष एवं गंगापुर कैंपस के डायरेक्टर प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने इतिहास विभाग की पर्यावरण की एक शिक्षक तथा गंगापुर परिसर के 4 शिक्षकों का ड्यूटी चार्ट कटवा दिया और इन पांचों शिक्षकों को बुलाकर ड्यूटी करने को कहा गया इन शिक्षकों ने ड्यूटी करने गए ड्यूटी के दौरान इन शिक्षकों से सादे कागज पर साइन करने को कहा गया। जब इन शिक्षकों को पता चला तो इन पांचों संविदा शिक्षकों ने ड्यूटी करने से इंकार कर दिया साथ ही ड्यूटी कटवाने को लेकर इन शिक्षकों में रोष व्याप्त है।
कल ही तक्षकपोस्ट ने खबर डाली थी गंगापुर परिसर में क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाकर परीक्षा कराने के व्यवस्था में भी प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने जानबूझ कर गड़बड़ी की थी। गंगापुर परिसर में चल रहे वार्षिक स्नातक एवं स्नातकोत्तर,सेमेस्टर परीक्षा में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड-19 को धज्जियां उड़ाते हुए गंगापुर परिसर के डायरेक्टर प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने एक-एक कक्ष में 120 छात्र छात्राओं को बैठने पर मजबूर कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गंगापुर परिसर में चल रहे वार्षिक स्नातक एवं स्नातकोत्तर सेमेस्टर परीक्षा में कोविड-19 को धज्जियां उड़ाते हुए क्षमता से अधिक छात्र छात्राओं को बैठने पर मजबूर किया जा रहा है । गंगापुर परिसर के डायरेक्टर प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए वार्षिक परीक्षा में छह केंद्रों का परीक्षा अपने पास रखवालिया जबकि गंगापुर परिसर कैंपस में परीक्षार्थियों की बैठने की क्षमता मात्र 350 है लेकिन कुर्सी बचाने के लिए छात्र छात्राओं को करोना के इस संकट घड़ी में एक टेबल पर 4–4 परीक्षार्थियों को बैठने पर मजबूर किया जा रहा है।
एक सेटिंग पाली में गंगापुर परिसर में हजार परीक्षार्थियों को बैठाया जा रहा है। जबकि छोटे कमरें में मात्र एक 20 छात्र-छात्राओं के स्थान पर 50 परीक्षार्थियों को बैठाए जा रहे हैं ,वही बड़े कमरों में 60के स्थान पर 80 परीक्षार्थियों को बैठाया जा रहा है वहां पर एक हॉल है जिसमें 120 परीक्षार्थियों को बैठाया जा रहा है। सुबह की पाली में एक बेंच पर 4–4 परीक्षार्थी को बैठाया जा रहा है, जबकि दोपहर एवं सायंकाल वाली परीक्षा पाली में एक एक बेंच पर 3–3 छात्राओं को बैठाया जा रहा है। वहां पर मात्र 25 शिक्षक है जो सभी संविदा पर हैं। इन शिक्षकों से तीनों पालियों में परीक्षा ड्यूटी कराई जा रही है। जिसके कारण बहुत सारे शिक्षक करोना काल में संक्रमित भी हो जा रहे हैं फिर भी दवा खा कर अपने दायित्वों का पालन कर रहे हैं।
मौजूदा प्रोक्टोरियल बोर्ड ने इस्तीफा दे दिया है, अब योगेंद्र चीफ प्रॉक्टर बनने के लिए जोर शोर से लॉबिंग कर रहा है।कुलपति यदि उसे बना देते हैं तो उनके लिए यह आतमघाती कदम होगा।