दिल्ली: अपने मिजाज और अंदाज के लिए बनारस पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है, बात चाहे कला की हो, साहित्य की हो या खेल की ।यहाँ की मिट्टी ने एक से एक प्रतिभा को देश के लिए तैयार किया है। इस बार मौका और दस्तूर भी है। बनारस के बेटे ललित उपाध्याय इस बार टोक्यो ओलिंपिक में खेलेंगे। ललित का चयन नेशनल हॉकी टीम के लिए किया गया है।
शुक्रवार को 16 खिलाड़ियों के लिए ललित का भी चयन का ऐलान किया गया है। नये और अनुभवी खिलाड़ियों से लैस ये टीम टोक्यो में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। टीम में 10 नये खिलाड़ी ऐसे है जो पहली बार ओलिंपिक में जा रहे हैं।
भारतीय टीम को पूल ए में रखा गया है, इस टीम के साथ मौजूदा चैंपियन अर्जेंटीना भी है। इसके अलावा इस ग्रुप में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्पेन और मेजबान जापान भी शामिल है।
बनारस के शिवपुर क्षेत्र के छोटे से गांव भगवानपुर से निकले ललित ने यूपी कॉलेज में पढ़ते हुए हॉकी की एबीसीडी सीखी और अब तक 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं।
ललित उपाध्याय सेंटर फॉरवर्ड खेलते हैं। विश्व चैंपियनशिप, एशियन चैंपियनशिप सहित इसी वर्ष चार से पांच अंतरराष्ट्रीय मैचों में हिस्सा ले चुके हैं। दो हॉकी विश्व कप में खेल चुके हैं ललित।
बनारस से ललित पहले खिलाड़ी नहीं है देश के लिए हॉकी स्टिक थामने वाले-
बनारस ने ही ओलंपियन मोहम्मद शाहिद, विवेक सिंह(दोनो स्वर्गीय) और राहुल सिंह ने देश दुनिया में बनारस का नाम रोशन किया। उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए दो हॉकी विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके ललित उपाध्याय अब टोक्यो ओलंपिक में अपना जलवा बिखेरेंगे।
ललित के चयन से क्षेत्र में खुशी की लहर है, सेना और खेल के खिलाड़ी दोनों देश के लिए अपनी योग्यता का प्रदर्शन करते है। ऐसे में जब देश के लिए किसी का चयन हो तो मौका खुशी और गर्व का हो जाता है ।
ललित मौजूदा वक्त में बंगलौर में अभ्यास कर रहे है। उनके गांव भगवानपुर में उनकी मां रीता और पिता सतीश उपाध्याय के परिवार में दो बेटों में ललित छोटा है। जबकि बड़ा बेटा अमित प्रयागराज में नौकरी करता है।