दिल्ली: बेंगलुरू से सांसद और BJP के युवामोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चहेते और काफी करीबी माने जाते है इस बार कठघरे में है , सूर्या पर आरोप है कि उनके चाचा और भाजपा नेता बसावनागुड़ी से तीन बार के विधायक, वरिष्ठ भाजपा नेता – रवि सुब्रह्मण्यम को लेकर एक चौकानें वाला मामला सामने आया है, स्थानीय मीडिया में एक ऑडियो टेप वायरल हुआ है। आज दोपहर से इस टेप को लेकर चर्चा है।
इस वायरल ऑडियो में एक निजी अस्पताल के साथ एक व्यक्ति की बातचीत हुई है, जिसमें होने बातचीत सीधे तौर पर ये साबित करती है कि भाजपा और उसके नेता कोरोना के वैक्सीन के कालाबाज़ारी में शामिल है। और इस आपदा में भी कमाई कर रहे है।
सरेआम रिकॉर्डिंग में, जो कि लीक हुई है, एक निजी अस्पताल के सुपरवाइजर, एक व्यक्ति को फोन पर बताती हैं कि वैक्सीन प्रति वैक्सीन शॉर्ट एक डोज की कीमत 900 रुपए से कम नहीं हो सकती। क्योंकि 700 रुपए रवि सुब्रह्मण्यम को देने होते है। यह रिकॉर्डिंग सार्वजनिक पटल पर है। यह रिकोर्डिंग स्थानीय मीडिया में दोपहर से चल रही हैं।
Hospital Staff & Social Worker Audio Conversation Alleging Vaccine Money Paid To MLA Ravi Subramanya
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— TV9 Kannada (@tv9kannada) May 29, 2021
700 रुपए कहा जा रहा है कि रवि सुब्रह्मण्यम को देने पड़ते हैं प्रति टीका। कुछ दिन पूर्व इनके भतीजे, युवा सांसद, तेजस्वी सूर्या, ने इसी अस्पताल के लिए बड़े-बड़े विज्ञापन लगाए उन्होंने अपने क्षेत्र में, प्रचारित किया। निजी अस्पताल के नाम के साथ एक ड्राइव प्रचारित की, उसमें उस बोर्ड में लिखा है 900 रुपए प्रति टीका। निजी अस्पताल को एक सांसद विज्ञापन में लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं, लोगों को बता रहे हैं कि एक मुहिम शुरु की है, आईए टीका लगवाइए। सरकारी अस्पताल में नहीं, निजी अस्पताल में और आज रिकॉर्डिंग आती है, उसी निजी अस्पताल और उससे संबंधित नर्सिंग होम के सुपरवाइजर की। जो एक गरीब व्यक्ति को भी कहते हैं कि नहीं 900 रुपए से एक पैसा कम नहीं हो सकता क्योंकि 700 रुपए भारतीय जनता पार्टी के विधायक जो कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद के चाचा हैं, रिश्ते में, रवि सुब्रमण्यम को देने पड़ते हैं। सूर्या ने इन विज्ञापनों को अपने ट्विटर एकाउंट पर भी डाला था।
कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाया है और मीडिया से बात करते हुये वरिष्ठ नेता और पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा-
बहुत गंभीर मसला है। क्या जन प्रतिनिधियों की यह भूमिका है? यह तो एक बुनियादी सवाल है। क्या जनप्रतिनिधि, हम जनता की सेवा में इसलिए हैं कि इस तरह से आपदा में अवसर ढूंढे?
हमारा दूसरा सवाल, जहाँ एक और सरकारी अस्पतालों में टीके नहीं मिल रहे हैं, उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। लोग प्रतीक्षारत हैं, परेशान हो रहे हैं। जिनको पहला डोज लग चुका है, उनको दूसरा डोज नहीं मिल पा रहा है। 12 सप्ताह से ज्यादा हो चुका है और जो 44 से कम की उम्र का अब नया नियम आया है, उनको पहला डोज भी नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि टीके उपलब्ध नहीं हैं। वहीं निजी अस्पताल में ना केवल टीके उपलब्ध हो रहे हैं या करवाए जा रहे हैं। बाकायदा जनप्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रचारित करते हैं, लोगों को बोलते हैं कि आईए निजी अस्पताल में लगवाइए।
सवाल हमारा ये है कि ये टीके सरकारी अस्पताल में ना मिलकर निजी अस्पताल में कैसे पहुंच रहे हैं, कौन पहुंचा रहा है, कैसे पहुंचाए जा रहे हैं? बुनियादी सवाल हमने आपसे पूछा है। क्या भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि इसलिए राजनीति में हैं कि इस तरह से लोगों की मजबूरी का फायदा उठाएं। इस तरह से लोगों को मजबूर करें कि निजी अस्पताल में जाकर टीके लगवाएं, 900 रुपए में खरीदें।
पवन खेड़ा ने तंज करते हुए ये भी कहा
कि इन सवालों के जवाब देगा कौन – नड्डा जी देंगे, मोदी जी देंगे, जिनकी आंखों के तारे हैं – तेजस्वी सूर्या? जावडेकर जी देंगे, स्मृति ईरानी जी देंगी, क्योंकि यहाँ तो मालूम नहीं पड़ता किस बात का जवाब कौन देगा?
हम ये मांग करते हैं कि तुरंत प्रभाव से तेजस्वी सूर्या, भारतीय जनता पार्टी के बेंगलुरु के सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
वैक्सीनेशन तेजी से किया जाना चाहिए। ऐसे समय में बीजेपी की वैक्सीन सेल सबके सामने आ चुकी है। भाजपा को अपने ऐसे कृत्यों पर शर्म आनी चाहिए : श्री @srinivasiyc#vaccinechorbjp
— Congress (@INCIndia) May 29, 2021
हम यह मांग करते हैं कि रवि सुब्रह्मण्यम, बसावनागुड़ी के विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं तेजस्वी सूर्या के चाचा के खिलाफ तुरंत प्रभाव से एफआईआर दर्ज की जाए। और केश फॉर क्वेश्चन की तर्ज पर जहाँ सदस्यता रद्द कर दी गई थी, समाप्त कर दी गई थी। ये केश फॉर वैक्सीन में भी तुरंत प्रभाव से तेजस्वी सूर्या, भारतीय जनता पार्टी के सांसद की सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए।
ठीक उसी तर्ज पर रवि सुब्रह्मण्यम, विधायक की भी कर्नाटक विधानसभा से सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए। ये हमारी दूसरी मांग है।
हमारी तीसरी मांग है कि महामारी के बीच जहाँ लोग परेशान हो रहे हैं, तड़प रहे हैं, दुखी हो रहे हैं, प्रतीक्षा कर रहे हैं। नहीं मिल रही उनको वैक्सीन। बीच महामारी के सरकारी कोटे की वैक्सीन निजी अस्पतालों में पहुंच जाए और वहाँ 900 रुपए में बिके, जहाँ इसमें से 700 रुपए एक भारतीय जनता पार्टी के विधायक के पास जा रहे हों। हम यह मांग करते हैं कि इनकी तुरंत गिरफ्तारी की जाए।