देश में कोरोना महामारी ने अप्रत्याशित मानवीय विभीषिका का विकराल रूप धारण कर लिया है। ये कहना है सभी विपक्षी दलों का कुछ जरूरी मुद्दों को लेकर एक संयुक्त पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा गया है , जिसमें एक सुर में सभी ने तत्काल प्रभाव से ध्यान देने की अपील की सरकार से ताकि इस महामारी पर लगाम लग सके।
विपक्ष ने पहले भी इस तरह के सकारात्मक सुझाव और पत्र प्रधानमंत्री को लिखे है। देखिये क्या लिखा है पत्र में।
आपका ध्यान पार्टी स्तर पर एवं संयुक्त रूप से उन विभिन्न उपायों की ओर आकृष्ट किया है, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा लागू किया जाना अति आवश्यक है। दुर्भाग्यपूर्ण रूप से आपकी केंद्र सरकार ने उन सभी सुझावों को या तो नजरंदाज कर दिया या फिर मानने से इंकार कर दिया। इस तरह से स्थिति और ज्यादा बिगड़कर भयावह मानवीय त्रासदी की तरफ बढ़ गई।
देश को इस दुखद स्थिति में लाकर खड़ा कर देने वाली केंद्र सरकार के क्रियाकलापों और भूलों के विस्तार में जाए बिना हमारा दृढ़ विचार है कि निम्नलिखित सुझावों को आपकी सरकार द्वारा युद्धस्तर पर लागू किया जाना चाहिए।
1.सभी घरेलू बाजार या विदेश से, जहां से भी संभव हो, केंद्रीय
स्तर पर वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाए।
2.पूरे देश में तत्काल निशुल्क और यूनिवर्सल वैक्सीनेशन
अभियान शुरू किया जाए।
3. देश में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनिवार्य
लाईसेंसिंग लागू किया जाए।
4.वैक्सीन के लिए बजट में आवंटित 35,000 करोड़ रु. खर्च
किए जाएं।
5. सेंट्रल विस्टा के निर्माण को रोका जाए। इसके स्थान पर
आवंटित धनराशि का इस्तेमाल ऑक्सीजन और वैक्सीन
खरीदने के लिए किया जाए।
6. गैरजवाबदेह निजी ट्रस्ट फंड, पीएमकेयर्स में रखी पूरी
धनराशि को ज्यादा वैक्सीन, ऑक्सीजन एवं जरूरी मेडिकल
उपकरण खरीदने के लिए जारी किया जाए।
7.सभी बेरोजगारों को कम से कम 6,000 रु. प्रतिमाह की
मदद की जाए।
8. जरूरतमंदों को अनाज का निशुल्क वितरण किया जाए।
(केंद्र के गोदामों में इस समय एक करोड़ टन से ज्यादा अनाज
सड़ रहा है)
9.हमारे लाखों अन्नदाताओं को महामारी का शिकार होने से बचाने के लिए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए ताकि वो देश के लोगों को भोजन देने के लिए अनाज का उत्पादन करते रहें।
यद्यपि आपके कार्यालय या सरकार द्वारा ऐसा करने की प्रथा नहीं है, फिर भी हम भारत और हमारे नागरिकों के हित में आपसे प्रतिक्रिया की अपेक्षा करते हैं।